कानपुर के डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसकर्मियों का हत्यारा पांच लाख का इनामी बदमाश विकास दुबे आज पुलिस की गिरफ्त से भागते हुए पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस का कहना है कि जिस कार से विकास को ले जाया रहा था, वो हादसे का शिकार होकर पलट गई। इसके बाद विकास ने एक पुलिसवाले की बंदूक छीनकर भागने का प्रयास किया और आखिरकार मारा गया। हालांंकि पुलिस विकास के भागने का जो दावा कर रही है, वह बहुत लोगों को सही नहीं लग रहा। इसके कई कारण हैं, आगे जानें क्या हैं वो...

पुलिस विकास दुबे के भागने की बात कर रही है लेकिन सवाल ये उठ रहे हैं कि अगर विकास दुबे को भागना ही होता तो वह उज्जैन में ही भाग जाता। उज्जैन मंदिर में पकड़े जाने से पहले करीब दो घंटे तक वहीं रहा लेकिन भागा नहीं बल्कि लोगों को खुद चिल्लाकर अपना नाम बताया। उसने मीडियाकर्मियों के सामने भी चिल्ला-चिल्लाकर बताया कि वो विकास दुबे है कानपुर वाला। वह तब क्यों नहीं भागा।

सबसे बड़ा सवाल तो ये उठाया जा रहा है कि जब उसके दोनों पैर में रॉड डली थी और वह लंगड़ाकर चलता था, तो इतनी भारी संख्या में हथियारों से लैस पुलिस बल के होते हुए वह क्यों भागा। जबकि वह कहीं न कहीं जानता होगा कि वह ज्यादा दूर नहीं भाग पाएगा।

सवाल तो ये भी उठ रहा है कि पुलिस ने उसका हाथ क्यों नहीं बांधे थे। वांटेड अपराधी होने के बावजूद पुलिस ने उसे हथकड़ी क्यों नहीं लगाई थी।

इसके अलावा एसटीएफ की गाड़ी पलटने की जो बात कही जा रही है, उस पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं। सवाल उठ रहा है कि आखिर कैसे वही गाड़ी पलटी जिसमें विकास था। मीडिया की गाड़ियों को एनकाउंटर स्थल से कुछ दूर पहले ही क्यों रोका गया। इन सब सवालों के जवाब हर कोई जानना चाहता है।