मेरठ में दरोगा के उत्पीड़न से क्षुब्ध होकर टीपीनगर थाने में आत्मदाह करने वाले टेंपो चालक अश्वनी प्रकरण में सोमवार को आईजी ऑफिस से पुलिस लाइन तक जमकर बखेड़ा हुआ। पीड़ित परिवार दरोगा की गिरफ्तारी की मांग लेकर आईजी को शिकायत पत्र देकर निकला तो पास ही आरोपी दरोगा के टकराने पर परिवार के लोग आक्रोश में आ गए। दरोगा महिलाओं से हाथापाई कर वहां से भागकर पुलिस लाइन में जा घुसा। पीछे-पीछे लोग भी पहुंच गए। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने आरोपी दरोगा का पक्ष लेकर महिलाओं से अभद्रता, खींचतान और मारपीट की। सीओ सिविल लाइन पर भी महिलाओं से मारपीट करने का आरोप है। सात लोगों को जबरन हिरासत में ले लिया। बाद में भाजपा और कांग्रेसियों ने थाने में हंगामा कर उन्हें छुड़वाया।
12 जनवरी 2020 को टेंपो चालक अश्वनी ने टीपीनगर थाने में आत्मदाह कर लिया था। आरोप है कि थाने में तैनात दरोगा राजदेव पूनिया के उत्पीड़न से तंग आकर अश्वनी ने जान दी थी। जिस पर दरोगा पर केस दर्ज हुआ था। पीड़ित पक्ष दरोगा की गिरफ्तारी की मांग करता आ रहा है जबकि पुलिस उसे फरार बता रही है। दरोगा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सोमवार को अश्वनी के भाई प्रशांत व रितेश, पड़ोसी रिंकू, छोटू और आधा दर्जन से ज्यादा महिलाएं आईजी ऑफिस पहुंची थीं। आईजी को शिकायती पत्र देकर परिवार ऑफिस से निकला ही था कि पास ही दरोगा राजदेव पूनिया सादी वर्दी में बुलेट पर आता दिखाई दिया।
चाबी निकाली तो जड़ा थप्पड़
अश्वनी के भाई प्रशांत ने दरोगा की बुलेट बाइक रोककर भाई के साथ किए उत्पीड़न का कारण पूछा तो दोनों में नोकझोंक हो गई। प्रशांत ने बाइक की चाबी निकाल ली। महिलाओं ने कहा कि पुलिस तो तुम्हें फरार बता रही है और तुम यहां घूम रहे हो। आरोप है कि चाबी निकालने पर दरोगा ने एक महिला को थप्पड़ मार दिया। हाथापाई के बाद लोगों में आक्रोश फैला तो दरोगा बाइक छोड़कर वहां से भागा और पुलिस लाइन में घुस गया। परिवार के लोग पीछा करते हुए पुलिस लाइन में पहुंच गए।
सीओ का वीडियो हुआ वायरल
दरोगा को बंधक बनाने और उसकी पिटाई करने की सूचना पर सीओ सिविल लाइन संजीव देशवाल मौके पर पहुंचे। आरोप है कि सीओ सिविल लाइन ने भी महिलाओं से मारपीट की। सीओ ने इस दौरान जो कहा, उसका वीडियो भी वायरल हो गया।
महिलाओं से अभद्रता, गालीगलौज, पुलिस लाइन में पीटा
पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने दरोगा के पक्ष में आकर महिलाओं से गालीगलौज, अभद्रता और मारपीट की। महिलाएं चिल्लाती रहीं। लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। महिलाओं से अभद्र व्यवहार और खींचतान कर जबरन थाने की जीप में बैठाया गया। महिलाएं बोलीं कि उनके बेटे की दरोगा के उत्पीड़न से मौत हो गई और अब पुलिस उनका ही उत्पीड़न हो रहा है। उनका यही कसूर है कि वे इंसाफ मांग रही हैं। दरोगा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधिकारियों के यहां चक्कर काट रहे हैं और अब हमने दरोगा पकड़ा तो उसके पक्ष में पुलिस आ गई। लेकिन पुलिसकर्मी नहीं माने। बाद में सिविल लाइन थाने पहुंचे कांग्रेस जिला अध्यक्ष अवनीश काजला और भाजपा नेता कमलदत्त शर्मा ने हंगामा किया तो पीड़ित परिवार को छोड़ा गया।
मैंने नहीं की मारपीट
मैंने महिलाओं से कोई मारपीट नहीं की। हां पुलिसकर्मियों को जरूर मैंने डांटा था। क्योंकि वह दरोगा और पांच-छह लोगों के बीच हो रही हाथापाई को रोकने के बजाए तमाशबीन बने थे।
- संजीव देशवाल, सीओ सिविल लाइन
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मेरठ में दरोगा के उत्पीड़न से क्षुब्ध होकर टीपीनगर थाने में आत्मदाह करने वाले टेंपो चालक अश्वनी प्रकरण में सोमवार को आईजी ऑफिस से पुलिस लाइन तक जमकर बखेड़ा हुआ। पीड़ित परिवार दरोगा की गिरफ्तारी की मांग लेकर आईजी को शिकायत पत्र देकर निकला तो पास ही आरोपी दरोगा के टकराने पर परिवार के लोग आक्रोश में आ गए। दरोगा महिलाओं से हाथापाई कर वहां से भागकर पुलिस लाइन में जा घुसा। पीछे-पीछे लोग भी पहुंच गए। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने आरोपी दरोगा का पक्ष लेकर महिलाओं से अभद्रता, खींचतान और मारपीट की। सीओ सिविल लाइन पर भी महिलाओं से मारपीट करने का आरोप है। सात लोगों को जबरन हिरासत में ले लिया। बाद में भाजपा और कांग्रेसियों ने थाने में हंगामा कर उन्हें छुड़वाया।
12 जनवरी 2020 को टेंपो चालक अश्वनी ने टीपीनगर थाने में आत्मदाह कर लिया था। आरोप है कि थाने में तैनात दरोगा राजदेव पूनिया के उत्पीड़न से तंग आकर अश्वनी ने जान दी थी। जिस पर दरोगा पर केस दर्ज हुआ था। पीड़ित पक्ष दरोगा की गिरफ्तारी की मांग करता आ रहा है जबकि पुलिस उसे फरार बता रही है। दरोगा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सोमवार को अश्वनी के भाई प्रशांत व रितेश, पड़ोसी रिंकू, छोटू और आधा दर्जन से ज्यादा महिलाएं आईजी ऑफिस पहुंची थीं। आईजी को शिकायती पत्र देकर परिवार ऑफिस से निकला ही था कि पास ही दरोगा राजदेव पूनिया सादी वर्दी में बुलेट पर आता दिखाई दिया।
चाबी निकाली तो जड़ा थप्पड़
अश्वनी के भाई प्रशांत ने दरोगा की बुलेट बाइक रोककर भाई के साथ किए उत्पीड़न का कारण पूछा तो दोनों में नोकझोंक हो गई। प्रशांत ने बाइक की चाबी निकाल ली। महिलाओं ने कहा कि पुलिस तो तुम्हें फरार बता रही है और तुम यहां घूम रहे हो। आरोप है कि चाबी निकालने पर दरोगा ने एक महिला को थप्पड़ मार दिया। हाथापाई के बाद लोगों में आक्रोश फैला तो दरोगा बाइक छोड़कर वहां से भागा और पुलिस लाइन में घुस गया। परिवार के लोग पीछा करते हुए पुलिस लाइन में पहुंच गए।
सीओ का वीडियो हुआ वायरल
दरोगा को बंधक बनाने और उसकी पिटाई करने की सूचना पर सीओ सिविल लाइन संजीव देशवाल मौके पर पहुंचे। आरोप है कि सीओ सिविल लाइन ने भी महिलाओं से मारपीट की। सीओ ने इस दौरान जो कहा, उसका वीडियो भी वायरल हो गया।
महिलाओं से अभद्रता, गालीगलौज, पुलिस लाइन में पीटा
पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने दरोगा के पक्ष में आकर महिलाओं से गालीगलौज, अभद्रता और मारपीट की। महिलाएं चिल्लाती रहीं। लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। महिलाओं से अभद्र व्यवहार और खींचतान कर जबरन थाने की जीप में बैठाया गया। महिलाएं बोलीं कि उनके बेटे की दरोगा के उत्पीड़न से मौत हो गई और अब पुलिस उनका ही उत्पीड़न हो रहा है। उनका यही कसूर है कि वे इंसाफ मांग रही हैं। दरोगा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधिकारियों के यहां चक्कर काट रहे हैं और अब हमने दरोगा पकड़ा तो उसके पक्ष में पुलिस आ गई। लेकिन पुलिसकर्मी नहीं माने। बाद में सिविल लाइन थाने पहुंचे कांग्रेस जिला अध्यक्ष अवनीश काजला और भाजपा नेता कमलदत्त शर्मा ने हंगामा किया तो पीड़ित परिवार को छोड़ा गया।
मैंने नहीं की मारपीट
मैंने महिलाओं से कोई मारपीट नहीं की। हां पुलिसकर्मियों को जरूर मैंने डांटा था। क्योंकि वह दरोगा और पांच-छह लोगों के बीच हो रही हाथापाई को रोकने के बजाए तमाशबीन बने थे।
- संजीव देशवाल, सीओ सिविल लाइन
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