महिला के साथ एक दरोगा लिव इन में रह रहा हो उसे आर्थिक तंगी होगी, यह बात शायद ही किसी के गले उतरे। फिर, शहाना ने आर्थिक तंगी की वजह से आत्महत्या की, यह कहानी भी शायद ही किसी के गले से उतरे। अमर उजाला की पड़ताल में ऐसे कई कारण मिले हैं, जो यह साबित करने के लिए पर्याप्त हैं कि शहाना को पैसे की वैसी दिक्कत तो नहीं ही थी, जिसके चलते उसे जान देनी पड़े।
महिला अस्पताल में कार्यरत होने के बावजूद शहाना ने प्रसव एक निजी अस्पताल में कराया था। एकदम ताजा बात करें तो शहाना ने ही मां, बहन व भाई को मुंबई भेजने का इंतजाम किया था। तीनों के लिए ट्रेन का टिकट करवाया था। शहाना की मौत नहीं हुई होती तो पूरा परिवार इस वक्त मुंबई में होता। शहाना का गोरखपुर से अक्सर बेलीपार के भीटी गांव जाना होता था। रहन-सहन भी अच्छा था। उसके कपड़े व श्रृंगार कहीं से भी आर्थिक तंगी की गवाही नहीं देते थे। आगे की स्लाइड्स में पढ़िए पूरी कहानी...
जानकारी के मुताबिक, प्रसव के लिए शहाना को 24 अक्तूबर 2020 को अपराह्न 4:17 बजे नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। भर्ती पेपर पर शहाना के पति या फिर बच्चे के पिता का नाम नहीं है। शहाना की उम्र 28 वर्ष लिखी है। प्रसव पर 15 हजार रुपये खर्च हुए थे। सारी धनराशि नर्सिंग होम के बैंक अकाउंट में जमा कराई गई थी।
कौन है राहुल यादव
गायत्री नर्सिंग होम में शहाना को भर्ती कराने वाले व्यक्ति का नाम राहुल यादव, तिवारीपुर लिखा है। मोबाइल नंबर भी शहाना का लिखा गया है। अब सवाल उठता है कि शहाना के पति का नाम भर्ती पेपर पर क्यों नहीं लिखवाया गया? उसे नर्सिंग होम में भर्ती कराने वाला राहुल यादव कौन है? पुलिस को राहुल यादव की तलाश करनी चाहिए। इससे मासूम के पिता का पता चल जाएगा।
शातिर है दरोगा, शहाना के साथ फोटो तक नहीं
शहाना के साथ रहने वाला दरोगा राजेंद्र सिंह शातिर है। कोतवाली पुलिस के मुताबिक जिस वक्त शहाना का शव फंदे से लटका मिला था, उस वक्त दरोगा कमरे में मौजूद था। दोनों पति-पत्नी की तरह रहते थे, लेकिन इसकी भनक शहाना के परिजनों को भी नहीं थी। छोटी बहन के मुताबिक शहाना व्हाट्सएप पर डीपी लगाती थी। बेटे ट्वन्टी के साथ फोटो लगी मिली थी, लेकिन दरोगा के साथ की एक भी फोटो नहीं थी। एक फोटो ऐसी है, जिसमें पुरुष एक बच्चे के साथ बैठा है, लेकिन चेहरा नहीं है। पुरुष के हाथ में बहन का बेटा है। बेटे को भाप (जुकाम होने की स्थिति में) दी जा रही है। पुरुष ही उसे पकड़कर बैठा है।
दरोगा ने ही दी थी शहाना की मौत की सूचना
परिजनों के मुताबिक शहाना की मौत की सूचना आरोपित दरोगा ने ही दी थी। दरोगा ने शुक्रवार को सुबह करीब छह बजे शहाना की बड़ी बहन सब्बो के पति जावेद को फोन किया था। जावेद परिवार सहित मुंबई में रहते हैं। दरोगा से बातचीत की रिकार्डिंग भी जावेद ने सुरक्षित रखी है। बेलीपार क्षेत्र के भीटी गांव में भी दरोगा ने फोन किया था। दरोगा का फोन शहाना की मां तैरुन्निशा के पास गया था, लेकिन बात शहाना की बहन समसा से हुई थी।
परिवार को शुक्रवार को ही जाना था मुंबई
मृतका के पिता इनायतुल्ला के मुताबिक दूसरे नंबर की बेटी मुंबई में रहती है। शुक्रवार को ही शहाना की मां, छोटी बहन व भाई को मुंबई जाना था। इसके लिए शहाना ने सबका ट्रेन का टिकट भी करवाया था। मुंबई जाने के लिए ही वह गुरुवार को बेलीपार स्थित भीटी गांव आई थी। उसका बच्चा साथ था। देर शाम गोरखपुर चली गई और रात आठ बजे के आसपास कमरे पर पहुंची थी। छोटी बेटी ने फोन करके हालचाल लिया था। तब शहाना ने बताया था कि सब कुछ ठीक है। खाना बनाने जा रहे हैं। रात में ऐसा क्या हुआ कि परिवार के लिए कमाने वाली बेटी फंदे से लटकी मिली। शुक्रवार की सुबह छह बजे ही शहाना की मौत की खबर आई थी।