न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Thu, 23 Jun 2022 12:26 PM IST
हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) में सदस्य नियुक्त की गई हैं। आलाकमान ने उन्हें सबसे प्रमुख समिति में स्थान देकर हरियाणा में संतुलन बिठाने का काम किया है। अप्रैल में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद से हटने के बाद सैलजा के पास संगठन में कोई अहम जिम्मेदारी नहीं थी।
आदमपुर से कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई को पार्टी सीडब्ल्यूसी के विशेष आमंत्रित सदस्य पद से बीते दिनों हटाया जा चुका है। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद आलाकमान ने उन पर कार्रवाई की थी। सैलजा दो साल से अधिक समय तक कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रहीं। 2019 के विधानसभा चुनाव में टिकट आवंटन को लेकर उनकी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से ठन गई थी। उसके बाद दोनों के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा। हुड्डा ने सैलजा को प्रदेश में संगठन खड़ा ही नहीं करने दिया।
हुड्डा खेमे के विधायक सैलजा को हटाने के लिए लामबंद रहे। हुड्डा को प्रदेश में फ्री हैंड देने के लिए अनेक बार आलाकमान स्तर पर दस्तक दी गई। अंतत: सैलजा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। उसके बाद हुड्डा खेमे के उदयभान को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया।
अपनी नियुक्ति पर सैलजा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान ने जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसे वह पूरी निष्ठा से निभाएंगी। पार्टी को मजबूती प्रदान करने का कार्य करती रहेंगी। केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना लाकर देश के युवाओं के साथ भद्दा मजाक किया है। सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।
विस्तार
हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) में सदस्य नियुक्त की गई हैं। आलाकमान ने उन्हें सबसे प्रमुख समिति में स्थान देकर हरियाणा में संतुलन बिठाने का काम किया है। अप्रैल में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद से हटने के बाद सैलजा के पास संगठन में कोई अहम जिम्मेदारी नहीं थी।
आदमपुर से कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई को पार्टी सीडब्ल्यूसी के विशेष आमंत्रित सदस्य पद से बीते दिनों हटाया जा चुका है। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद आलाकमान ने उन पर कार्रवाई की थी। सैलजा दो साल से अधिक समय तक कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रहीं। 2019 के विधानसभा चुनाव में टिकट आवंटन को लेकर उनकी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से ठन गई थी। उसके बाद दोनों के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा। हुड्डा ने सैलजा को प्रदेश में संगठन खड़ा ही नहीं करने दिया।
हुड्डा खेमे के विधायक सैलजा को हटाने के लिए लामबंद रहे। हुड्डा को प्रदेश में फ्री हैंड देने के लिए अनेक बार आलाकमान स्तर पर दस्तक दी गई। अंतत: सैलजा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। उसके बाद हुड्डा खेमे के उदयभान को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया।
अपनी नियुक्ति पर सैलजा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान ने जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसे वह पूरी निष्ठा से निभाएंगी। पार्टी को मजबूती प्रदान करने का कार्य करती रहेंगी। केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना लाकर देश के युवाओं के साथ भद्दा मजाक किया है। सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।