राजधानी में श्रद्धा वालकर हत्याकांड के जैसी एक और दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। पत्नी पूनम देवी (48) ने बेटे दीपक (25) के साथ मिलकर पति अंजन दास (48) की चाकू से 35 से ज्यादा वारकर हत्या कर दी। दोनों आरोपियों ने पहले शरीर से खून बहाया और फिर शव के 10 टुकड़े कर पॉलिथीन में पैक कर फ्रीज में रख दिया। इसके बाद तीन-चार दिन तक शव के टुकड़ों को त्रिलोकपुरी और पांडव नगर में फेंकते रहे। दरअसल, अंजन दास मार्च में पत्नी पूनम की हत्या कराना चाहता था। उसने सौतेले बेटे दीपक से पूनम की हत्या करने को कहा था। उसने हत्या के बदले इनाम के तौर पर 21 हजार रुपये देने की बात कही थी। साथ ही एडवांस के तौर पर 5 हजार रुपये देने को तैयार हो गया था। हालांकि दीपक ने यह बात मां पूनम को बता दी थी।
इसके बाद दीपक और पूनम ने मिलकर अंजन दास की हत्या की साजिश रची थी। मां-बेटे अंजन दास की हरकतों से दुखी थे। परिजनों के मुताबिक अंजन सौतेली विधवा बेटी और दीपक की पत्नी पर बुरी नजर रखता था।
अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपी पूनम और दीपक ने अंजन दास की हत्या की साजिश दो महीने पहले ही रची थी। दोनों को वारदात को अंजाम देने का मौका नहीं मिला था। 30 मई को इनको मौका मिल गया। दीपक पत्नी के साथ अलग रहता था।
वारदात वाले दिन दीपक ने अपनी बहन को पत्नी के साथ किसी बहाने से कहीं और भेज दिया था। रात में मां के साथ मिलकर सौतेले पिता की हत्या कर दी। दीपक अपने अंजन के शव के टुकड़ों को तीन-चार दिन तक त्रिलोकपुरी, अशोक विहार के नाले और पांडव नगर के रामलीला मैदान में फेंकता रहा था।
कुछ दिन तक वह घर में रहा। इसके बाद वह 8-10 दिन तक शव के टुकड़ों को देखने इन जगहों पर जाता रहा। अगर कोई शव का टुकड़ा बाहर दिखने लग जाता था तो दीपक उसपर कूड़ा व मिट्टी डाल देता था। अपराध शाखा की जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी दीपक और पूनम परिवार के अन्य सदस्यों के साथ शव के टुकड़े को देखने जाते थे।