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Lucknow: समान नागरिक संहिता के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, लड़ाई का किया एलान, कहा- हर धर्म को इससे नुकसान
संवाद न्यूज एजेंसी, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: पंकज श्रीवास्तव
Updated Sun, 05 Feb 2023 10:16 PM IST
सार
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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने ने कहा कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 (पूजा स्थल कानून) का लगातार उल्लंघन हो रहा है। इसको खत्म करने से देश में अफरातफरी और अराजकता का माहौल तैयार हो जाएगा।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता पर आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया है। कहा है कि इसके विरोध में सिख, ईसाई, दलित और आदिवासी समुदायों एक जुट करने की मुहिम चलाई जाएगी। विरोध के लिए केंद्रीय कमेटी का गठन करते हुए कहा गया कि समान नागरिक संहिता धार्मिक सांस्कृतिक पहचान खत्म करने प्रयास है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
दारुल उलूम नदवतुल उलमा में रविवार को पर्सनल लॉ बोर्ड कार्यकारिणी की बैठक में कॉमन सिविल कोड को सभी धर्म के मानने वालों लिये नुकसानदायक बताया गया। कहा गया कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 का भी लगातार उल्लंघन हो रहा है। वक्ताओं ने कहा कि धर्म परिवर्तन, लव जिहाद आदि के नाम पर देश में नफरत का माहौल तैयार किया जा रहा है और बुलडोजर संस्कृति के नाम उत्पीड़नात्मक कार्रवाई हो रही है।
बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में नदवा में संपन्न हुई गुजरात और उत्तराखंड में कमेटियों का गठन किए जाने पर भी मंथन हुआ। बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि समान नागरिक संहिता अल्पसंख्यकों के साथ दलित, व आदिवासी समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को भी नुकसान पहुंचानी वाली है। विभिन्न धर्म और संस्कृतियों वाले हिंदुस्तान में समान नागरिक संहिता लागू करना गैर संवैधानिक कदम है। कहा कि नौ सदस्यीय केंद्रीय कमेटी कॉमन सिविल कोर्ड के खिलाफ शांतिपूर्वक मुहिम चलाएगी।
बैठक में असाम में कम उम्र में विवाह को लेकर लोगों जेल में डाले जाने का विरोध किया गया और उत्पीड़न न करने की अपील की गई। कहा गया कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है ऐसे में कोई निर्णय आने तक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। वहीं बैठक में अदालतों से अल्पसंख्यक और कमजोर तबकों के ऊपर होने वाले अन्याय और जुल्म का संज्ञान लेने की भी अपील की गई। बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी, मौलाना फखरुददीन अशरफ, प्रो. सैयद अली नकवी, मौलाना असगर अली इमाम मेंहदी, मौलाना फजलुर्रहीम मुजददिदी, मौलाना महमूद मदनी, मौलाना सज्जाद नोमानी, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, असदउददीन ओवैसी, डा. कासिम रसूल इलियास, कमाल फारूकी, मौलाना अतीक अहमद बस्तवी, डा. मोनिशा बुशरा, एडवोकेट यूसुफ हातिम मछाला आदि शामिल रहे।
पूजा स्थल कानून खत्म होने देश में फैलेगी अराजकता
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने ने कहा कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 (पूजा स्थल कानून) का लगातार उल्लंघन हो रहा है। इसको खत्म करने से देश में अफरातफरी और अराजकता का माहौल तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि तमाम इबादतगाहों और बौद्ध मंदिरों पर भी दूसरे मजहब के मानने वालों का कब्जा है। ऐसे में सरकार ने खुद 1991 में इस कानून को संसद से पास करवा कर लागू किया था। अब इस कानून को बरकरार रखने और उसका पालन करवाने की जिम्मेदारी भी सरकार की है। मौलाना ने कहा कि सरकार खुद एक कानून बनाती है और खुद ही उस पर अमल नहीं कर रही है। उन्होंने इस कानून को बरकरार रखने की सरकार से अपील की।
किसी भी धर्म को अपनाने का बुनियाद अधिकार
पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में धर्म परिवर्तन, लव जिहाद, मॉबलिंचिंग जैसे मुद्दे उठे। महासचिव मौलाना सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि देश में हर नागरिक को किसी भी धर्म को अपनाने और मानने का बुनियादी अधिकार संविधान ने दिया है। साथ धर्म का प्रचार करने की भी पूरी आजादी दी गई है। इसके बावजूद कई प्रदेश में कानून बनाकर नागरिकों के इन अधिकारों से वंचित करने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि देश में नफरत का माहौल तैयार किया जाना देश के लिये नुकसानदेह है।
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छह प्रदेशों में होगी वक्फ कांफ्रेंस
पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में वक्फ संपत्तियों की हिफाजत को लेकर भी चर्चा हुई। महासचिव ने कहा कि वक्फ जायदाद दीनी और इंसानी जरुरतों के लिये मुसलमानों की तरफ से दी जाने वाली जायदाद है। इनकों धार्मिक और कानूनी तौर पर जिस मकसद के लिये कायम की गई हैं उन्हीं पर खर्च करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अपनी अवकाफ की हिफाजत खुद ही करनी होगी। बैठक में इस संबंध में हैदराबाद, लखनऊ, कोलकाता, बैंगलौर, मुंबई और राजस्थान में वक्फ कान्फ्रेंस आयोजित करने पर भी सहमति बनी।
ओवैशी की एक झलक पाने को बेताब रहे नदवा के छात्र
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में शामिल होने आये एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की एक झलक पाने के लिये नदवा के छात्र बेताब रहे। सुबह करीब 10 बजे नदवा पहुंचे ओवैसी को देखने के लिए छात्रों की भीड़ बैठक स्थल के आसपास जमी रही। बैठक समाप्त होने के बाद छात्रों की भीड़ बैठक स्थल के बाहर जम गई। नदवा प्रशासन बार-बार उन्हें हटाता, लेकिन वे फिर वहीं डट जाते। दोपहर करीब दो बजे ओवैसी बैठक स्थल के बाहर निकले तो छात्रों ने उन्हें घेर लिया। बड़ी मुश्किल से नदवा प्रशासन व उनके सुरक्षा गार्डों ने ओवैसी को गाड़ी तक पहुंचाया।
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