संभल। खेतों में मेंथा की फसल तैयार हो रही है। जून में कटेगी और पेराई होकर इसका तेल मंडी में आएगा। इस बीच मंडी में कारोबारी खाली है। मंडी में सन्नाटा है और नई फसल के तेल का इंतजार हो रहा है। मेंथा की फसल अब खेतों में तैयार हो रही है। फसल आने में अब ज्यादा वक्त नहीं है। खेतों में हरा-हरा मेंथा लहलहा रहा है। फसल में खरपतवार हैं। इन्हें किसान और मजदूर हटा रहे हैं। नई फसल का मेंथा तेल जून में आने के पूरे आसार हैं। तेल का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में अधिक होने की उम्मीद की जा रही है। क्योंकि फसल का रकबा बढ़ा है।
फसल के रकबे का आकलन करते हुए कारोबारी मान कर चल रहे हैं कि अबकी बार मेंथा तेल का उत्पादन 35000-38000 मीट्रिक टन से बढ़ कर 45,000-50,000 मीट्रिक टन हो सकता है। उत्पादन बढ़ने की उम्मीद से किसान और कारोबारी उत्साहित हो गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में नया उत्पादन खपाने के लिए निर्यातकों ने संभावनाओं को तलाशा है। मेंथा तेल का भाव स्थानीय कारोबारियों को जून में 1350 रुपये प्रति किलोग्राम रहने की उम्मीद है जबकि वायदा बाजार में जून के लिए 1250-1260 रुपये प्रति किलोग्राम का भाव प्रदर्शित हो रहा है।
किसानों और कारोबारियों की निगाह तेल के भाव के साथ मंडी में निकलने वाली मांग पर भी है। संभल के मेंथा कारोबारी रोमित गुप्ता ने बताया कि संभल और आसपास के क्षेत्र में मेंथा की फसल अबकी बार पिछली बार की तुलना में ज्यादा है। लेकिन इसके तेल की आवक अभी शुरू नहीं हुई है। जून के प्रथम सप्ताह से तेल की आवक होने के आसार हैं। वहीं किसानों का कहना है कि अगर मौसम ने इसी तरह साथ दिया तो मेंथा की फसल में तेल की रिकवरी अच्छी होगी।
कोंच और बाराबंकी से आने लगा मेंथा तेल
संभल। मेंथा उत्पादों के निर्यातक अरविंद अरोरा ने बताया कि कोंच और बाराबंकी से मेंथा तेल आने लगा है। संभल का तेल अगले महीने आएगा। अच्छी फसल होने से व्यापारी और किसानों दोनों के चेहरे खिले हुए हैं । अगर सिंथेटिक मेंथॉल के सौदे अधिक नहीं हुए तो भारतीय मेंथा उत्पादों की मांग बनी रहेगी और किसानों को अच्छा भाव मिलेगा। उन्होंने कहा कि मेंथा तेल का भाव सीजन में किसानों के लिए 1200 रुपये प्रति किलोग्राम तक रहेगा। जबकि अभी यह भाव 1375 रुपये प्रति किलोग्राम का है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मेंथा तेल की पर्याप्त मांग
संभल। मेंथा उत्पादों के निर्यातक आशुतोष रस्तोगी ने कहा कि भारतीय मेंथा उद्यम में आने वाला समय अच्छा रहेगा। क्योंकि भारत में पैदा होने वाले प्राकृतिक मेंथा तेल को पूरे विश्व में पसंद किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मांग ठीक है। लेकिन अबकी बार फसल अच्छी हुई है और तेल का उत्पादन भी गत वर्ष की तुलना अधिक होने वाला है। मांग और पूर्ति के सिद्धांत से आगे भाव तय होंगे। जून में संभल और आसपास के मेंथा उत्पादन का तेल आएगा। फिलहाल कोंच, बाराबंकी और एटा के मेंथा आयल से निर्यातक काम चला रहे हैं।
संभल। खेतों में मेंथा की फसल तैयार हो रही है। जून में कटेगी और पेराई होकर इसका तेल मंडी में आएगा। इस बीच मंडी में कारोबारी खाली है। मंडी में सन्नाटा है और नई फसल के तेल का इंतजार हो रहा है। मेंथा की फसल अब खेतों में तैयार हो रही है। फसल आने में अब ज्यादा वक्त नहीं है। खेतों में हरा-हरा मेंथा लहलहा रहा है। फसल में खरपतवार हैं। इन्हें किसान और मजदूर हटा रहे हैं। नई फसल का मेंथा तेल जून में आने के पूरे आसार हैं। तेल का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में अधिक होने की उम्मीद की जा रही है। क्योंकि फसल का रकबा बढ़ा है।
फसल के रकबे का आकलन करते हुए कारोबारी मान कर चल रहे हैं कि अबकी बार मेंथा तेल का उत्पादन 35000-38000 मीट्रिक टन से बढ़ कर 45,000-50,000 मीट्रिक टन हो सकता है। उत्पादन बढ़ने की उम्मीद से किसान और कारोबारी उत्साहित हो गए हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में नया उत्पादन खपाने के लिए निर्यातकों ने संभावनाओं को तलाशा है। मेंथा तेल का भाव स्थानीय कारोबारियों को जून में 1350 रुपये प्रति किलोग्राम रहने की उम्मीद है जबकि वायदा बाजार में जून के लिए 1250-1260 रुपये प्रति किलोग्राम का भाव प्रदर्शित हो रहा है।
किसानों और कारोबारियों की निगाह तेल के भाव के साथ मंडी में निकलने वाली मांग पर भी है। संभल के मेंथा कारोबारी रोमित गुप्ता ने बताया कि संभल और आसपास के क्षेत्र में मेंथा की फसल अबकी बार पिछली बार की तुलना में ज्यादा है। लेकिन इसके तेल की आवक अभी शुरू नहीं हुई है। जून के प्रथम सप्ताह से तेल की आवक होने के आसार हैं। वहीं किसानों का कहना है कि अगर मौसम ने इसी तरह साथ दिया तो मेंथा की फसल में तेल की रिकवरी अच्छी होगी।
कोंच और बाराबंकी से आने लगा मेंथा तेल
संभल। मेंथा उत्पादों के निर्यातक अरविंद अरोरा ने बताया कि कोंच और बाराबंकी से मेंथा तेल आने लगा है। संभल का तेल अगले महीने आएगा। अच्छी फसल होने से व्यापारी और किसानों दोनों के चेहरे खिले हुए हैं । अगर सिंथेटिक मेंथॉल के सौदे अधिक नहीं हुए तो भारतीय मेंथा उत्पादों की मांग बनी रहेगी और किसानों को अच्छा भाव मिलेगा। उन्होंने कहा कि मेंथा तेल का भाव सीजन में किसानों के लिए 1200 रुपये प्रति किलोग्राम तक रहेगा। जबकि अभी यह भाव 1375 रुपये प्रति किलोग्राम का है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मेंथा तेल की पर्याप्त मांग
संभल। मेंथा उत्पादों के निर्यातक आशुतोष रस्तोगी ने कहा कि भारतीय मेंथा उद्यम में आने वाला समय अच्छा रहेगा। क्योंकि भारत में पैदा होने वाले प्राकृतिक मेंथा तेल को पूरे विश्व में पसंद किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मांग ठीक है। लेकिन अबकी बार फसल अच्छी हुई है और तेल का उत्पादन भी गत वर्ष की तुलना अधिक होने वाला है। मांग और पूर्ति के सिद्धांत से आगे भाव तय होंगे। जून में संभल और आसपास के मेंथा उत्पादन का तेल आएगा। फिलहाल कोंच, बाराबंकी और एटा के मेंथा आयल से निर्यातक काम चला रहे हैं।