शाहजहांपुर। चुनाव का दौर है, ऐसे में हर वर्ग आने वाली सरकार से तमाम उम्मीदें लगाए हुए है। अधिवक्ता हितों की बात करें तो ज्यादातर का कहना है कि अभी तक किसी सरकार ने उन पर ध्यान नहीं दिया। अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए कानून बनाने, पेंशन, चिकित्सा जैसी सुविधाएं दिलाने वाली सरकार की दरकार है। उसी राजनीतिक दल और प्रत्याशी को वोट दिया जाएगा, जोकि अधिवक्ता हित का ध्यान रखने का भरोसा दिलाएगा।
सरकार अधिवक्ताओं के लिए ही नहीं सभी के लिए सरकार अच्छी होनी चाहिए। महिला अधिवक्ता घर, परिवार और कचहरी संभालती हैं, उनके विषय में सोचने वाली सरकार बननी चाहिए। बाकी सरकारें आती-जाती हैं और वायदे किए जाते हैं, पूरे शायद ही कोई करता है। - मीता गुप्ता, संयुक्त सचिव, सीबीए
महिला सुरक्षा को लेकर बनाए गए कानूनों का सख्ती से पालन होना चाहिए। आने वाली सरकार से उम्मीद करते हैं वह विधानसभा में उन कानूनों को पारित कराएगी, जोकि महिलाओं को अधिक अधिकार प्रदान करेंगे। महिला अधिवक्ताओं को भी सुरक्षा व सम्मान मिले। - रफत जहां, अधिवक्ता
जो शिक्षा के क्षेत्र में विकास करे। रोजगार के नए आयाम लाए। भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का काम करे। बातें कम-काम ज्यादा करे। महिलाओं सुरक्षा की व्यवस्था करे, ऐसी सरकार होनी चाहिए। सबसे बड़ी बात शासक सुशिक्षित हो, राज्य खुद ठीक चलेगा। - ऋचा सक्सेना, अधिवक्ता
सात सालों से वकालत के पेशे में हैं। अब देख रहे हैं कि बहुत सी लड़कियां इस पेशे में आना चाहती हैं। लेकिन वकालत की पढ़ाई, प्रैक्टिस के लिए पंजीकरण आदि काफी महंगा है। जो भी सरकार बने वकालत की शिक्षा और पंजीकरण में होने वाले खर्च को कम कराए। - रीता देवी, अधिवक्ता
युवा अधिवक्ताओं के लिए सोचने वाली सरकार बननी चाहिए। जिससे युवा अधिवक्ता इस पेशे में आकर खुद को स्थापित कर सके। कचहरी में प्रैक्टिस के लिए बैठने को जगह मिलना भी मुश्किल होता है। लाइब्रेरी की व्यवस्था तक नहीं है। आने वाली सरकार से उम्मीदें ही लगा सकते हैं। - अभिषेक, अधिवक्ता
पिछली व वर्तमान सरकार ने वकालत के पेशे में आने वाले युवा अधिवक्ताओं को आर्थिक सहयोग देने का वायदा किया था। आज तक किसी को कुछ नहीं मिला। चैंबर के लिए भी भटकते फिरते हैँ। सरकार ऐसी चाहिए जो युवा अधिवक्ताओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं को लाए ही नहीं उसे लागू भी करे। - शिवम मिश्रा, अधिवक्ता
मुलायम सिंह यादव ने अपने कार्यकाल में अधिवक्ताओं के लिए चैंबर उपलब्ध कराने को धन आवंटित कराया था। उससे कई अधिवक्तओं को चैंबर मिले। उनके बाद बनी सरकारों में कोई धनराशि नहीं मिली। जो अधिवक्ताओं के हित में कार्य करेगा उसी प्रत्याशी को सहयोग करेंगे। - नीरज श्रीवास्तव, पूर्व महासचिव, सीबीए
सरकार ऐसी होनी चाहिए, जोकि सर्वसमाज को साथ लेकर चले। अधिवक्ताओं की सामाजिक सुरक्षा भी सरकार का ही दायित्व है। इसलिए वह अधिवक्ताओं के हितों को मुखर होकर विधानसभा में उठाने का भरोसा दिलाने वाले प्रत्याशी और राजनीतिक दल को ही सपोर्ट करेंगे। - संजीव अग्निहोत्री, अध्यक्ष, सीबीए
प्रदेश में ऐसी सरकार बननी चाहिए जो धर्म एवं जाति से ऊपर उठकर विकास के लिए काम करे। राजनीतिक दलों के एजेंडे में वकीलों को सुविधाएं मुहैया कराना हो। जिससे जनता को भी लाभ मिलेगा। विधानसभा चुनाव में अधिवक्ताओं के हितों की पैरवी करने वाले को प्राथमिकता देंगे। - सर्वेश्वर दयाल तिवारी, अधिवक्ता
अधिवक्ताओं के लिए कल्याणकारी योजनाअेें को लागू करने के साथ ही अधिक उम्र के अधिवक्ताओं के लिए पेंशन तथा निशुल्क मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराना प्रमुख मुद्दा है। जो भी प्रत्याशी या राजनीतिक दल इन्हें मुखर होकर उठाने का भरोसा दें, उनका वोट उसी को जाएगा। - संजीव शुक्ला, अधिवक्ता
शाहजहांपुर। चुनाव का दौर है, ऐसे में हर वर्ग आने वाली सरकार से तमाम उम्मीदें लगाए हुए है। अधिवक्ता हितों की बात करें तो ज्यादातर का कहना है कि अभी तक किसी सरकार ने उन पर ध्यान नहीं दिया। अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए कानून बनाने, पेंशन, चिकित्सा जैसी सुविधाएं दिलाने वाली सरकार की दरकार है। उसी राजनीतिक दल और प्रत्याशी को वोट दिया जाएगा, जोकि अधिवक्ता हित का ध्यान रखने का भरोसा दिलाएगा।
सरकार अधिवक्ताओं के लिए ही नहीं सभी के लिए सरकार अच्छी होनी चाहिए। महिला अधिवक्ता घर, परिवार और कचहरी संभालती हैं, उनके विषय में सोचने वाली सरकार बननी चाहिए। बाकी सरकारें आती-जाती हैं और वायदे किए जाते हैं, पूरे शायद ही कोई करता है। - मीता गुप्ता, संयुक्त सचिव, सीबीए
महिला सुरक्षा को लेकर बनाए गए कानूनों का सख्ती से पालन होना चाहिए। आने वाली सरकार से उम्मीद करते हैं वह विधानसभा में उन कानूनों को पारित कराएगी, जोकि महिलाओं को अधिक अधिकार प्रदान करेंगे। महिला अधिवक्ताओं को भी सुरक्षा व सम्मान मिले। - रफत जहां, अधिवक्ता
जो शिक्षा के क्षेत्र में विकास करे। रोजगार के नए आयाम लाए। भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का काम करे। बातें कम-काम ज्यादा करे। महिलाओं सुरक्षा की व्यवस्था करे, ऐसी सरकार होनी चाहिए। सबसे बड़ी बात शासक सुशिक्षित हो, राज्य खुद ठीक चलेगा। - ऋचा सक्सेना, अधिवक्ता
सात सालों से वकालत के पेशे में हैं। अब देख रहे हैं कि बहुत सी लड़कियां इस पेशे में आना चाहती हैं। लेकिन वकालत की पढ़ाई, प्रैक्टिस के लिए पंजीकरण आदि काफी महंगा है। जो भी सरकार बने वकालत की शिक्षा और पंजीकरण में होने वाले खर्च को कम कराए। - रीता देवी, अधिवक्ता
युवा अधिवक्ताओं के लिए सोचने वाली सरकार बननी चाहिए। जिससे युवा अधिवक्ता इस पेशे में आकर खुद को स्थापित कर सके। कचहरी में प्रैक्टिस के लिए बैठने को जगह मिलना भी मुश्किल होता है। लाइब्रेरी की व्यवस्था तक नहीं है। आने वाली सरकार से उम्मीदें ही लगा सकते हैं। - अभिषेक, अधिवक्ता
पिछली व वर्तमान सरकार ने वकालत के पेशे में आने वाले युवा अधिवक्ताओं को आर्थिक सहयोग देने का वायदा किया था। आज तक किसी को कुछ नहीं मिला। चैंबर के लिए भी भटकते फिरते हैँ। सरकार ऐसी चाहिए जो युवा अधिवक्ताओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं को लाए ही नहीं उसे लागू भी करे। - शिवम मिश्रा, अधिवक्ता
मुलायम सिंह यादव ने अपने कार्यकाल में अधिवक्ताओं के लिए चैंबर उपलब्ध कराने को धन आवंटित कराया था। उससे कई अधिवक्तओं को चैंबर मिले। उनके बाद बनी सरकारों में कोई धनराशि नहीं मिली। जो अधिवक्ताओं के हित में कार्य करेगा उसी प्रत्याशी को सहयोग करेंगे। - नीरज श्रीवास्तव, पूर्व महासचिव, सीबीए
सरकार ऐसी होनी चाहिए, जोकि सर्वसमाज को साथ लेकर चले। अधिवक्ताओं की सामाजिक सुरक्षा भी सरकार का ही दायित्व है। इसलिए वह अधिवक्ताओं के हितों को मुखर होकर विधानसभा में उठाने का भरोसा दिलाने वाले प्रत्याशी और राजनीतिक दल को ही सपोर्ट करेंगे। - संजीव अग्निहोत्री, अध्यक्ष, सीबीए
प्रदेश में ऐसी सरकार बननी चाहिए जो धर्म एवं जाति से ऊपर उठकर विकास के लिए काम करे। राजनीतिक दलों के एजेंडे में वकीलों को सुविधाएं मुहैया कराना हो। जिससे जनता को भी लाभ मिलेगा। विधानसभा चुनाव में अधिवक्ताओं के हितों की पैरवी करने वाले को प्राथमिकता देंगे। - सर्वेश्वर दयाल तिवारी, अधिवक्ता
अधिवक्ताओं के लिए कल्याणकारी योजनाअेें को लागू करने के साथ ही अधिक उम्र के अधिवक्ताओं के लिए पेंशन तथा निशुल्क मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराना प्रमुख मुद्दा है। जो भी प्रत्याशी या राजनीतिक दल इन्हें मुखर होकर उठाने का भरोसा दें, उनका वोट उसी को जाएगा। - संजीव शुक्ला, अधिवक्ता