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धान की भूसी के इस्तेमाल से निर्मल होगा गंगा जल, आईआईटी बीएचयू में हुआ शोध

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी Published by: हरि User Updated Fri, 05 Feb 2021 05:08 PM IST
Ganga water will be purified using paddy husk research at IIT BHU
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : Pixabay

वाराणसी के आईआईटी बीएचयू में जल जनित बीमारियों से निजात पाने के लिए धान की भूसी के इस्तेमाल से पानी को निर्मल बनाने का नया प्रयोग किया गया है। एक शिक्षक और शोध छात्रों ने इसके लिए इको फ्रेंडली उत्पाद एडसोरबेंट बनाया है। इसके माध्यम से पानी में मिलने वाले हानिकारक धातुओं को हटाने में मदद मिलती है।



आईआईटी बीएचयू स्थित स्कूल ऑफ बायो केमिकल इंजीनियरिंग के शिक्षक डॉ. विशाल मिश्रा और शोध छात्र वीर सिंह, ज्योति सिंह ने जो इको फ्रेंडली विधि से उत्पाद बनाया है, उसके प्रयोग से पानी की गुणवत्ता में सुधार से जल जनित बीमारियों को कम किया जा सकता है। शोध छात्रों ने बताया कि धान की भूसी के इस्तेमाल से तैयार उत्पाद के प्रयोग से पानी में मिलने वाले विषाक्त भारी धातु को निकालने में मदद करेंगे। आम तौर पर पानी में मिलने वाले  क्रोमियम से मनुष्यों में कैंसर, किडनी सहित कई बीमारियों का खतरा रहता है। चावल की भूसी से संबंधित नया पर्यावरण अनुकूल उत्पाद पानी में मिलने वाले विषाक्त धातुओं को हटाने में सहायक हैं। हाल ही में यह उपलब्धि जनरल ऑफ इन्वायरमेंटल केमिकल इंजीनियरिंग में प्रकाशित भी हो चुकी है।

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