दिल्ली हावड़ा मुख्य रेल मार्ग पर स्थित चुनार जंक्शन से प्रदेश की राजधानी लखनऊ जाने के लिए दिन में कोई ट्रेन नहीं होने के चलते तहसील क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस जंक्शन से होते हुए दर्जनों एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनें विभिन्न राज्यों को आती जाती हैं, लेकिन प्रदेश की राजधानी लखनऊ आवागमन के लिए दिन के समय एक भी ट्रेन नहीं है।
पूर्व में शाम के समय मुगलसराय से बरेली तक पैसेंजर ट्रेन का संचालन होता था। क्षेत्र के लोग शाम को जंक्शन से ट्रेन पकड़कर सुबह लखनऊ पहुंच जाते थे, लेकिन इस ट्रेन का संचालन बंद कर दिया गया है। वर्तमान में लखनऊ जाने के लिए मात्र एक त्रिवेणी एक्सप्रेस ट्रेन है। जिसका समय रात का है और यह ट्रेन भी अक्सर लेट रहती है। ट्रेन का समय रात में होने के चलते दूरदराज के गांव से जुड़े लोग जंक्शन तक पहुंचने का साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण मजबूरी में शाम को ही स्टेशन पर पहुंच जाते हैं और देर रात तक लखनऊ की यात्रा के लिए ट्रेन आने का इंतजार करते हैं। दैनिक यात्रियों सहित तहसील क्षेत्र की जनता ने मुगलसराय बरेली पैसेंजर ट्रेन का परिचालन फिर से कराये जाने के लिए रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराया है।
दिल्ली हावड़ा मुख्य रेल मार्ग पर स्थित चुनार जंक्शन से प्रदेश की राजधानी लखनऊ जाने के लिए दिन में कोई ट्रेन नहीं होने के चलते तहसील क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस जंक्शन से होते हुए दर्जनों एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनें विभिन्न राज्यों को आती जाती हैं, लेकिन प्रदेश की राजधानी लखनऊ आवागमन के लिए दिन के समय एक भी ट्रेन नहीं है।
पूर्व में शाम के समय मुगलसराय से बरेली तक पैसेंजर ट्रेन का संचालन होता था। क्षेत्र के लोग शाम को जंक्शन से ट्रेन पकड़कर सुबह लखनऊ पहुंच जाते थे, लेकिन इस ट्रेन का संचालन बंद कर दिया गया है। वर्तमान में लखनऊ जाने के लिए मात्र एक त्रिवेणी एक्सप्रेस ट्रेन है। जिसका समय रात का है और यह ट्रेन भी अक्सर लेट रहती है। ट्रेन का समय रात में होने के चलते दूरदराज के गांव से जुड़े लोग जंक्शन तक पहुंचने का साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण मजबूरी में शाम को ही स्टेशन पर पहुंच जाते हैं और देर रात तक लखनऊ की यात्रा के लिए ट्रेन आने का इंतजार करते हैं। दैनिक यात्रियों सहित तहसील क्षेत्र की जनता ने मुगलसराय बरेली पैसेंजर ट्रेन का परिचालन फिर से कराये जाने के लिए रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराया है।