सोनभद्र। राबर्ट्सगंज लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी जनसभा में आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद का रिश्ता कप प्लेट से बनाकर पकौड़ी लाल कोल के पक्ष में हवा बना दी थी। जनसभा के दौरान अचानक मौसम बदलने के साथ ही लोगों ने मोदी के पक्ष में पकौड़ी लाल को वोट देने का मन सा बना दिया था। लोग जनसभा से लौटते वक्त ही मोदी मैजिक की चर्चा में जुट गए थे। जब मतदान हुआ तो यह मैजिक चला भी। खासकर आदिवासी महिलाएं ईवीएम में कमल का फूल चुनाव निशान खोजती रहीं। समझा जा रहा है कि यदि कमल चुनाव निशान रहा होता तो हार-जीत का यह अंतर और बढ़ जाता।
लंबे समय बाद वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का चुनाव निशान कमल का फूल और बसपा का निशान हाथी नहीं था। भाजपा ने अपने गठबंधन के साथी अपना दल एस के खाते में यह सीट दे दी थी और पकौड़ी लाल कोल चुनाव मैदान में थे। जबकि सपा-बसपा, रालोद गठबंधन से सपा के खाते में यह सीट गई थी और पार्टी ने भाईलाल कोल को सांसद का प्रत्याशी बनाया था।
इस नाते इस बार के चुनाव में ईवीएम से भाजपा का कमल का फूल और बसपा का चुनाव निशान हाथी गायब था। इस दौरान आदिवासी मतदाताओं में उहापोह की स्थिति थी। तमाम आदिवासी मतदाता अपने पसंदीदा चुनाव निशान को न देख कोई भी बटन दबाकर चले गए। जब भाजपा अपना दल के चुनावी जनसभा को संबोधित करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए उनका भाषण सुनने के बाद ही लोग एक वोट मोदी के नाम का जिक्र करने लगे थे। ऐसे में समझा जा रहा है कि यदि इस बार के चुनाव में ईवीएम में कमल का फूल चुनाव निशान होता तो शायद हार जीत का अंतर बढ़ जाता।