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Gorakhpur News: गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के MBBS के छात्र अब गोद लिए परिवारों की सेहत का रखेंगे ख्याल

अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Mon, 30 Jan 2023 01:48 PM IST
सार

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने बीते दो साल में एमबीबीएस कोर्स में कई बदलाव किए हैं। इनमें सबसे अहम छात्रों को शुरुआत से ही क्लीनिकल एक्सपोजर देना है। इसके तहत यह व्यवस्था शुरू की गई है।

MBBS students of Gorakhpur Medical College will now take care of the health of adopted families
BRD - फोटो : अमर उजाला।

विस्तार

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने वाले एमबीबीएस के छात्र, परिवारों की चिकित्सीय सहायता करेंगे। इसके लिए वह जल्द ही परिवारों को गोद लेंगे। पूरी पढ़ाई के दौरान वह इन परिवारों की सेहत पर भी नजर रखेंगे।



बीमार होने पर उन्हें दवाओं के साथ गंभीर होने पर विशेषज्ञों को दिखाने की भी जिम्मेदारी उठाएंगे। अगर मरीजों को भर्ती करने की जरूरत होगी तो यह काम भी उन्हीं के जिम्मे होगा।


इसका उद्देश्य छात्रों को एक परिवार के सभी सदस्यों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और उनकी चुनौतियों के बारे में जानकारी देना है। इससे छात्रों को सामाजिक ज्ञान के साथ स्वास्थ्य सेवाओं की सटीक जानकारी भी मिलेगी। अस्पतालों में आने वाले मरीज इनमें से किसी एक श्रेणी के नहीं होते हैं। अलग-अलग बीमारी वाले मरीज आते हैं। इससे नए एमबीबीएस छात्र कई बार बीमारियों को पकड़ नहीं पाते हैं। लेकिन, जब एक ही परिवार के सदस्यों को चिकित्सीय सुविधा देंगे तो वह नई बीमारियों को पूरी तरह से जान भी सकेंगे।

 

सोशल प्रिवेंटिव मेडिसिन में किया गया है शामिल

प्राचार्य ने बताया कि एमबीबीएस छात्रों को सोशल प्रिवेंटिव मेडिसिन (एसपीएम) के तहत गांव और एक सीएचसी को गोद लेना है। इसमें शहरी और ग्रामीण इलाके के लोग शामिल रहेंगे। इसके लिए छात्रों का समूह बनाया जाएगा। छात्रों का समूह अगर चाहेगा तो वह परिवार को भी गोद ले सकेंगे। छात्रों को इनका पूरा ब्योरा केस स्टडी के तौर पर रखना होगा। यह उनके एसपीएम का हिस्सा होगा। इससे छात्रों को सामाजिक ज्ञान के साथ ग्रामीण इलाकों में फैल रहीं नई बीमारियों का भी पता चल सकेगा।

योग के साथ संवाद करने के तरीके भी बताएंगे
प्राचार्य ने बताया कि एमबीबीएस पढ़ाई के दौरान छात्रों को योग की भी जानकारी दी जाएगी। साथ ही उन्हें यह भी बताया जाएगा कि मरीज और उनके परिजनों के साथ किस तरह से संवाद करें, जिससे की मरीजों और तीमारदारों को कोई दिक्कत न हों। क्योंकि, अच्छी बात से ही मरीज और उनके परिजन 30 फीसदी संतुष्ट हो जाते हैं।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने बीते दो साल में एमबीबीएस कोर्स में कई बदलाव किए हैं। इनमें सबसे अहम छात्रों को शुरुआत से ही क्लीनिकल एक्सपोजर देना है। इसके तहत यह व्यवस्था शुरू की गई है।

 
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