...पापा परेशान मत होए सब ठीक है, मैं सायरा हूं, मुस्तफा आपका पोता भी बिल्कुल ठीक है उसे जांच के लिए भेजा गया है। परिवार के सभी लोग सुरक्षित हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता जीशान हैदर के पिता आमीर हैदर को जैसे ही सिविल की इमरजेंसी में एंबुलेंस से उतारा गया। अस्पताल में मौजूद उनके परिजन उन्हें स्ट्रेचर पर लिटाए-लिटाए ढांढस बंधा रहे थे। सभी की आंख आंसू से नम थी। कोई मलबे में दबे अपने परिजनों की तलाश में रोते बिलखते इमरजेंसी पहुंच रहा था। जहां पर अपने परिजन को सकुशल पाकर थोड़ा राहत महसूस कर रहे थे। अस्पताल में मासूम बच्चे समेत सात लोग को भर्ती कराया गया था। इसमें एक बुजुर्ग मरीज की हालत गंभीर बनी थी।
बिल्डिंग ढही पता नहीं चला, अस्पताल में आया होश
आलिया अपार्टमेंट के चौथे तल पर रहने वाले से बीएचएल से रिटायर्ड आर्मस अफसर करीब चार साल से यहां पर रहते हैं। शाम को वह अपनी पत्नी संग फ्लैट में थे तभी अचानक भरभराकर बिल्डिंग ढह गई। मो. यूसूस खांन ने बताया कि वह सोफे पर बैठकर टीवी देख रहे थे। बिल्डिंग कब गिरी पता नहीं चला। अस्पताल पहुंचा तब होश आया। मुझे पता नहीं कब क्या हुआ।
मकबरे से वापस लौटकर चाय बना रही थी नसरीन
बिल्डिंग के चौथे पर रहने वाले मो. यूसूफ खांन की पत्नी नसरीन दोपहर में आए भूकंप बाद से थोड़ा असहज महसूस कर रही थी। शाम को वह मकबरा गई। वहां पर धार्मिक पुस्तक भी पढ़ी और दुआ किया कोई बड़ी आपदा न आए। नसरीन बताती हैं कि उनके यहां बगल फ्लैट में रहने वाले पड़ोसी आए थे। किचन में जाकर वह उनके लिए चाय बना रही थी। इसी दौरान हादसा हो गया। वह बताती हैं कि घटना में क्या हुआ मुझे भी कुछ होश नहीं है।
इमरजेंसी में अफरातफरी का माहौल
सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में अफरातफरी का माहौल था। घटना बाद इमरजेंसी को आनन फानन में खाली करा लिया गया। सभी डॉक्टरों को इमरजेंसी में बुला लिया गया। अफसरों संग सभी स्टॉफ इमरजेंसी में मौजूद रहे। एक-एक करके सॉयरन बजाती हुई एंबुलेंस आना शुरू हुई तो वहां पर चीख पुकार मच गई। घायलों को देखकर उनके परिजन बिलखने लगे। रात करीब साढ़े आठ बजे डीजी हेल्थ ने भी निरीक्षण करके घायलों का हाल लिया।
यह घायल अस्पताल में भर्ती
एशले बर्न्स, मो. यूसूफ खान उनकी पत्नी नसरीन, मुस्तफा व उसके दादा आमीर हैदर, रंजना अवस्थी व उनकी बेटी अलोका भर्ती हैं।