बीएचयू के शोधकर्ताओं ने जम्मू कश्मीर से सायनो बैक्टीरिया का पहला जीनस खोजा है। भारत-अमेरिका सहयोग की दिशा में फुलब्राइट कार्यक्रम के तहत शोध कार्य हुआ है। सायनो बैक्टीरिया (नील हरित शैवाल) उन प्राचीन, ऑक्सीजनिक, फोटो ऑटोट्रॉफिक, नाइट्रोजन फिक्सिंग और प्रोकैरियोटिक सूक्ष्म जीवों में से एक हैं, जो पृथ्वी के वायुमंडल के ऑक्सीकरण के लिए जिम्मेदार हैं। प्राचीन होने के बावजूद, ये शैवाल अकसर उपेक्षित रहे हैं। ऐसे में विविधता के बारे में अपेक्षाकृत कम जानकारी उपलब्ध है।
बीएचयू वनस्पति विज्ञान विभाग में सहायक आचार्य डॉ. प्रशांत सिंह तथा उनके मार्गदर्शन में शोध कर रहे नरेश कुमार ने यह महत्वपूर्ण खोज की है। नरेश कुमार ने केंद्र शासित जम्मू और कश्मीर से सायनो बैक्टीरिया के नमूने लिए थे। साथ ही इसे नये जीनस के रूप में स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। उल्लेखनीय है कि पोलीफेसिक अप्रोच का उपयोग करके जम्मू-कश्मीर क्षेत्र से पहली बार सायनो बैक्टीरिया के नये जीनस की खोज की गई है।
अमेरिका के विश्वविद्यालय के लैब में भी हुआ शोध का काम
डॉ. प्रशांत सिंह द्वारा इस शोध कार्य का एक अहम भाग जॉन कैरोल विश्वविद्यालय क्लीवलैंड अमेरिका में प्रोफेसर जेफरी आर जोहानसन के साथ उनकी प्रयोगशाला में किया गया है। डॉ. सिंह को शैक्षणिक तथा पेशेवर उत्कृष्टता के लिए वर्ष 2020-21 में फुलब्राइट नेहरू फेलोशिप के लिए चयनित किया गया था।