दुनिया को जीवन का सार समझाने वाली श्रीमद्भागवत गीता की लोकप्रियता अन्य धार्मिक पुस्तकों से अधिक है। स्थापना के बाद 99 वर्षों में गीताप्रेस इसकी 16.25 करोड़ प्रतियां प्रकाशित की जा चुकी हैं।
गीता प्रेस की स्थापना की कहानी रोचक और प्रेरित करने वाली है। वर्ष 1921 के आसपास जयदयाल गोयंदका ने कोलकाता में गोविंद भवन ट्रस्ट की स्थापना की। इसी ट्रस्ट के तहत वह गीता का प्रकाशन कराते थे। पुस्तक में कोई त्रुटि न हो इसके लिए प्रेस मालिक को कई बार संशोधन करना पड़ता था।
गीता प्रेस की स्थापना की कहानी रोचक और प्रेरित करने वाली है। वर्ष 1921 के आसपास जयदयाल गोयंदका ने कोलकाता में गोविंद भवन ट्रस्ट की स्थापना की। इसी ट्रस्ट के तहत वह गीता का प्रकाशन कराते थे। पुस्तक में कोई त्रुटि न हो इसके लिए प्रेस मालिक को कई बार संशोधन करना पड़ता था।