न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सोनीपत (हरियाणा)
Updated Wed, 13 Jan 2021 10:50 PM IST
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किसानों ने कुंडली बॉर्डर पर बुधवार को कृषि कानून की प्रतियां फूंककर लोहड़ी मनाई। 15 जनवरी को किसानों और सरकार के बीच बैठक होगी। बैठक में किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की बात कहेंगे। इसके बाद ही अगली रणनीति बनाई जाएगी और गणतंत्र दिवस की किसान परेड का फाइनल ड्राफ्ट 17 जनवरी को तैयार किया जाएगा। जिसमें यह साफ किया जाएगा कि किसान राजपथ पर जाएंगे या दिल्ली में अन्य किसी जगह परेड निकाली जाएगी। किसान 26 जनवरी की परेड की तैयारियों में जुटे हैं।
कुंडली बॉर्डर पर बुधवार को संयुक्त मोर्चा की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें योगेंद्र यादव, बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शनपाल, शमशेर दहिया समेत अन्य संगठनों के सदस्य मौजूद रहे। इस बैठक में आंदोलन की रूपरेखा और अब तक की स्थिति को लेकर चर्चा की गई। संयुक्त मोर्चा ने तय किया है कि 17 जनवरी को बैठक कर 26 जनवरी की किसानों की ट्रैक्टर परेड का ड्राफ्ट घोषित किया जाएगा।
इसमें देशभर में एक साथ तिरंगा परेड करने का फैसला हुआ है। जबकि ट्रैक्टर परेड कहां से कहां तक होगी, यह किस स्वरूप में होगी, क्या राजपथ पर किसान जाएंगे या दिल्ली के चारों ओर परिक्रमा करेंगे, संसद भवन जाना है यह नहीं, ट्रैक्टर परेड को लेकर कैसे रूट तैयार होगा, यह सारी रणनीति 17 जनवरी को फाइनल की जाएगी।
किसान नेताओं ने तय किया कि 15 जनवरी को सरकार के साथ बाचतीत की जाएगी लेकिन कानूनों को रद्द करने की दो टूक बात होगी। उसके बाद आंदोलन की अगली रणनीति तय होगी, जिसमें आंदोलन को लंबा चलाने की रणनीति बनाना अहम होगा। इस तरह से सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया जाएगा।
वहीं किसानों ने विरोध स्वरूप धरनास्थल पर जगह-जगह कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई और मूंगफली व रेवड़ी बांटते हुए लोहड़ी की बधाई दी गई। किसानों ने कहा कि इस तरह ही सड़क पर हर त्यौहार मनाएंगे। भारतीय किसान यूनियन (अ) के राष्ट्रीय महासचिव शमशेर दहिया ने बताया कि किसानों ने तय किया है कि सांविधानिक तरीके से किसी तरह की बाधा पहुंचाए बिना परेड निकाली जाएगी। इसमें किसी तरह के टकराव की योजना किसानों की नहीं है और किसान अपनी तरफ से टकराव के लिए कुछ नहीं करेंगे।
सार
- कुंडली बॉर्डर पर किसानों ने लोहड़ी पर खूब जश्न मनाया, मूंगफली व रेवड़ी बांटकर बधाई दी गई
- संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक कर सरकार से बातचीत को लेकर हुई चर्चा, कानून रद्द करने की बात दो टूक होगी
- गणतंत्र दिवस की किसान परेड के लिए दिल्ली में जगह को लेकर 17 जनवरी को फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा
विस्तार
किसानों ने कुंडली बॉर्डर पर बुधवार को कृषि कानून की प्रतियां फूंककर लोहड़ी मनाई। 15 जनवरी को किसानों और सरकार के बीच बैठक होगी। बैठक में किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की बात कहेंगे। इसके बाद ही अगली रणनीति बनाई जाएगी और गणतंत्र दिवस की किसान परेड का फाइनल ड्राफ्ट 17 जनवरी को तैयार किया जाएगा। जिसमें यह साफ किया जाएगा कि किसान राजपथ पर जाएंगे या दिल्ली में अन्य किसी जगह परेड निकाली जाएगी। किसान 26 जनवरी की परेड की तैयारियों में जुटे हैं।
कुंडली बॉर्डर पर बुधवार को संयुक्त मोर्चा की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें योगेंद्र यादव, बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शनपाल, शमशेर दहिया समेत अन्य संगठनों के सदस्य मौजूद रहे। इस बैठक में आंदोलन की रूपरेखा और अब तक की स्थिति को लेकर चर्चा की गई। संयुक्त मोर्चा ने तय किया है कि 17 जनवरी को बैठक कर 26 जनवरी की किसानों की ट्रैक्टर परेड का ड्राफ्ट घोषित किया जाएगा।
इसमें देशभर में एक साथ तिरंगा परेड करने का फैसला हुआ है। जबकि ट्रैक्टर परेड कहां से कहां तक होगी, यह किस स्वरूप में होगी, क्या राजपथ पर किसान जाएंगे या दिल्ली के चारों ओर परिक्रमा करेंगे, संसद भवन जाना है यह नहीं, ट्रैक्टर परेड को लेकर कैसे रूट तैयार होगा, यह सारी रणनीति 17 जनवरी को फाइनल की जाएगी।
किसान नेताओं ने तय किया कि 15 जनवरी को सरकार के साथ बाचतीत की जाएगी लेकिन कानूनों को रद्द करने की दो टूक बात होगी। उसके बाद आंदोलन की अगली रणनीति तय होगी, जिसमें आंदोलन को लंबा चलाने की रणनीति बनाना अहम होगा। इस तरह से सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया जाएगा।
वहीं किसानों ने विरोध स्वरूप धरनास्थल पर जगह-जगह कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई और मूंगफली व रेवड़ी बांटते हुए लोहड़ी की बधाई दी गई। किसानों ने कहा कि इस तरह ही सड़क पर हर त्यौहार मनाएंगे। भारतीय किसान यूनियन (अ) के राष्ट्रीय महासचिव शमशेर दहिया ने बताया कि किसानों ने तय किया है कि सांविधानिक तरीके से किसी तरह की बाधा पहुंचाए बिना परेड निकाली जाएगी। इसमें किसी तरह के टकराव की योजना किसानों की नहीं है और किसान अपनी तरफ से टकराव के लिए कुछ नहीं करेंगे।