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स्क्रीनिंग के विरोध में आए लेखपाल, प्रदर्शन
Updated Wed, 19 Jul 2017 05:42 PM IST
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शाहजहांपुर। 50 वर्ष सेवाकाल पूरा करने बाले लेखपालों की सेवा निवृत्ति के लिए कराई जा रही स्क्रीनिंग से लेखपाल खफा हैं। सभी इसके विरोध में उतर आए हैं। पुवायां में लेखपाल संघ की ओर से मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार केएम दीक्षित को देकर कार्रवाई की मांग की गई है। उधर, तिलहर में लेखपालों ने प्रदर्शन कर मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन एसडीएम मोईन उल इस्लाम को सौंपा।
पुवायां। यहां तहसीलदार केएम दीक्षित को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि लेखपाल भूमि संबंधी कार्यों के साथ ही जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के तौर पर कार्य करते हैं। इस समय यूपी में 10 लाख आठ हजार 977 राजस्व गांव है, जबकि लेखपाल के 30837 पद ही सृजित हैं। 25 हजार लेखपाल कम है, 10 हजार लेखपाल प्रशिक्षण पर हैं। कार्यरत लेखपालों में सात से आठ हजार लेखपाल 50 वर्ष से अधिक की आयु के हैं। शासन की ओर से 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कर्मचारियों की स्क्रीनिंग 31 जुलाई तक पूरी करने के निर्देश हैं। यह कार्य चल रहा है। छंटनी होने से प्रदेश में लेखपालों की भारी कमी हो जाएगी। इससे सर्वोचच प्राथमिकताओं वाले तमाम कार्य ठप हो जाएंगे। संघ ने स्क्रीनिंग रोके जाने की मांग की है। ज्ञापन पर तहसील अध्यक्ष उपेंद्र तिवारी, विवेक त्रिवेदी सहित तमाम लेखपालों के हस्ताक्षर हैं।
तिलहर। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ की स्थानीय इकाई के अध्यक्ष राममूर्ति चंचल और मंत्री विवेक कुमार चतुर्वेदी के नेतृत्व में लेखपाल शासन की 50 वर्ष सेवाकाल की मुहिम को लेकर आंदोलित हो उठे। तहसील दिवस के बाद सभागार के बाहर जोरदार प्रदर्शन कर छंटनी के लिए की जा रही स्क्रीनिंग को तत्काल रोके जाने की मांग की। लेखपालों ने मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन एसडीएम मोईन उल इस्लाम को सौंपा। संघ के अध्यक्ष राममूर्ति चंचल ने कहा कि प्रदेश में लेखपालों के 30837 पदों के सापेक्ष 25 हजार से भी कम लेखपाल नियुक्त हैं। जिनमें से 10 हजार लेखपाल प्रशिक्षणरत हैं। लेखपालों ने छंटनी प्रक्रिया तत्काल बंद न किए जाने पर 23 जुलाई को समिति की होने वाली सर्वोच्च बैठक में उग्र आंदोलन की रणनीति बनाई जाने की चेतावनी दी। लेखपालों में जिला मंत्री अजय कुमार चौधरी, पूर्व संयोजक अनूप शर्मा, राजवीर सिंह, विजय वर्मा , अनूप कुमार, नरेंद्र कुमार, राजीव कुमार, गुरुप्रकाश, राजेंद्र भारती, राम प्रसाद, रमाकांत, राकेश कुमार, दयाशंकर अवस्थी , अंकुर चौधरी, अखिलेश कुमार, सचिन कुमार, पवन अवस्थी, स्वस्तिका गुप्ता, शोभित प्रताप सिंह, अमर सक्सेना सहित तमाम लेखपाल शामिल रहे।
शाहजहांपुर। 50 वर्ष सेवाकाल पूरा करने बाले लेखपालों की सेवा निवृत्ति के लिए कराई जा रही स्क्रीनिंग से लेखपाल खफा हैं। सभी इसके विरोध में उतर आए हैं। पुवायां में लेखपाल संघ की ओर से मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन तहसीलदार केएम दीक्षित को देकर कार्रवाई की मांग की गई है। उधर, तिलहर में लेखपालों ने प्रदर्शन कर मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन एसडीएम मोईन उल इस्लाम को सौंपा।
पुवायां। यहां तहसीलदार केएम दीक्षित को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि लेखपाल भूमि संबंधी कार्यों के साथ ही जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के तौर पर कार्य करते हैं। इस समय यूपी में 10 लाख आठ हजार 977 राजस्व गांव है, जबकि लेखपाल के 30837 पद ही सृजित हैं। 25 हजार लेखपाल कम है, 10 हजार लेखपाल प्रशिक्षण पर हैं। कार्यरत लेखपालों में सात से आठ हजार लेखपाल 50 वर्ष से अधिक की आयु के हैं। शासन की ओर से 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कर्मचारियों की स्क्रीनिंग 31 जुलाई तक पूरी करने के निर्देश हैं। यह कार्य चल रहा है। छंटनी होने से प्रदेश में लेखपालों की भारी कमी हो जाएगी। इससे सर्वोचच प्राथमिकताओं वाले तमाम कार्य ठप हो जाएंगे। संघ ने स्क्रीनिंग रोके जाने की मांग की है। ज्ञापन पर तहसील अध्यक्ष उपेंद्र तिवारी, विवेक त्रिवेदी सहित तमाम लेखपालों के हस्ताक्षर हैं।
तिलहर। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ की स्थानीय इकाई के अध्यक्ष राममूर्ति चंचल और मंत्री विवेक कुमार चतुर्वेदी के नेतृत्व में लेखपाल शासन की 50 वर्ष सेवाकाल की मुहिम को लेकर आंदोलित हो उठे। तहसील दिवस के बाद सभागार के बाहर जोरदार प्रदर्शन कर छंटनी के लिए की जा रही स्क्रीनिंग को तत्काल रोके जाने की मांग की। लेखपालों ने मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन एसडीएम मोईन उल इस्लाम को सौंपा। संघ के अध्यक्ष राममूर्ति चंचल ने कहा कि प्रदेश में लेखपालों के 30837 पदों के सापेक्ष 25 हजार से भी कम लेखपाल नियुक्त हैं। जिनमें से 10 हजार लेखपाल प्रशिक्षणरत हैं। लेखपालों ने छंटनी प्रक्रिया तत्काल बंद न किए जाने पर 23 जुलाई को समिति की होने वाली सर्वोच्च बैठक में उग्र आंदोलन की रणनीति बनाई जाने की चेतावनी दी। लेखपालों में जिला मंत्री अजय कुमार चौधरी, पूर्व संयोजक अनूप शर्मा, राजवीर सिंह, विजय वर्मा , अनूप कुमार, नरेंद्र कुमार, राजीव कुमार, गुरुप्रकाश, राजेंद्र भारती, राम प्रसाद, रमाकांत, राकेश कुमार, दयाशंकर अवस्थी , अंकुर चौधरी, अखिलेश कुमार, सचिन कुमार, पवन अवस्थी, स्वस्तिका गुप्ता, शोभित प्रताप सिंह, अमर सक्सेना सहित तमाम लेखपाल शामिल रहे।