शहर के अंधियारी बाग क्षेत्र में स्थित मानसरोवर शिव मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है। शिवरात्रि के दिन मंदिर में पूजा के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है। इस दिन परिसर में मेला भी लगता है। श्रद्धालु पूजा-अर्चना के बाद मेले का लुत्फ उठाते हैं।
गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने बताया कि मानसरोवर शिव मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। मंदिर का निर्माण तीन सौ साल पूर्व तत्कालीन उनवल नरेश राजा मान सिंह ने कराया था। उन्होंने बताया कि शिवरात्रि के दिन मंदिर के कपाट ब्रह्म मुहूर्त में भक्तों के लिए खोल दिए जाते हैं। भक्त लंबी कतार मेें लगने के बाद भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर पाते हैं।
सात करोड़ से हुआ मानसरोवर शिव मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मान सरोवर शिव मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए सात करोड़ रुपये जारी किए थे। इसके बाद परिसर में स्थित मंदिर, सरोवर, यात्री निवास और अतिथि निवास का जीर्णोंद्धार कराया गया है।
नाथपंथ से है गहरा नाता
गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने बताया- मानसरोवर शिव मंदिर की व्यवस्था का संचालन वर्षों से गोरखनाथ मंदिर के संरक्षण में होता आ रहा है। यही नहीं, गोरक्षपीठ के जो भी महंत रहे, वे वर्षों से विजयादशमी के दिन मानसरोवर मंदिर परिसर में स्थित शिव मंदिर, रामजानकी मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर और दुर्गा मंदिर में परंपरागत रूप से पूजा करते चले आ रहे हैं। गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली गोरक्षपीठाधीश्वर की शोभायात्रा यहीं आकर समाप्त होती है।
गौरतलब है मानसरोवर मंदिर में शिव परिवार, मां दुर्गा, राम दरबार व राधा-कृष्ण की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर शुक्रवार को गोरक्षनाथ मंदिर के भीम सरोवर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई थी। इसमें 1001 महिलाओं ने हिस्सा लिया था।