न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू
Published by: करिश्मा चिब
Updated Tue, 23 Mar 2021 01:26 PM IST
ढाई साल तक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वाले एक फर्जी लेक्चरर को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। यहां तक कि आरोपी फर्जी ट्रांसफर पत्र लेकर एक स्कूल से दूसरे स्कूल में भी स्थानांतरित हो गया। आरोपी ने अग्रिम जमानत की अर्जी दायर की थी, जिसे क्राइम ब्रांच ने खारिज कराकर उसे गिरफ्तार किया। हैरानी यह है कि आरोपी ढाई साल तक फर्जी नियुक्ति पत्र पर वेतन लेता रहा और किसी को भनक तक नहीं लगी।
शिक्षा विभाग को सूचना मिली थी कि कुछ लेक्चरर फर्जी ट्रांसफर पत्र लेकर एक स्कूल से दूसरे स्कूल जा रहे हैं और इनके नियुक्ति पत्र भी जाली हैं। इसके बाद क्राइम ब्रांच को मामले की जांच करने के लिए कहा। क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की तो पाया कि डोडा के असर तहसील के रहने वाले अराफात खान फर्जी नियुक्ति और ट्रांसफर लेने वालों में शामिल है।
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इसके बाद अराफात से संपर्क किया गया और उसे जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया। वह बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा था। आरोपी ने अग्रिम जमानत की अर्जी दायर की थी, जिसे क्राइम ब्रांच ने खारिज कराकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
ढाई साल तक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वाले एक फर्जी लेक्चरर को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। यहां तक कि आरोपी फर्जी ट्रांसफर पत्र लेकर एक स्कूल से दूसरे स्कूल में भी स्थानांतरित हो गया। आरोपी ने अग्रिम जमानत की अर्जी दायर की थी, जिसे क्राइम ब्रांच ने खारिज कराकर उसे गिरफ्तार किया। हैरानी यह है कि आरोपी ढाई साल तक फर्जी नियुक्ति पत्र पर वेतन लेता रहा और किसी को भनक तक नहीं लगी।
शिक्षा विभाग को सूचना मिली थी कि कुछ लेक्चरर फर्जी ट्रांसफर पत्र लेकर एक स्कूल से दूसरे स्कूल जा रहे हैं और इनके नियुक्ति पत्र भी जाली हैं। इसके बाद क्राइम ब्रांच को मामले की जांच करने के लिए कहा। क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की तो पाया कि डोडा के असर तहसील के रहने वाले अराफात खान फर्जी नियुक्ति और ट्रांसफर लेने वालों में शामिल है।
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इसके बाद अराफात से संपर्क किया गया और उसे जांच में सहयोग करने के लिए कहा गया। वह बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा था। आरोपी ने अग्रिम जमानत की अर्जी दायर की थी, जिसे क्राइम ब्रांच ने खारिज कराकर उसे गिरफ्तार कर लिया।