ट्रेड रूट मिला, अब इमिग्रेशन कार्यालय का इंतजार
- ककरहवा बार्डर की सड़क को लुंबिनी से जोड़ने की शुरू हुई कवायद
संवाद न्यूज जऐंसी
ककरहवा। गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग ककरहवा बॉर्डर को वित्त मंत्रालय भारत सरकार ने ट्रेड रूट की सौगात दे दी है। अब इस रास्ते से वस्तुओं का आयात-निर्यात जल्द ही शुरू हो जाएगा। बॉर्डर को इमिग्रेशन कार्यालय की सुविधा मिलने के लिए अभी और इंतजार करना होगा। बॉर्डर पर इमिग्रेशन कार्यालय न होने के कारण अभी विदेशी नागरिक नेपाल को छोड़कर कहीं और आवागमन नहीं कर सकते हैं।
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इंडो नेपाल सीमा के ककरहवा बॉर्डर को वस्तु आयात-निर्यात का दर्जा मिलने से काफी खुशी मिल रही है। इससे क्षेत्र का विकास होगा। लोगों को रोजगार मिलेगा।
- अरविंद तिवारी ग्राम प्रधान झंगटी
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ककरहवा बॉर्डर को वित्त मंत्रालय ने ट्रेड रूट के लिए अधिसूचित कर दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही सरकार द्वारा यहां सीमा शुल्क कार्यालय पर जरूरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएंगी।
- हजरत अली, भाजपा नेता
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भारत स्थित कपिलवस्तु में दर्शन कर लुंबिनी जाने के लिए विदेशी पर्यटकों को लगभग 100 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। ककरहवा में इमिग्रेशन कार्यालय बनने से यह दूरी घटकर 20 किलोमीटर रह जाएगी।
कुंवर चंदन सिंह, समाजसेवी नेपाल
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भारत सरकार ने ककरहवा बॉर्डर को आयात निर्यात के लिए शुरू करने का आदेश दे दिया है। अब इस पर नेपाल सरकार को भी जल्द पहल करने की आवश्यकता है।
- बुद्धेश जायसवाल, समाजसेवी ककरहवा