न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: पंचकुला ब्यूरो
Updated Sun, 30 Aug 2020 01:22 PM IST
राष्ट्रीय खेल दिवस पर इंडिया टीम के वुशु कोच कुलदीप हांडू को द्रोणाचार्य अवार्ड मिला। वह अवार्ड हासिल करने वाले जम्मू-कश्मीर के पहले खिलाड़ी हैं। अवार्ड लेने के लिए वह शनिवार को चंडीगढ़ पहुंचे। अवार्ड मिलने के बाद उन्होंने कहा कि अवार्ड मिलना मेरे राज्य और मेरे लिए गर्व की बात है। मेरा उद्देश्य वुशु को बुलंदियों पर पहुंचाना है। वुशु देश का सबसे तेज उभरता हुआ खेल है। इस खेल में युवा अब अपना भविष्य तलाश रहे हैं। वहीं खेल मंत्रालय भी अब खुलकर सहयोग दे रहा है।
खेल मंत्रालय ने 5 वुशु के खेल एक्सिलेंसी सेंटर खोलने की भी मंजूरी दे दी है। इसमें उत्तर भारत को तीन सेंटर पटियाला, जम्मू-कश्मीर व हरियाणा मिले हैं। कुलदीप इन दिनों चीफ कोच के साथ जम्मू में पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर हैं।
चीफ कोच बनने के बाद देश ने 24 स्वर्ण समेत जीते 150 से अधिक पदक
हांडू ने बताया कि उन्हें इंडिया टीम के जूनियर टीम के कोच की जिम्मेदारी 2006 में मिल गई थी। इसके बाद से इंडिया टीम ने जूनियर स्तर पर कई खिताब जीते। 2009 में इन्हें इंडिया टीम का चीफ कोच बना दिया गया। इसके बाद से टीम ने विदेश में जीतना शुरू कर दिया। पहले भारतीय टीम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 3 या 4 पदक ही जीत पाती थी।
पिछले 3 सालों से खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और 2017 से 2020 तक भारत 24 स्वर्ण पदक जीत चुका है। यही नहीं टीम साउथ एशियन गेम्स में लगातार 4 बार ओवरऑल चैंपियनशिप का खिताब भी जीत चुकी है। उनके कार्यकाल में टीम 24 स्वर्ण, 47 रजत व 94 कांस्य पदक जीतने में सफल हुई है।
राष्ट्रीय खेल दिवस पर इंडिया टीम के वुशु कोच कुलदीप हांडू को द्रोणाचार्य अवार्ड मिला। वह अवार्ड हासिल करने वाले जम्मू-कश्मीर के पहले खिलाड़ी हैं। अवार्ड लेने के लिए वह शनिवार को चंडीगढ़ पहुंचे। अवार्ड मिलने के बाद उन्होंने कहा कि अवार्ड मिलना मेरे राज्य और मेरे लिए गर्व की बात है। मेरा उद्देश्य वुशु को बुलंदियों पर पहुंचाना है। वुशु देश का सबसे तेज उभरता हुआ खेल है। इस खेल में युवा अब अपना भविष्य तलाश रहे हैं। वहीं खेल मंत्रालय भी अब खुलकर सहयोग दे रहा है।
खेल मंत्रालय ने 5 वुशु के खेल एक्सिलेंसी सेंटर खोलने की भी मंजूरी दे दी है। इसमें उत्तर भारत को तीन सेंटर पटियाला, जम्मू-कश्मीर व हरियाणा मिले हैं। कुलदीप इन दिनों चीफ कोच के साथ जम्मू में पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर हैं।
चीफ कोच बनने के बाद देश ने 24 स्वर्ण समेत जीते 150 से अधिक पदक
हांडू ने बताया कि उन्हें इंडिया टीम के जूनियर टीम के कोच की जिम्मेदारी 2006 में मिल गई थी। इसके बाद से इंडिया टीम ने जूनियर स्तर पर कई खिताब जीते। 2009 में इन्हें इंडिया टीम का चीफ कोच बना दिया गया। इसके बाद से टीम ने विदेश में जीतना शुरू कर दिया। पहले भारतीय टीम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 3 या 4 पदक ही जीत पाती थी।
पिछले 3 सालों से खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और 2017 से 2020 तक भारत 24 स्वर्ण पदक जीत चुका है। यही नहीं टीम साउथ एशियन गेम्स में लगातार 4 बार ओवरऑल चैंपियनशिप का खिताब भी जीत चुकी है। उनके कार्यकाल में टीम 24 स्वर्ण, 47 रजत व 94 कांस्य पदक जीतने में सफल हुई है।