रायबरेली। खीरों क्षेत्र की दुष्कर्म पीड़िता को रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान योजना के तहत मिले तीन लाख रुपये की मदद को डकारने के मामले में जिला प्रोबेशन अधिकारी हाईकोर्ट में पेश हुए। कोर्ट में उन्होंने पीड़िता काे सहायता दिलाने के लिए एक माह की मोहलत मांगी। मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी।
खीरों के एक गांव में 10 साल की बच्ची के साथ 16 मई 2016 को दुष्कर्म का प्रयास हुआ था। नाबालिग की मां की तहरीर पर केस दर्ज हुआ था। मामले में पीड़िता की मदद के लिए रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान योजना के तहत शहर के डिग्री कॉलेज चौराहा स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शाखा में खाता खुलवाकर तीन लाख रुपये की मदद मंगवाई गई।
पैसे आने के बाद फर्जी आदेश से विभाग के बाबू राजेश श्रीवास्तव ने पूरी रकम अपने निजी खाते में ट्रांसफर करा ली थी। मामले में 27 फरवरी को बैंक के तत्कालीन प्रबंधक व बाबू राजेश श्रीवास्तव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
वहीं काफी दौड़भाग के बाद भी सहायता न मिलने पर पीड़िता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मामले में जिला प्रोबेशन अधिकारी जयपाल वर्मा 27 फरवरी को कोर्ट में पेश हुए।
अब तक की गई कार्रवाई की जानकारी देने के साथ ही न्यायालय से दुष्कर्म पीड़िता को सहायता दिलाने के लिए एक माह की मोहलत मांगी। मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी। इस तारीख तक सहायता देकर कोर्ट को सूचना देनी होगी।
एसीजेएम ने अफसर से मांगा स्पष्टीकरण
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चतुर्थ सुमित कुमार ने घरेलू हिंसा के एक मामले में रिपोर्ट समय से न देने पर जिला प्रोबेशन अधिकारी जयपाल वर्मा को नोटिस देकर स्पष्टीकरण के साथ ही 14 फरवरी को जवाब देने के आदेश दिए हैं। डलमऊ के पूरे बली गांव की मोनिका ने घरेलू हिंसा का मुकदमा किया है। मामले में प्रोबेशन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई थी। अब तक रिपोर्ट नहीं देने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। कोर्ट ने अधिकारी को स्पष्टीकरण देने के साथ ही 14 फरवरी को रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।