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Meerut News: सरकारी स्कूल पर आवारा गोवंश का कब्जा, गेट के बाहर बैठकर पढ़ने को मजबूर नौनिहाल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ Published by: Dimple Sirohi Updated Wed, 18 Jan 2023 02:37 PM IST
सार

मेरठ के फलावदा में ग्रामीण आवारा गोवंशों से परेशान हैं। हाल ही में स्कूल की शीतकालीन छुट्टियों के दौरान ग्रामीणों ने आवारा पशुओं को पकड़कर स्कूल में बंद कर दिया। बुधवार को दोबारा स्कूल खुले तो शिक्षक स्कूल में आवारा गोवंश देखकर हैरान रहे गए। आखिरकार बच्चों को मजबूरन बाहर ही पढ़ाना पड़ा।

स्कूल में गोवंश व बाहर बैठकर पढ़ते बच्चे
स्कूल में गोवंश व बाहर बैठकर पढ़ते बच्चे - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

मेरठ के फलावदा के गांव पिलोना में सरकारी स्कूल पर आवारा गोवंशों का कब्जा है। इस कारण बच्चे स्कूल के बाहर पढ़ने को मजबूर हैं जबकि अध्यापक बच्चों को स्कूल के बाहर ही शिक्षा दे रहे हैं।



कई दिन पहले ग्रामीणों ने फसलों को नुकसान पहुंचा रहे पशुओं को पकड़ कर स्कूल में बंद कर दिया था। अधिकारियों को भी इसकी सूचना दी गई थी लेकिन सूचना देने के बावजूद किसी अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर आवारा पशुओं का समाधान कराने का प्रयास नहीं किया। बुधवार को स्कूल खुले तो बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल पहुंचे लेकिन स्कूल गोवंश का कब्जा देख उन्हें बाहर ही इंतजार करना पड़ा। फिर से सूचना अधिकारियों को दी गई। जिस पर तहसील प्रशासन की टीम गांव मे पहुंचकर पशुओं कि वैकल्पिक व्यवस्था का प्रयास कर रही है।


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जानकारी के अनुसार क्षेत्र के गांव पिलोना के गांव जंगलों में आवारा घूम रहे भारी तादाद में पशुओं ने जीना मुश्किल कर रखा है। गांव पिलोना के ग्रामीणों का कहना है कि आवारा पशु भारी तादाद में जंगल में घूम रहे हैं और किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कई दिन पहले ग्रामीणों ने फसलो को नुकसान पहुंचा रहे 20 पशुओं को पकड़ कर गांव पिलोना प्राथमिक विद्यालय नंबर 2 में बंद कर अधिकारियों को सूचना दी थी।

 

ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों को सूचना देने के बावजूद भी किसी अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर आवारा पशुओं का समाधान कराने कि बात तो दूर मौके पर पहुंचना भी गवारा नहीं समझा। ग्रामीणों के हंगामे के बाद बच्चों के स्कूल के बाहर शिक्षा ग्रहण करने के बाद बुधवार को तहसील प्रशासन की टीम ने गांव मे पहुंचकर पशुओं कि वैकल्पिक व्यवस्था का प्रयास शुरू किया है। हालांकि ग्रामीण इस व्यवस्था से खुश नजर नहीं आए।

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