मुजफ्फरनगर में गांव जटनंगला स्थित ईंट भट्ठे पर कच्ची झोपड़ी में सोई अनुसूचित जाति की किशोरी की संदिग्ध हालात में जलकर मौत हो गई। सुबह करीब पांच बजे झोंपड़ी से धुआं निकलते देख आसपास के मजदूरों ने दरवाजा तोड़कर शव बाहर निकाला। मौके पर पहुंचे भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा किया, लेकिन परिजनों ने इसे हादसा बताते हुए तहरीर दी है।
गांव जटनंगला स्थित अरविंद के ईंट भट्ठे पर गांव बधाईकलां निवासी अनुसूचित जाति का राज सिंह भी परिवार के साथ काम करता है। वह परिवार के साथ भट्ठे पर ही मजदूरों के लिए बनाई गई कच्ची झोपड़ी में रहता है। राज सिंह के मुताबिक गुरुवार की रात उसकी बेटी मीनाक्षी (14) झोपड़ी में सोई थी, जबकि उसका नौ वर्षीय छोटा भाई सुमित बाहर सोया था। वह पत्नी को दवाई दिलवाने के लिए गांव बधाईकलां चला गया था। शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे राज सिंह की झोपड़ी से धुआं निकलते देख आसपास के मजदूरों ने आग पर पानी डालकर काबू पाया। आग के बुझने के बाद लोगों ने झोपड़ी का दरवाजा तोड़ दिया लेकिन, तब तक मीनाक्षी की जलकर मौत हो चुकी थी।
सूचना पर एसडीएम सदर कुमार धर्मेंद्र, सीओ सिटी हरीश सिंह भदौरिया व शहर कोतवाल अनिल कपरवान टीम के साथ मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। इसी दौरान भीम आर्मी कार्यकर्ता मौके पर जा पहुंचे और हत्या कर लाश जलाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि परिजनों ने इसे महज हादसा बताया। इस पर पुलिस ने भीम आर्मी कार्यकर्ताओं को समझाते हुए शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी भेज दिया। मामले में पीड़ित पिता राज सिंह की ओर से घटना की तहरीर दी गई है। सीओ सिटी ने बताया कि पुलिस घटना की जांच पड़ताल कर रही है।
हादसा, हत्या और आत्महत्या में उलझी मौत की गुत्थी
मीनाक्षी मौत का मामला हादसा, हत्या और आत्महत्या के बीच उलझ रहा है। रोहाना चौकी प्रभारी एसआई मनोज कुमार शर्मा के मुताबिक प्राथमिक जांच में सामने आया कि गुरुवार की रात किशोरी अपनी झोपड़ी में सोई थी, जबकि उसका भाई सुमित झोपड़ी के बाहर सोया हुआ था। तड़के करीब तीन बजे हल्की बूंदाबांदी हुई तो भाई भी झोपड़ी में जाकर किशोरी के पास ही सो गया था। कुछ देर बार बारिश थमी तो वह फिर से झोपड़ी के बाहर आकर सो गया। इसके बाद मीनाक्षी ने झोपड़ी का दरवाजा रस्सी से बांधकर अंदर से बंद कर लिया था। सुबह करीब पांच बजे झोपड़ी से धुआं निकलता देख भट्ठे के अन्य मजदूरों ने शोर मचाते हुए दरवाजा तोड़ा तो मीनाक्षी का जला हुआ शव मिला। बड़ा सवाल यही है कि झोपड़ी में आग कैसे लगी? जलते समय किसी ने किशोरी की चीख-पुकार तक नहीं सुनी जबकि उसका भाई झोपड़ी के बाहर ही सोया हुआ था।
इस संबंध में इंस्पेक्टर अनिल कपरवान का कहना है कि प्रथम दृष्टया जांच में झोपड़ी में रोशनी के लिए जलाई गई किसी मोमबत्ती या लालटेन से आग लगने का अंदेशा है। संभवत: आग पहले सामान में लगी, जिससे निकले धुएं से बंद झोपड़ी में सोई किशोरी बेहोश हो गई और बेहोशी के आलम में ही उसकी मौत हो गई। पीएम रिपोर्ट आने पर किशोरी की मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा।
गमगीन माहौल में हुआ शव का अंतिम संस्कार
किशोरी मीनाक्षी का शव शुक्रवार की शाम पोस्टमार्टम के बाद पीड़ित परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। परिजन शव लेकर गांव बधाईकलां चले गए, जहां गमगीन माहौल में शव का अंतिम संस्कार किया गया।
नोट- इन खबरों के बारे आपकी क्या राय हैं। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं।
शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें
https://www.facebook.com/AuNewsMeerut/
मुजफ्फरनगर में गांव जटनंगला स्थित ईंट भट्ठे पर कच्ची झोपड़ी में सोई अनुसूचित जाति की किशोरी की संदिग्ध हालात में जलकर मौत हो गई। सुबह करीब पांच बजे झोंपड़ी से धुआं निकलते देख आसपास के मजदूरों ने दरवाजा तोड़कर शव बाहर निकाला। मौके पर पहुंचे भीम आर्मी कार्यकर्ताओं ने हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा किया, लेकिन परिजनों ने इसे हादसा बताते हुए तहरीर दी है।
गांव जटनंगला स्थित अरविंद के ईंट भट्ठे पर गांव बधाईकलां निवासी अनुसूचित जाति का राज सिंह भी परिवार के साथ काम करता है। वह परिवार के साथ भट्ठे पर ही मजदूरों के लिए बनाई गई कच्ची झोपड़ी में रहता है। राज सिंह के मुताबिक गुरुवार की रात उसकी बेटी मीनाक्षी (14) झोपड़ी में सोई थी, जबकि उसका नौ वर्षीय छोटा भाई सुमित बाहर सोया था। वह पत्नी को दवाई दिलवाने के लिए गांव बधाईकलां चला गया था। शुक्रवार सुबह करीब पांच बजे राज सिंह की झोपड़ी से धुआं निकलते देख आसपास के मजदूरों ने आग पर पानी डालकर काबू पाया। आग के बुझने के बाद लोगों ने झोपड़ी का दरवाजा तोड़ दिया लेकिन, तब तक मीनाक्षी की जलकर मौत हो चुकी थी।
सूचना पर एसडीएम सदर कुमार धर्मेंद्र, सीओ सिटी हरीश सिंह भदौरिया व शहर कोतवाल अनिल कपरवान टीम के साथ मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। इसी दौरान भीम आर्मी कार्यकर्ता मौके पर जा पहुंचे और हत्या कर लाश जलाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि परिजनों ने इसे महज हादसा बताया। इस पर पुलिस ने भीम आर्मी कार्यकर्ताओं को समझाते हुए शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी भेज दिया। मामले में पीड़ित पिता राज सिंह की ओर से घटना की तहरीर दी गई है। सीओ सिटी ने बताया कि पुलिस घटना की जांच पड़ताल कर रही है।
हादसा, हत्या और आत्महत्या में उलझी मौत की गुत्थी
मीनाक्षी मौत का मामला हादसा, हत्या और आत्महत्या के बीच उलझ रहा है। रोहाना चौकी प्रभारी एसआई मनोज कुमार शर्मा के मुताबिक प्राथमिक जांच में सामने आया कि गुरुवार की रात किशोरी अपनी झोपड़ी में सोई थी, जबकि उसका भाई सुमित झोपड़ी के बाहर सोया हुआ था। तड़के करीब तीन बजे हल्की बूंदाबांदी हुई तो भाई भी झोपड़ी में जाकर किशोरी के पास ही सो गया था। कुछ देर बार बारिश थमी तो वह फिर से झोपड़ी के बाहर आकर सो गया। इसके बाद मीनाक्षी ने झोपड़ी का दरवाजा रस्सी से बांधकर अंदर से बंद कर लिया था। सुबह करीब पांच बजे झोपड़ी से धुआं निकलता देख भट्ठे के अन्य मजदूरों ने शोर मचाते हुए दरवाजा तोड़ा तो मीनाक्षी का जला हुआ शव मिला। बड़ा सवाल यही है कि झोपड़ी में आग कैसे लगी? जलते समय किसी ने किशोरी की चीख-पुकार तक नहीं सुनी जबकि उसका भाई झोपड़ी के बाहर ही सोया हुआ था।
इस संबंध में इंस्पेक्टर अनिल कपरवान का कहना है कि प्रथम दृष्टया जांच में झोपड़ी में रोशनी के लिए जलाई गई किसी मोमबत्ती या लालटेन से आग लगने का अंदेशा है। संभवत: आग पहले सामान में लगी, जिससे निकले धुएं से बंद झोपड़ी में सोई किशोरी बेहोश हो गई और बेहोशी के आलम में ही उसकी मौत हो गई। पीएम रिपोर्ट आने पर किशोरी की मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा।
गमगीन माहौल में हुआ शव का अंतिम संस्कार
किशोरी मीनाक्षी का शव शुक्रवार की शाम पोस्टमार्टम के बाद पीड़ित परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। परिजन शव लेकर गांव बधाईकलां चले गए, जहां गमगीन माहौल में शव का अंतिम संस्कार किया गया।
नोट- इन खबरों के बारे आपकी क्या राय हैं। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं।
शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें
https://www.facebook.com/AuNewsMeerut/