गोरखपुर जिले के तिवारीपुर के डोमिनगढ़ में पकड़ा गया मऊ निवासी शेखर अपने साथियों संग अनाथ आश्रम की आड़ में बच्चों की खरीद-फरोख्त का गिरोह संचालित करता है। एक बच्चे की मां को प्रलोभन देकर शेखर ने गिरोह के गुर्गों के साथ ले जाने की साजिश रची थी। लेकिन, अपने ही बुने जाल में आरोपी फंस गए। पुलिस ने दस महीने के बच्चे अंश को बरामद करते हुए गिरोह में शामिल सात लोगों को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश कर दिया। वहीं, घटना में वांछित पांच नामजद लोगों की तलाश में पुलिस जुटी है।
उधर, मऊ में संचालित अनाथ आश्रम से अब तक गोद दिए गए बच्चों की जांच की जिम्मेदारी सीओ बांसगांव को सौंपी गई है। गिरोह का पर्दाफाश करने वाले तिवारीपुर एसओ मनद मिश्रा और एसओजी प्रभारी मनीष यादव की टीम को एसएसपी ने 20 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की।
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पुलिस लाइंस में बुधवार को एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने प्रेस कांफ्रेंस कर घटना का पर्दाफाश किया। एसपी ने बताया कि कैंपियरगंज के तेनूआ विश्मभरपुर निवासी शायदा खातून उर्फ गुड़िया के दस महीने के बच्चे अंश को लेकर गिरोह के सदस्य फरार हुए थे, जिसे बरामद किया गया है। गुड़िया ने दो साल पहले चिलुआताल के दुर्गापुर निवासी मनीष यादव से प्रेम विवाह किया था। करीब एक साल पहले पति ने उसे छोड़ दिया और वह गोरखनाथ के राजेंद्र नगर में किराये के कमरे में रहने लगी। यहीं पर उसकी मुलाकात पति के दोस्त व बांसगांव के कौसा बाजार निवासी अनिल पासवान से हो गई। अनिल मदद के नाम पर कुछ रुपये गुड़िया को दिया करता था। अनिल ने अपने दोस्त राजेंद्र नगर निवासी जितेंद्र भारती, कौसा निवासी अनुराधा मिश्रा उर्फ गोल्डी, अपनी बेटी और दो अज्ञात लोगों के साथ गुड़िया से मुलाकात की।
सबने मिलकर कहा कि तुम्हारे बच्चे को एक शख्स को दिखाना है, वह कुछ रुपयों की मदद कर सकता है। गुड़िया कुछ समझ नहीं पाई। इधर जितेंद्र ने एक नर्सिंग होम के पैथॉलॉजी में काम करने वाले मनीष से संपर्क किया। मनीष, कुशीनगर के अंकित मिश्रा का दोस्त है। इलियाज, जितेंद्र, अंकित, अंकुर सिंह और शेखर पहले से मित्र हैं। सबने मिलकर शेखर को बताया कि एक दस महीने का बच्चा है और 45 हजार रुपये में ही उसकी मां मान जाएगी। इस पर शेखर अपनी पत्नी को दिखाने के बहाने आया और फिर किराए पर गाड़ी बुककर अंकित से नौसड़ चौक पर मिला। उधर, गुड़िया को गुमराह करके अंकुर, जितेंद्र आदि लेकर डोमिनगढ़ के पास आए। अंकुर का घर डोमिनगढ़ के पास है, इस वजह से उसी जगह पर साजिश रची गई।
मां के आते ही अंकुर ने गोद में बच्चे को लिया और फिर रुपये लेकर उसमें से पांच हजार मां के हाथ पर रख दिए और शेखर की ओर इशारा कर चोर-चोर कहकर चिल्लाने लगा। भीड़ जुटने पर अंकुर रुपये और बच्चा दोनों लेकर फरार हो गया। इसके बाद ही पुलिस ने पूरे प्रकरण की जांच कर घटना का पर्दाफाश किया है। एसपी ने बताया कि शेखर की पत्नी और चालक की भूमिका नहीं मिलने पर उन्हें छोड़ा गया है। मामले में गुड़िया की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है।
सात की हुई गिरफ्तारी, पांच वांछित
पुलिस ने मऊ जनपद के गोहना मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के सेखवारा निवासी व अनाथ आश्रम संचालक शेखर तिवारी, चिलुआताल के झुंगिया बाजार निवासी अनिल पासवान, गोरखनाथ इलाके के राजेंद्र नगर निवासी जितेंद्र भारती, बांसगांव के भैंसवा निवासी अनुराधा मिश्रा उर्फ गोल्डी पत्नी मनोज मिश्रा, कुशीनगर के हाटा थाना क्षेत्र के मठिया निवासी अंकित मिश्रा, गगहा के सिहाइचपार निवासी इलियाज खां और संतकबीरनगर के महुली थाना क्षेत्र के चंदापार निवासी पुष्पा देवी को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा मनीष मिश्रा, अंकुर सिंह, रवि, टूनटून, छोटू और कुछ अज्ञात की तलाश में पुलिस टीम लगी है।