{"_id":"6468479eba6ddc318b07c396","slug":"people-of-business-world-speaks-on-demonetisation-on-2000-rupees-note-2023-05-20","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"उद्योग संगठनों की राय: 2000 के नोट बंद करने से कालेधन पर चोट, धंधे पर भी पड़ेगी मार","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
उद्योग संगठनों की राय: 2000 के नोट बंद करने से कालेधन पर चोट, धंधे पर भी पड़ेगी मार
अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ
Published by: ishwar ashish
Updated Sat, 20 May 2023 09:43 AM IST
2000 रुपये के नोट वापस लेने के फैसले पर उद्योग जगत से जुड़े लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इससे कालाधन खत्म होगा पर कारोबार पर भी असर पड़ेगा।
दो हजार रुपये के नोट चलन से बाहर करने के फैसले का उद्योग जगत ने समर्थन किया है। हालांकि यह भी कहा है कि सरकार को ये कदम उठाने की ठोस वजह बतानी चाहिए ताकि जनता में घबराहट न फैले।
दो हजार के नोट चलन से बाहर करने के लिए चार महीने का समय दिया गया है। उद्योग जगत का कहना है कि दो हजारी बंद होने से संगठित कारोबार को खास फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि ये सेक्टर पहले ही डिजिटल में जा चुका है। ये फैसला गांव, छोटे जिलों और शहर के मोहल्लों में छोटी-छोटी दुकानें चलाने वाले व्यापारियों को परेशान कर सकता है। घरों में बड़े नोट में छोटी बचत जोड़ने वाले लोग भी भयभीत होंगे। उनकी गाढ़ी कमाई को बचाना सरकार का काम है।
कुछ संगठनों ने कहा कि कालेधन पर प्रहार के लिए ये एलान किया गया है। लगातार रिपोर्ट आ रही थीं कि कालेधन का संग्रह बड़ी करेंसी में किया जा रहा है। ये फैसला उनके लिए मुसीबत खड़ी करेगा। उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि भले प्रत्यक्ष रूप से कारोबार पर असर न दिखे लेकिन सच तो यह है कि बंदी का प्रभाव पड़ेगा।
पहले से ही नहीं है चलन में, इकोनॉमी के लिए यह अच्छा फैसला, ये है विशेषज्ञों की राय
सीआईआई के चेयरमैन आकाश गोयनका का कहना है कि कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है। वैसे भी चार साल से दो हजार के नोट छप ही नहीं रहे थे। बाजार में प्रचलन काफी कम था। नोट बदलने के लिए भी पर्याप्त समय दिया गया है।
द इंडस इंटरप्रैन्योर (टाई) यूपी के कोषाध्यक्ष राव विक्रम सिंह का कहना है कि इकोनॉमी के लिए यह फैसला अच्छा है। भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार है। कालेधन के संग्रह की वजह से ही हजार का नोट हटाया गया था। दो हजार के नोट जिनके पास अघोषित हैं और भारी मात्रा में हैं, उनके लिए बड़ी चोट होगी।
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष आलोक अग्रवाल का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से बाजार में दो हजार के नोट काफी दिख रहे थे। कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार का यह फैसला है। उम्मीद है कि इस फैसले से साफ-सुथरे लोगों को परेशानी नहीं होगी।
प्रोविंशियल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (पीआईए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज बंका का कहना है कि कोरोना के बाद कारोबार अभी तक पूरी तरह पटरी पर नहीं लौट पाया है। वैसे भी डिजिटल लेनदेन में नकदी पहले ही घट गई थी। भले कोई न असर हो लेकिन इस तरह के फैसले कारोबार को झटका देते हैं।
इंटरप्रैन्योरशिप आर्गनाइजेशन (ईओ) के अध्यक्ष सुदीप गोयनका का कहना है कि दो हजार के नोट केवल 11 फीसदी बचे हैं। ज्यादातर कारोबार डिजिटल फार्म में चला गया है। बिजनेस को इस फैसले के कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन जो कैश में लेनदेन करते हैं और डिजिटल रूप से मजबूत नहीं है, उनके लिए जरूर चुनौती है।
अधिकारी व्यापारियों का उत्पीड़न न करें...
लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्रा का कहना है कि बाजार में पिछले दो-तीन वर्षों से दो हजार का नोट बहुत कम या न के बराबर आ रहा है। अब सरकार की घोषणा के बाद और ज्यादा आएगा। अधिकारी व्यापारियों का उत्पीड़न न करें। जो रुपये आएगा, वह बैंक जाएगा।
अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रवक्ता सुरेश छबलानी का कहना है कि दरअसल लोगों ने पूरी खबर सुनी या पढ़ी नहीं और घबरा गए। हालांकि सरकार का फैसला अच्छा है। घबराने की जरूरत नहीं, सरकार ने पैसे जमा करने का मौका दिया है।
उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता का कहना है कि 2000 रुपये का नोट बंद होने से बाजार पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते देश को कोई समस्या नहीं होगी। जो काला धन जमा करते हैं, उन्हें दिक्कत होगी।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।