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रेणुकूट। शुक्रवार शाम गुजरात के सूरत में एक शॉपिंग कांप्लेक्स में शॉर्ट सर्किट से आग लगने से चौथी मंजिल पर कोचिंग पढ़ रहे 19 बच्चों की मौत के बाद कोचिंग सेंटर के सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े हो गए हैं। ज्यादातर कोचिंग सेंटर में अग्नि सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैुं।
नगर क्षेत्र में छोटे-छोटे कमरों में ट्यूशन का व्यवसाय किया जा रहा है, जहां किसी घटना होने की स्थिति में उससे निपठने के संसाधन नहीं हैं। कई केंद्र तो बिना रजिस्ट्रेशन के के ही संचालित हो रहे हें। कोचिंग संचालक सुरक्षा मानकों की पूरी तरह से अनदेखी करते हैं। संकुचित और गली कूचों में चलने वालें कोचिंग सेंटरों में अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था नहीं है तो वही यहां आने वाली छात्राएं असुरक्षित हैं। इन्हीं वजहों से आए दिन मनचले ट्यूशन पढ़ने जा रही छात्राओं से छेड़खानी करते रहते हैं।
कोचिंग सेंटर के संचालक नियमों की कोई परवाह नहीं करते। अभिभावकों की मानें तो यहां खुले कोचिंग सेंटरों पर सबसे ज्यादा भीड़ उन अध्यापकों के पास लगती है जो स्कूलों में पढ़ाते हैं। इन सेंटरों में जगह की भी काफी कमी होती है और एक छोटे से कमरे में 25 से 30 लड़कों को भरकर प्रति बैच पढ़ाया जाता है। ऐसी स्थिति में ट्यूशन पढ़ रहे बच्चों को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगती है। कई बार ऑक्सीजन की कमी से बच्चे बेहोश भी हो जाते हैं। कार्रवाई के डर से कोचिंग सेंटर सघन और भीड़भाड़ वाले इलाके में चलाया जाता है, जहां यदि कोई घटना घटी तो निकल पाना काफी मुश्किल होगा। पेरेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अजय राय का कहना है कि नगर क्षेत्र में दर्जनों कोचिंग सेंटर अवैध तरीके से संचालित किए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग और प्रशासन की मिलीभगत से बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे कोचिंग सेंटरों पर जल्दी कार्रवाई नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।