अब जनजातीय क्षेत्रों के लिए
नहीं होंगी हेलीकॉप्टर उड़ानें
जीएडी ने जारी की हेलीकाप्टर सेवा बंद करने की अधिसूचना
लाहौल-पांगी के लिए इस सीजन हुई हैं कुल 67 उड़ानें
1304 यात्रियों को भुंतर एयरपोर्ट से पांगी-लाहौल को किया लिफ्ट
अमर उजाला ब्यूरो
केलांग (लाहौल-स्पीति)। राज्य सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों के लिए हेलीकाप्टर उड़ानों को बंद करने की अधिसूचना जारी कर दी है। हिमाचल सरकार ने इस बार दिसंबर 2017 से अप्रैल 2018 के बीच 4 महीने 17 दिनों तक जनजातीय क्षेत्रों के लिए हेलीकाप्टर सेवा प्रदान की है।
इस दौरान लाहौल-स्पीति समेत चंबा के पांगी-किलाड़ के लिए हेलीकाप्टर ने कुल 67 उड़ानें भरीं। इन उड़ानों से 1304 यात्रियों को भुंतर एयरपोर्ट से लाहौल और पांगी के विभिन्न हेलीपैडों तक पहुंचाया गया। जिनमें कई स्कूली बच्चे भी शामिल हैं। हालांकि रोहतांग टनल का विकल्प होने तथा समय पर हेलीकाप्टर उपलब्ध नहीं होने से 659 यात्रियों ने सीट बुुकिंग रद कर अपना किराया वापस लिया है।
कुल्लू में तैनात उड़ान प्रभारी अशोक कुमार और शेर लाल ने बताया कि भुंतर से लाहौल जाने वाले हवाई यात्रियों से किराए के तौर पर 15 लाख 43 हजार 250 पचास लिए गए। जिसे सरकारी खजाने में जमा किया गया है। अशोक कुमार ने बताया कि हवाई सेवा का लाभ नहीं ले पाने वाले अभी भी 74 यात्रियों को किराया वापस किया जाना है। वहीं किलाड़ के प्रभारी चतर सिंह ने बताया कि सर्दियों में किलाड़ पांगी के लिए कुल 13 उड़ानें हुई हैं। इन उड़ानों से 258 यात्रियों को किलाड़ के विभिन्न हेलीपैडों तक पहुंचाया गया। 17 दिसंबर 2017 को जनजातीय क्षेत्रों के लिए पहली उड़ान भरी गई। 4 अप्रैल को इस सीजन की अंतिम उड़ान हुई। हेलीकाप्टर की समुचित उड़ान की व्यवस्था के लिए स्टाफ मेंबर हरीश और गौतम सिंह का पूरा सहयोग रहा। जिन यात्रियों ने जमा किराए को वापस लेना है कि आगामी दस दिनों तक कुल्लू स्थित हेलीकाप्टर बुकिंग कार्यालय संपर्क कर सकते हैं।