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Pilibhit News: नौगवा में बच्चे की खसरे मौत...बीमारी के कारण 33 ने परीक्षा छोड़ी
बरेली ब्यूरो
Updated Sat, 26 Nov 2022 11:57 PM IST
नौगवा पकड़िया में घनी आबादी के बीच फैली गंदगी। संवाद
- फोटो : PILIBHIT
पीलीभीत। नौगवा पकड़िया वाले काफी दिनों से दहशत में जी रहे हैं। डेंगू और बुखार से 14 मौतें हो चुकी हैं। शुक्रवार की रात एक बच्चे की खसरे से जान चली गई। शनिवार को बुखार के चलते 33 बच्चे निपुण मूल्यांकन परीक्षा देने नहीं पहुंचे। क्षेत्र में गंदगी का अंबार है। संक्रमण थम नहीं रहा। स्वास्थ्य विभाग और पालिका प्रशासन क्षेत्र में पर्याप्त ध्यान दे रहा है।
नौगवां निवासी जमील खां के दो वर्षीय पुत्र अदनान की मौत हो गई। जमील ने बताया कि पांच दिन पूर्व बेटे कोखसरा हुआ था। उसके बाद से उसकी हालत बिगड़ती चली गई। अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
क्षेत्र में फैल रही बीमारियों के बारे में लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग डेंगू या बुखार से मौत मान ही नहीं रहा। लोग बुखार को लेकर खौफजदा हैं। लोगों का आक्रोश 14 वार्डों में फैली गंदगी को लेकर है। नालियां बजबजा रही हैं। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। पिछले दिनों नालियों की सफाई की गई तो सिल्ट सड़क पर ही डाल दी जो आज तक नहीं उठाई गई। फॉगिंग के नाम पर रस्मअदायगी हुई।
नौगवा पकड़िया में अब तक कोई जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा है। पूर्व में यहां प्रधान थे। अब चेयरमैन का चुनाव होने वाला है प्रधानी खत्म हो चुकी है इसलिए छोटे नेता भी खामोश बैठ गए हैं। अधिकारियों का हाल यह है कि 14 मौतें होने के बाद डीएम, ईओ कोई भी कस्बे में नहीं पहुंचा।
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स्कूल में भी आ रहे बीमार बच्चे : असफा खातून
नौगवा पकड़िया के प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका असफा खातून ने बताया कि आए दिन कोई न कोई बच्चा बुखार या सिरदर्द से पीड़ित आता है। इस पर वह उन्हें छट्टी दे देती है। जिससे कि वह घर पर आराम कर सके। शुक्रवार को ही स्कूल में निपुण मूल्यांकन परीक्षा (नेट) की परीक्षा थी। इसमें 33 बच्चे नहीं आए। पता करने पर मालूम हुआ कि इन घरों में या तो कोई बीमार है या खुद बच्चा ही बीमार है।
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संक्रमण से होता है खसरा
खसरा एक तरह का संक्रमण है। शरीर पर लाल चकत्ते उभर आते हैं। लाल दाने शुरू में सिर पर होते हैं बाद में यह पूरे शरीर पर फैल जाते हैं। अपने आस-पास साफ सफाई रखें। बिस्तर बिल्कुल साफ रहे। समय से डॉक्टर को दिखाकर आराम करना चाहिए। गुनगना पानी पीएं।
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- डॉ. रमाकांत सागर, फीजिशियन
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अब तक इन 14 लोगों ने तोड़ा दम
नौगवा में अक्तूबर माह में फूलचंद्र प्रजापति, सुरेश चंद्र, खुशहालो देवी, सुरेश प्रजापति, हरचरन लाल, देवांक, फरहाना, योगेंद्र उर्फ पप्पू, अनकेश कुमार, अनामिका, ममता और लीलावती के अलावा अरबाज और जुनैद की बुखार से मौत हुई, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने सिर्फ ममता, लीलावती, फरहाना और अजीम की मौत डेंगू से मानी।
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बीमारी से दो और जानें गईं
वार्ड नंबर 12 निवासी सलीम खां ने बताया कि उनके भाई बाबू खां (60) को शुगर के साथ निमोनिया की समस्या थी। गुर्दे भी खराब हो गए थे। छह दिन पूर्व हालत बिगड़ने पर शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, दो दिन पूर्व घर ले आए थे। शुक्रवार रात उनकी घर पर ही मौत हो गई। इसके अलावा नौगवा क्षेत्र के काशीराम कॉलोनी में 90 वर्षीय महिला की भी बीमारी से मौत हुई।
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नहीं बांटीं घर-घर दवाई : शहादत
नौगवां पकड़िया के वार्ड 11 के शहादत शाह ने बताया कि उन्हें बुखार आ रहा था। शरीर में दर्द भी है। डॉक्टर के यहां से दवा लेकर आ रहे हैं। क्षेत्र का बहुत बुरा हाल है। नालियों में गंदगी भरी पड़ी है। हर घर में जाकर दवा बांटने की बात झूठी है। उनके ही घर कोई टीम नहीं पहुंची। ऐसे कई लोग हैं।
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बस शुरू में हुई थी फॉगिंग : रफीक
कब्रिस्तान के पास रहने वाले रफीक ने बताया कि शुरू में मौतें होने पर कुछ लोग फॉगिंग करने आए थे। कुछ जगहों पर फॉगिंग की। करीब 20-25 दिन से तो कोई नहीं आया।
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कूड़ा निकालकर घरों के बाहर डाल गए : रईसुद्दीन
वार्ड नौ निवासी रईसुद्दीन ने बताया एक महीने पहले यहां टीम जेसीबी लेकर आई थी। नाले से गंदगी निकाली और घरों के बाहर डाल गई। आगे जाकर नाला भी बंद है। पानी सड़ रहा है और बीमारियां फैल रही हैं।
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एनएसवन में डेंगू की हुई पुष्टि : कहकशां
नौगवा की रहने वाली 14 साल की कहकशां अपनी मां यासमीन के साथ प्राइमरी स्कूल में पहुंची। कहकशा ने बताया कि उसे बुखार आ रहा है। एनएस वन जांच में संभावित डेंगू की पुष्टि हुई है। घर पर कोई भी देखने या दवा देने नहीं आया।
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पहले कहा, अब फिर कहूंगा : राज्यमंत्री
पीलीभीत। नौगवा के हालात पर पूरा तंत्र गंभीर नहीं है। शहर विधायक प्रदेश सरकार के गन्ना राज्यमंत्री संजय सिंह गंगगवार कहते हैं कि स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है। पूर्व में इस संबंध में अधिकारियों से बात करके सफाई करवाने को कहा था। अब फिर अधिकारियों से बात करवहां टीमों को भिजवाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिन लोगों की मौत हुई। उनके घर वे जा चुके हैं। हाल दो भाइयों की मौत हुई है। उनके घर नहीं जा पाए। लेकिन सवाल घर पहुंचने का नहीं है। मसला यह गंभीर है कि क्षेत्र की व्यवस्था कैसे सुधरे।
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डीएम से बात करेंगे : कमिश्नर
इस मामले में डीएम से बात कर पता किया जाएगा। मौतें क्यों हो रही हैं पता कराया जाएगा।
- संयुक्ता समद्दार, कमिश्नर
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