ग्रेटर नोएडा के दादरी के बढ़पुरा गांव में रहने वाली पायल भाटी और अजय की खूनी साजिश का शिकार होकर जान गंवाने वाली हेमा चौधरी को अपने पति से भी प्रताड़ना और धोखा मिला था। उसके पति ने गर्भवास्था में हेमा के पेट पर तेजधार हथियार और चेहरे पर डंडे से हमला किया था। इससे वह गंभीर रूप से घायल हुई और उसकी व पेट में पल रहे बच्चे की बमुश्किल जान बची, लेकिन वह अजय के विश्वास में आकर अपनी जान गंवा बैठी। हाथरस जिले व सादाबाद थाना क्षेत्र के करसौला गांव की रहने वाली हेमा के परिजन भी गुरुवार को बिसरख कोतवाली में पहुंचे। हेमा के भाई जितेंद्र, वीरेंद्र आदि ने बताया कि हेमा का विवाह वर्ष 2012 में मथुरा जिले के बलदेव थाना क्षेत्र के गांव छौली निवासी युवक से हुआ था। लेकिन वह हेमा से अक्सर मारपीट करता था।
गर्भावस्था में हमला करने के बाद से ही हेमा मायके लौट आई। इसके बाद उसने बेटे को जन्म दिया। हेमा बेटे आदित्य (7) का पालन पोषण करने के लिए अपनी मां चंद्रवती व बहन ममतेश के साथ सूरजपुर में आ गई।
हेमा के पिता गंभीर सिंह गांव में ही रहते हैं। हेमा चार बहनों में दूसरे नंबर की थी। उसकी एक बड़ी बहन का भी विवाह हो चुका है। हेमा तीन साल से ग्रेनो वेस्ट में एक मॉल में कपड़े के शोरूम में नौकरी कर रही थी। अजय से 12 नवंबर को ही हेमा की पहचान हुई और वह उसके झांसे में आ गई।
बहन को किया देरी से लौटने का मैसेज और वापस नहीं लौटी
हेमा ने अपनी बहन चंद्रवती को व्हाट्सएप पर मैसेज किया था। उसने 12 नवंबर को 10:54 मिनट पर मैसेज किया कि उसे ऑटो नहीं मिला है। वह घर आने में लेट हो जाएगी, लेकिन इसके बाद वह न घर वापस लौटी और न ही उसके नंबर पर संपर्क हो पाया। परिजन थाने से लेकर अधिकारियों तक हेमा की बरामदगी को लेकर चक्कर लगा रहे थे।
बेकसूर बहन को मारा, मिले मौत की सजा
हेमा के परिजन पुलिस के खुलासे से संतुष्ट नजर आए और कहा कि वह अपनी बहन को तलाश कर रहे थे। मगर उसके शव का अंतिम संस्कार करने का भी उन्हें मौका नहीं मिला। अब वह चाहते हैं, जिन आरोपियों ने उनकी बेकसूर बहन की बेरहमी से हत्या की है। उनको भी मौत की सजा मिले, तभी न्याय हो सकेगा।