दिल्ली में श्रद्धा वालकर हत्याकांड के बाद आयुषी यादव की हत्या ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। दोनों ही वारदातों में जिस तरह लड़कियों को उनके बेहद करीब के लोगों ने मारा, उसने सबको स्तब्ध कर दिया। श्रद्धा जहां 27 साल, वहीं आयुषी महज 21 साल की थी। दोनों ही लड़कियों ने अपने सपने देखने शुरू ही किए थे। श्रद्धा का कत्ल उसके प्रेमी ने किया, जबकि उन दोनों ने ही साथ रहने का फैसला लिया था। आयुषी की जान उसके पिता ने ली, जिनकी उंगली पकड़कर वह चलना सीखी थी। वहीं सामने आया है कि दोनों ही मामलों में विश्वास की कमी के चलते दोनों लड़कियों की हत्या की गई। श्रद्धा और आफताब के बाद आयुषी के पिता में भी अपनी बेटी के प्रति विश्वास की कमी देखने को मिली।
श्रद्धा वालकर हत्याकांड--
27 वर्षीय श्रद्धा वालकर की हत्या के मामले में उस प्रेमी ने ही उसे बेइंतहा दर्द और रूह कांपा देने वाली मौत दी, जिसे उसने अपना सबकुछ सौंप दिया था। इसके बाद भी श्रद्धा की हत्या करते समय उसके हाथ-पांव न कांपे। बता दें कि आरोपी की पहचान मुंबई निवासी आफताब अमीन पूनावाला (28) के रूप में की गई है, जिसे मृतका श्रद्धा के पिता की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया।श्रद्धा के पिता विकास मदान वालकर (59) ने आठ नवंबर को अपनी बेटी के अपहरण का मामला दिल्ली के महरौली थाने में दर्ज कराया था।
उन्होंने पुलिस को जानकारी दी कि वह महाराष्ट्र के पालघर में रहते हैं। उनकी बेटी श्रद्धा मुंबई के मलाड में एक कॉल सेंटर में काम करती थी जहां उसकी आफताब से मुलाकात हुई। दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों लिव-इन में रहने लगे। जब दोनों के प्रेम प्रसंग की जानकारी परिजनों को लगी तो उन्होंने विरोध किया। इसके बाद दोनों अचानक मुंबई छोड़ दिल्ली में आकर रहने लगे थे।
आरोपी आफताब पूनावाला ने पूछताछ में कबूल किया है कि उसने श्रद्धा के सिर समेत शरीर के कई टुकड़ों को फ्रिज में पांच महीने से ज्यादा समय तक रखा था। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से भी इसकी पुष्टि हुई है। शव के कुछ टुकड़े उसने हत्या करने के बाद ही फेंक दिए थे। जबकि श्रद्धा के शव को दो दिन घर में रखा था। एक दिन श्रद्धा का शव कमरे में ही पड़ा रहा था। शव के नजदीक बैठकर उसने खाना खाया था। आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि उसने श्रद्धा के शव के सिर्फ 16 टुकड़े किए थे। इस दौरान पहले की तरह वह मुस्कुराता रहा, जिससे साफ है उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है।
रात आठ बजे श्रद्धा को उतारा था मौत के घाट
दक्षिण जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी आफताब ने बताया है कि उसने श्रद्धा की रात आठ बजे हत्या की थी। श्रद्धा का शव एक दिन कमरे में पड़ा रहा। श्रद्धा की हत्या करने के बाद वह बीयर लेकर आया और खाना मंगाकर खाया। इसके बाद इसने नेटफ्लिक्स पर पूरी रात फिल्म देखी थीं।