रामपुर। राजकीय महिला डिग्री कॉलेज में बिना प्रोफेसरों के ही छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। नौ विषयों के शिक्षक महाविद्यालय में तैनात नहीं हैं। इसमें से छह विषय ऐसे हैं जिनके पद भी महाविद्यालय में सृजित नहीं हैं। अर्से से शिक्षकों के न होने से छात्राओं को शिक्षा ग्रहण करने में परेशानी हो रही है। अनेक बार शासन को अवगत भी कराया जा चुका है।
राजकीय महिला डिग्री कॉलेज में छात्राएं बगैर शिक्षकों के ही शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। महाविद्यालय में गृह विज्ञान, चित्रकला, भूगोल, इतिहास, दर्शन शास्त्र और कामर्स विषय ऐसे हैं जिनके पद ही सृजित नहीं हैं। फारसी विषय के शिक्षक के पद करीब 13 वर्ष, कॉमर्स विषय के शिक्षक के पद करीब 12 वर्ष, वनस्पति विज्ञान के शिक्षक के पद करीब छह साल से रिक्त पड़े हैं, जबकि समाज शास्त्र का एक साल से रिक्त है।
हजारों छात्राएं बगैर शिक्षक के ही कर रहीं शिक्षा ग्रहण-
महिला डिग्री कॉलेज में समाज शास्त्र की करीब 1300, गृह विज्ञान की 1000 से ज्यादा, इतिहास की करीब 700, चित्रकला की करीब 400, वनस्पति विज्ञान की 180, भूगोल की करीब 120, फारसी और दर्शनशास्त्र की करीब 12-12 छात्राएं बगैर शिक्षक के ही शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। शिक्षक न होने के कारण छात्राओं की पढ़ाई पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है।
महाविद्यालय में पढ़ाए जाते हैं 20 विषय
महिला डिग्री कॉलेज में विज्ञान कॉमर्स और आर्ट्स संकायों में उर्दू, हिंदी ,मनोविज्ञान, अंग्रेजी, अर्थ शास्त्र, राजनीति शास्त्र, संगीत, संस्कृत, गणित, रसायन विज्ञान, जंतु विज्ञान, भौतिक विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, समाजशास्त्र और फारसी विषय पढ़ाए जाते हैं। महाविद्यालय में 26 प्रोफेसर नियुक्त हैं। शिक्षकों के अलावा लाइब्रेरियन और तृतीय श्रेणी के दो पद खाली हैं। महाविद्यालय में तीन हजार से ज्यादा छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती हैं।
शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति करने और विभिन्न विषयों के पद सृजित करने के बारे में शासन को कई बार अवगत कराया चुका है। पहले रह चुके प्राचार्यों ने भी शासन से रिक्त पदों की नियुक्ति करने और पदों को सृजित करने के बारे में लिखा जा चुका है। प्रवेश लेने से पहले नोटिस बोर्ड पर विभिन्न विषयों के रिक्त पदों और सृजित न होने वाले विषयों के बारे में छात्राओं को बता दिया जाता है। इसके बाद भी छात्राएं इन विषयों में प्रवेश ले लेती हैं। महाविद्यालयों में रिक्त पड़े शिक्षकों के पद पर किसी दूसरे माध्यम से शिक्षण कराने की कोई व्यवस्था नहीं है। -डॉ. अतुल शर्मा, प्राचार्य
बोली छात्राएं: शिक्षक न होने से घर पर करती हैं पढ़ाई
महाविद्यालय में समाज शास्त्र विषय के शिक्षक न होने के कारण घर पर पढ़ाई करती हूं। पढ़ाई के लिए ट्यूशन भी लगा रखी है, जिससे परीक्षा की तैयारी होती है। -प्राची सक्सेना
छात्राओं के लिए शहर में ओर कोई सरकारी या प्राइवेट कॉलेज नहीं है, जहां पर केवल लड़कियों को उच्च शिक्षा मिल सके। इसके चलते मजबूरन महिला डिग्री कॉलेज में प्रवेश लेकर शिक्षा ग्रहण कर रही हूं। -पूनम
सरकारी कॉलेज में फीस कम होने के कारण प्रवेश लिया है। प्राइवेट कॉलेज में महंगी फीस होने के कारण शिक्षा ग्रहण करना संभव नहीं है। जिन विषयों के शिक्षक नहीं हैं उनकी तैयारी घर पर ही कर रही हूं। -पूजा
बगैर शिक्षकों के शिक्षा ग्रहण करने में परेशानी हो रही है। परीक्षा की तैयारी भी ढंग से नहीं हो पा रही है। जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शासन को जल्द ही शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति करनी चाहिए। -नीरज
रामपुर। राजकीय महिला डिग्री कॉलेज में बिना प्रोफेसरों के ही छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। नौ विषयों के शिक्षक महाविद्यालय में तैनात नहीं हैं। इसमें से छह विषय ऐसे हैं जिनके पद भी महाविद्यालय में सृजित नहीं हैं। अर्से से शिक्षकों के न होने से छात्राओं को शिक्षा ग्रहण करने में परेशानी हो रही है। अनेक बार शासन को अवगत भी कराया जा चुका है।
राजकीय महिला डिग्री कॉलेज में छात्राएं बगैर शिक्षकों के ही शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। महाविद्यालय में गृह विज्ञान, चित्रकला, भूगोल, इतिहास, दर्शन शास्त्र और कामर्स विषय ऐसे हैं जिनके पद ही सृजित नहीं हैं। फारसी विषय के शिक्षक के पद करीब 13 वर्ष, कॉमर्स विषय के शिक्षक के पद करीब 12 वर्ष, वनस्पति विज्ञान के शिक्षक के पद करीब छह साल से रिक्त पड़े हैं, जबकि समाज शास्त्र का एक साल से रिक्त है।
हजारों छात्राएं बगैर शिक्षक के ही कर रहीं शिक्षा ग्रहण-
महिला डिग्री कॉलेज में समाज शास्त्र की करीब 1300, गृह विज्ञान की 1000 से ज्यादा, इतिहास की करीब 700, चित्रकला की करीब 400, वनस्पति विज्ञान की 180, भूगोल की करीब 120, फारसी और दर्शनशास्त्र की करीब 12-12 छात्राएं बगैर शिक्षक के ही शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। शिक्षक न होने के कारण छात्राओं की पढ़ाई पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है।
महाविद्यालय में पढ़ाए जाते हैं 20 विषय
महिला डिग्री कॉलेज में विज्ञान कॉमर्स और आर्ट्स संकायों में उर्दू, हिंदी ,मनोविज्ञान, अंग्रेजी, अर्थ शास्त्र, राजनीति शास्त्र, संगीत, संस्कृत, गणित, रसायन विज्ञान, जंतु विज्ञान, भौतिक विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, समाजशास्त्र और फारसी विषय पढ़ाए जाते हैं। महाविद्यालय में 26 प्रोफेसर नियुक्त हैं। शिक्षकों के अलावा लाइब्रेरियन और तृतीय श्रेणी के दो पद खाली हैं। महाविद्यालय में तीन हजार से ज्यादा छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती हैं।
शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति करने और विभिन्न विषयों के पद सृजित करने के बारे में शासन को कई बार अवगत कराया चुका है। पहले रह चुके प्राचार्यों ने भी शासन से रिक्त पदों की नियुक्ति करने और पदों को सृजित करने के बारे में लिखा जा चुका है। प्रवेश लेने से पहले नोटिस बोर्ड पर विभिन्न विषयों के रिक्त पदों और सृजित न होने वाले विषयों के बारे में छात्राओं को बता दिया जाता है। इसके बाद भी छात्राएं इन विषयों में प्रवेश ले लेती हैं। महाविद्यालयों में रिक्त पड़े शिक्षकों के पद पर किसी दूसरे माध्यम से शिक्षण कराने की कोई व्यवस्था नहीं है। -डॉ. अतुल शर्मा, प्राचार्य
बोली छात्राएं: शिक्षक न होने से घर पर करती हैं पढ़ाई
महाविद्यालय में समाज शास्त्र विषय के शिक्षक न होने के कारण घर पर पढ़ाई करती हूं। पढ़ाई के लिए ट्यूशन भी लगा रखी है, जिससे परीक्षा की तैयारी होती है। -प्राची सक्सेना
छात्राओं के लिए शहर में ओर कोई सरकारी या प्राइवेट कॉलेज नहीं है, जहां पर केवल लड़कियों को उच्च शिक्षा मिल सके। इसके चलते मजबूरन महिला डिग्री कॉलेज में प्रवेश लेकर शिक्षा ग्रहण कर रही हूं। -पूनम
सरकारी कॉलेज में फीस कम होने के कारण प्रवेश लिया है। प्राइवेट कॉलेज में महंगी फीस होने के कारण शिक्षा ग्रहण करना संभव नहीं है। जिन विषयों के शिक्षक नहीं हैं उनकी तैयारी घर पर ही कर रही हूं। -पूजा
बगैर शिक्षकों के शिक्षा ग्रहण करने में परेशानी हो रही है। परीक्षा की तैयारी भी ढंग से नहीं हो पा रही है। जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शासन को जल्द ही शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति करनी चाहिए। -नीरज