संदिग्ध हालात में लापता हुई किशोरी को किसी ने अगवा नहीं किया था, बल्कि वह खुद रुड़की निवासी अपने प्रेमी के साथ घूमने निकल गई थी। चार दिन बाद प्रेमी ही किशोरी को रेलवे स्टेशन छोड़कर फरार हो गया था। परिजनों के पूछताछ करने पर किशोरी ने खादरवाला के चार नाबालिग लड़कों समेत छह पर अगवा कर गैंगरेप किए जाने का आरोप लगाया था। पुलिस ने किशोरी के प्रेमी को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा करते हुए आरोपी को जेल भेज दिया है।
शहर से सटे गांव निवासी महिला ने विगत पांच जुलाई को शहर कोतवाली में तहरीर देकर अपनी नाबालिग धेवती का अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप का आरोप लगाया था। महिला ने मामले में खादरवाला के चार व खालापार के एक लड़के समेत छह के खिलाफ नामजद तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की थी।
शहर कोतवाल इंस्पेक्टर अनिल कपरवान ने प्रथम दृष्टया जांच में मामला संदिग्ध करार देते हुए नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी करने से इंकार कर दिया था, जिस पर महिला पीड़ित धेवती के साथ कलक्ट्रेट परिसर में डीएम कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठ गई थी।
मामले की जांच की गई तो किशोरी के मोबाइल नंबर से रुड़की के एक नंबर पर सबसे अधिक कॉल देखी गई। इस नंबर का पता किया गया तो वह रुड़की क्षेत्र के महावतपुर में भगेड़ी निवासी इरशाद पुत्र निसार का पाया गया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी इरशाद को गिरफ्तार करते हुए उससे पूछताछ की तो अपहरण व गैंगरेप की इस पूरी साजिश का भंडाफोड़ हो गया। पुलिस ने आरोपी इरशाद को जेल भेज दिया गया है।
बस में हुआ था नंबरों का आदान-प्रदान
इंस्पेक्टर अनिल कपरवान ने बताया कि पूछताछ में आरोपी इरशाद का कहना है कि ईद से करीब दस दिन पूर्व उसकी मुलाकात किशोरी से हुई थी, जिनके बीच मोबाइल नंबरों का आदान-प्रदान हुआ, जिसके बाद दोनों के बीच बातें होने लगीं। 26 जून को दोनों ने घर से भागने का प्लान बनाया, जिस पर दोनों ने एक-दूसरे को ड्रेस कोड बताए और फिर निर्धारित समय पर दोनों यहां से फरार हो गए।
प्रेमी युगल यहां से सीधे ट्रेन से मेरठ पहुंचा, जहां रात एक साथ गुजारकर वे देहरादून पहुंचे। वहां भी दो दिन रुकने के बाद इरशाद किशोरी को साथ लेकर रुड़की स्थित घर पहुंचा, जहां इरशाद के भाई शहजाद ने उसे दो सौ रुपये देकर किशोरी को मुजफ्फरनगर में ही छोड़ने की बात कही, जिस पर इरशाद एक जुलाई को किशोरी को स्टेशन पर छोड़कर चला गया,
जहां से वह घर पहुंच गई और सवाल-जवाबों से बचने के लिए खादरवाला के छह किशोर उम्र लड़कों द्वारा अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किए जाने का आरोप लगा दिया। हालांकि पुलिस की गंभीरता से की गई जांच में बेकसूर युवकों को बचाते हुए पुलिस ने असल गुनहगार को दबोचकर उक्त मामले में फर्जी नामजदगी में फंसे किशोरों को बचाने का काम कर सराहनीय प्रयास किया है।