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उन्नाव। गुरुवार को निकली तेज धूप से लोगों को खासी राहत मिली। इससे दिन का पारा भी चढ़ गया। जिंदगी पुराने ढर्रे पर लौटती दिखी। सड़कों व बाजारों में भी रौनक दिखी। घर के कामधंधे जल्दी निपटाकर महिलाएं छतों पर धूप सेंकते दिखीं। शाम को फिर से ठंड बढ़ी तो लोग घरों में दुबकने को मजबूर हुए।
पिछले एक माह से कोहरा व सर्दी के कारण जनजीवन ठहर-सा गया था। गलन भरी ठंड से लोगों की जीवनचर्या अस्त-व्यस्त हो गई थी। कोहरे का आलम यह हो गया था कि वाहन सवारों को दिन में भी लाइट जलाकर चलना पड़ रहा था। आज की सुबह भी भीषण कोहरे की चपेट में रही। अपरान्ह 12 बजे बादल छंटे तो सूर्यदेव के दर्शन हुए। धूप निकलते ही लोगों को काफी राहत मिली। जैसे-जैसे समय बढ़ता गया वैसे-वैसे सूरज की तपिश भी तेज होती गईं। पूरे दिन तेज धूप से लोगों को काफी राहत मिली।
शाम ढलते ही फिर से ठंड में इजाफा हो गया। गुरुवार को अधिकतम तापमान 19 और न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। शाम पांच बजे अधिकतम पारा 16 डिग्री सेल्सियस रहा। शाम ढलते ही लोग घरों में फिर से कैद हो गए। राहगीरों को जहां भी अलाव जलते दिखा वहीं पर रुककर खुद को गर्म करने का प्रयास किया। लोगों को सबसे ज्यादा गलन ने परेशान रखा। कड़ाके की ठंड से लोगों की उंगलियां तक सूज आईं जिससे उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
उन्नाव। गुरुवार को निकली तेज धूप से लोगों को खासी राहत मिली। इससे दिन का पारा भी चढ़ गया। जिंदगी पुराने ढर्रे पर लौटती दिखी। सड़कों व बाजारों में भी रौनक दिखी। घर के कामधंधे जल्दी निपटाकर महिलाएं छतों पर धूप सेंकते दिखीं। शाम को फिर से ठंड बढ़ी तो लोग घरों में दुबकने को मजबूर हुए।
पिछले एक माह से कोहरा व सर्दी के कारण जनजीवन ठहर-सा गया था। गलन भरी ठंड से लोगों की जीवनचर्या अस्त-व्यस्त हो गई थी। कोहरे का आलम यह हो गया था कि वाहन सवारों को दिन में भी लाइट जलाकर चलना पड़ रहा था। आज की सुबह भी भीषण कोहरे की चपेट में रही। अपरान्ह 12 बजे बादल छंटे तो सूर्यदेव के दर्शन हुए। धूप निकलते ही लोगों को काफी राहत मिली। जैसे-जैसे समय बढ़ता गया वैसे-वैसे सूरज की तपिश भी तेज होती गईं। पूरे दिन तेज धूप से लोगों को काफी राहत मिली।
शाम ढलते ही फिर से ठंड में इजाफा हो गया। गुरुवार को अधिकतम तापमान 19 और न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। शाम पांच बजे अधिकतम पारा 16 डिग्री सेल्सियस रहा। शाम ढलते ही लोग घरों में फिर से कैद हो गए। राहगीरों को जहां भी अलाव जलते दिखा वहीं पर रुककर खुद को गर्म करने का प्रयास किया। लोगों को सबसे ज्यादा गलन ने परेशान रखा। कड़ाके की ठंड से लोगों की उंगलियां तक सूज आईं जिससे उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा।