मुरादाबाद। मुरादाबाद से लखनऊ की दिशा में तीसरी रेलवे लाइन बिछाने का कार्य प्रस्तावित है। साथ ही ट्रेनों की गति बढ़ाने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। इसलिए गोविंद नगर व अन्य ऐसे क्षेत्र जहां रेलवे लाइन आबादी के बेहद करीब हैं। वहां चहारदीवारी का निर्माण किया जा रहा है। यह स्पष्टीकरण रेलवे ने गोविंगनगर में ट्रैक किनारे बन रही दीवार को लेकर हुए हंगामे के बाद जारी किया है।
सोमवार को गोविंद नगर, आंबेडकर नगर में रेलवे ने ट्रैक किनारे दीवार बनाने के लिए नींव की खुदाई शुरू की तो लोगों ने जमकर हंगामा किया। मामला मेयर, विधायक और जिलाधिकारी तक भी पहुंच गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि दीवार बनने से यहां रास्ता बंद हो जाएगा। आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ी वहां तक नहीं पहुंच पाएगी। इसलिए रेलवे को 20 फीट रास्ता छोड़कर दीवार बनानी चाहिए। सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा ने बताया कि लोगों के निकलने के लिए वहां फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है। भविष्य में वहां तीसरी रेल लाइन बिछाई जाएगी और यातायात संबंधी उपकरण लगाए जाएंगे। इसके लिए रेलवे को भूमि की आवश्यकता होगी। नगर निगम के साथ बनी सहमति के अनुसार 10 फीट जगह छोड़कर दीवार बनाई जा रही है। इससे लोगों को हाई स्पीड ट्रेनों के कारण जान-माल का नुकसान नहीं होगा।
मुरादाबाद। मुरादाबाद से लखनऊ की दिशा में तीसरी रेलवे लाइन बिछाने का कार्य प्रस्तावित है। साथ ही ट्रेनों की गति बढ़ाने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। इसलिए गोविंद नगर व अन्य ऐसे क्षेत्र जहां रेलवे लाइन आबादी के बेहद करीब हैं। वहां चहारदीवारी का निर्माण किया जा रहा है। यह स्पष्टीकरण रेलवे ने गोविंगनगर में ट्रैक किनारे बन रही दीवार को लेकर हुए हंगामे के बाद जारी किया है।
सोमवार को गोविंद नगर, आंबेडकर नगर में रेलवे ने ट्रैक किनारे दीवार बनाने के लिए नींव की खुदाई शुरू की तो लोगों ने जमकर हंगामा किया। मामला मेयर, विधायक और जिलाधिकारी तक भी पहुंच गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि दीवार बनने से यहां रास्ता बंद हो जाएगा। आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ी वहां तक नहीं पहुंच पाएगी। इसलिए रेलवे को 20 फीट रास्ता छोड़कर दीवार बनानी चाहिए। सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा ने बताया कि लोगों के निकलने के लिए वहां फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है। भविष्य में वहां तीसरी रेल लाइन बिछाई जाएगी और यातायात संबंधी उपकरण लगाए जाएंगे। इसके लिए रेलवे को भूमि की आवश्यकता होगी। नगर निगम के साथ बनी सहमति के अनुसार 10 फीट जगह छोड़कर दीवार बनाई जा रही है। इससे लोगों को हाई स्पीड ट्रेनों के कारण जान-माल का नुकसान नहीं होगा।