रायबरेली में मंगलवार को अमेठी जिले में जायस और गौरीगंज के बीच दौड़ाई गई स्पेशल ट्रेन।
- फोटो : RAIBARAILY
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
रायबरेली। अमेठी जिले में जायस-गौरीगंज रेलमार्ग के दोहरीकरण के कार्य को मंगलवार को हरी झंडी मिल गई। लगभग 17 किलोमीटर लंबे इस रेलमार्ग पर नई लाइन बिछाई गई है। इसका निरीक्षण मंगलवार को मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त (सीसीआरएस) शैलेश कुमार पाठक ने किया। उन्होंने जायस से 120 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से स्पेशल ट्रेन भी चलवाई।
ट्रेन ने जायस से गौरीगंज और फिर गौरीगंज से जायस रेलवे स्टेशन तक का सफर तय किया। गौरीगंज में हवन-पूजन के बाद ट्रॉली से निरद्दीक्षण करते हुए जायस पहुंचे सीसीआरएस ने कहा कि दोहरीकरण के साथ ही विद्युतीकरण का कार्य भी गुणवत्तापूर्ण कराया गया है। अब इस पर ट्रेनें दौड़ाई जा सकेंगी। इससे मुसाफिरों का सफर आसान होगा।
सीसीआरएस ने अधिकारियों की टीम के साथ मंगलवार को गौरीगंज रेलवे स्टेशन से निरीक्षण शुरू किया। गौरीगंज से जायस के बीच पड़ने वाले 429 गाडर ब्रिज व 429 बॉक्स ब्रिज का गहनता से निरीक्षण किया। उन्होंने बनी रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण के साथ साथ प्लेटफार्म व ओवरब्रिज को भी देखा। इनमें कुछ कमी मिली, जिसे दूर कराने का निर्देश दिया।
कासिमपुर हाल्ट पहुंच कर वहां जायस-सलोन मार्ग की क्रॉसिंग पर बने इलेक्ट्रॉनिक गेट व नवनिर्मित प्लेटफार्म का गहनता से निरीक्षण किया। पुल संख्या 484 नइया नाला के पास कुछ कार्यों में कमी मिली तो कार्यदायी संस्था के अफसरों को फटकार भी लगाई और कार्यों में सुधार लाने के लिए कहा। सीसीआरएस ने जायस स्टेशन के पास बने विद्युत संयंत्रों की बारीकी से जांच की तथा अग्निशमन की बाल्टियों में पानी न होने नाराजगी जताई।
जायस रेलवे स्टेशन पर सौंदर्यीकरण कार्य, नवनिर्मित नियंत्रण कक्ष को बारीकी से देखा। जायस में मीडिया से बातचीत में सीसीआरएस ने कहा कि दोहरीकरण और विद्युतीकरण में सिविल कार्य एवं इलेक्ट्रॉनिक कार्य अत्यंत गुणवत्तापूर्ण ढंग से कराएं गए हैं। जायस से 120 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से स्पेशल ट्रेन भी दौड़ाई गई। दोहरीकरण का कार्य ठीक मिला है। इस पर ट्रेनें अब दौड़ाई जा सकती हैं।
दूसरे कार्यों में कुछ जगहों पर छोटी-छोटी कमियां मिली हैं, जिन्हें दूर करा लिया जाएगा। इस मौके पर कार्यदायी संस्था रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के मुख्य परियोजना प्रबंधक (सीपीएम) जेके चौधरी, केईसी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर जुबैर अहमद आदि मौजूद रहे।
रायबरेली में मंगलवार को अमेठी जिले के रेलवे की ओर से नइया नाले पर पुल का निरीक्षण करते सीआरएस शैल?- फोटो : RAIBARAILY
रायबरेली। अमेठी जिले में जायस-गौरीगंज रेलमार्ग के दोहरीकरण के कार्य को मंगलवार को हरी झंडी मिल गई। लगभग 17 किलोमीटर लंबे इस रेलमार्ग पर नई लाइन बिछाई गई है। इसका निरीक्षण मंगलवार को मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त (सीसीआरएस) शैलेश कुमार पाठक ने किया। उन्होंने जायस से 120 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से स्पेशल ट्रेन भी चलवाई।
ट्रेन ने जायस से गौरीगंज और फिर गौरीगंज से जायस रेलवे स्टेशन तक का सफर तय किया। गौरीगंज में हवन-पूजन के बाद ट्रॉली से निरद्दीक्षण करते हुए जायस पहुंचे सीसीआरएस ने कहा कि दोहरीकरण के साथ ही विद्युतीकरण का कार्य भी गुणवत्तापूर्ण कराया गया है। अब इस पर ट्रेनें दौड़ाई जा सकेंगी। इससे मुसाफिरों का सफर आसान होगा।
सीसीआरएस ने अधिकारियों की टीम के साथ मंगलवार को गौरीगंज रेलवे स्टेशन से निरीक्षण शुरू किया। गौरीगंज से जायस के बीच पड़ने वाले 429 गाडर ब्रिज व 429 बॉक्स ब्रिज का गहनता से निरीक्षण किया। उन्होंने बनी रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण के साथ साथ प्लेटफार्म व ओवरब्रिज को भी देखा। इनमें कुछ कमी मिली, जिसे दूर कराने का निर्देश दिया।
कासिमपुर हाल्ट पहुंच कर वहां जायस-सलोन मार्ग की क्रॉसिंग पर बने इलेक्ट्रॉनिक गेट व नवनिर्मित प्लेटफार्म का गहनता से निरीक्षण किया। पुल संख्या 484 नइया नाला के पास कुछ कार्यों में कमी मिली तो कार्यदायी संस्था के अफसरों को फटकार भी लगाई और कार्यों में सुधार लाने के लिए कहा। सीसीआरएस ने जायस स्टेशन के पास बने विद्युत संयंत्रों की बारीकी से जांच की तथा अग्निशमन की बाल्टियों में पानी न होने नाराजगी जताई।
जायस रेलवे स्टेशन पर सौंदर्यीकरण कार्य, नवनिर्मित नियंत्रण कक्ष को बारीकी से देखा। जायस में मीडिया से बातचीत में सीसीआरएस ने कहा कि दोहरीकरण और विद्युतीकरण में सिविल कार्य एवं इलेक्ट्रॉनिक कार्य अत्यंत गुणवत्तापूर्ण ढंग से कराएं गए हैं। जायस से 120 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से स्पेशल ट्रेन भी दौड़ाई गई। दोहरीकरण का कार्य ठीक मिला है। इस पर ट्रेनें अब दौड़ाई जा सकती हैं।
दूसरे कार्यों में कुछ जगहों पर छोटी-छोटी कमियां मिली हैं, जिन्हें दूर करा लिया जाएगा। इस मौके पर कार्यदायी संस्था रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के मुख्य परियोजना प्रबंधक (सीपीएम) जेके चौधरी, केईसी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर जुबैर अहमद आदि मौजूद रहे।
रायबरेली में मंगलवार को अमेठी जिले के रेलवे की ओर से नइया नाले पर पुल का निरीक्षण करते सीआरएस शैल?- फोटो : RAIBARAILY