2014 में देहरादून के प्रेमनगर में दीपावली की रात अपने ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के अभियुक्त को सत्र न्यायालय देहरादून की ओर से दी गई फांसी की सजा के मामले में हाईकोर्ट ने सत्र न्यायालय से समस्त रिकॉर्ड कोर्ट में तलब किए हैं।
जिला सत्र न्यायाधीश ने हरमीत को फांसी की सजा सुनाई थी
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। पांच अक्तूबर 2021 को जिला सत्र न्यायाधीश (पंचम) आशुतोष मिश्रा ने हरमीत को अपने ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या करने का दोषी पाते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। सत्र न्यायालय ने पुष्टि करने के लिए यह आदेश हाईकोर्ट को भेजा था।
सात साल बाद फांसी की सजा: परिवार के चार लोगों पर किए थे चाकू से ताबड़तोड़ 88 वार, गर्भवती बहन पर भी नहीं आया था तरस
मामले के अनुसार 23 अक्तूबर 2014 को आरोपी हरमीत ने अपने पिता जय सिंह, सौतेली मां कुलवंत कौर, गर्भवती बहिन हरजीत कौर, तीन साल की भांजी सहित बहिन के कोख में पल रहे गर्भ की भी चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी। हत्यारे ने चाकू से 85 वार किए इसकी पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट से हुई। पुलिस ने जांच में पाया कि आरोपी हरमीत के पिता की दो शादियां थीं, उसको शक था कि उसके पिता सारी संपति को सौतेली बहिन के नाम पर कर सकते हैं।
घटना देहरादून के आदर्श नगर की
उसकी सौतेली बहिन एक सप्ताह पहले ही अपनी डिलीवरी के लिए यहां आई हुई थी। दिवाली की रात को हरमीत ने पांच लोगों की निर्मम हत्या कर दी। इस केस का मुख्य गवाह पांच वर्षीय कमलजीत बच गया। घटना देहरादून के आदर्श नगर की थी। 24 अक्तूबर 2014 को पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
जिला सत्र न्यायाधीश (पंचम) आशुतोष मिश्रा ने 5 अक्तूबर 2021 को उसे फांसी की सजा सुनाई थी। साथ ही एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया था। पुष्टि के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने हाईकोर्ट को अपना यह आदेश भेजा था जिस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद निचली कोर्ट के समस्त रिकार्ड तलब किए हैं।