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श्मशान घाट की जमीन पर कब्जा, तनाव
खरखौदा। गांव जाहिदपुर में संप्रदाय विशेष के लोगों ने श्मशानघाट की जमीन कब्जा कर रखा है। जिसको लेेकर गांव में दोनों संप्रदाय कई बार आमने-सामने आ चुके हैं। ग्रामीणों ने जब श्मशानघाट की जमीन पर हुए अवैध कब्जे को लेकर विरोध किया तथा नगर निगम में मामले की शिकायत की तो निगम ने भूमि की पैमाइश कराकर चाहर दिवारी का ठेका छोड़ दिया। लेकिन तीन दिशाओं की दीवार होने के बाद राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद अवैध कब्जे वाली दीवार को फिर रोक दिया गया। गांव में तनाव पूर्ण स्थिति बनी हुई है।
गांव जाहिदपुर में मिश्रित आबादी है। गांव में हिंदू व मुस्लिमों की बराबर की हिस्सेदारी है। गांव में श्मशानघाट की भूमि व होली चौक पर संप्रदाय विशेेष के कुछ लोगों द्वारा अवैध रूप से किए गए कब्जे को लेकर कई बार दोनों पक्ष आमने-सामने आ चुके हैं। ग्रामीणों के अनुसार अभिलेखों में श्मशान घाट की जमीन करीब 8.5 बीघा है लेकिन अवैध कब्जे के कारण इस समय केवल छह बीघा ही रह गई है। इसके बाद भी संप्रदाय विशेष के कई लोग उक्त जमीन पर भी अवैध कब्जा कर रहे हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि सन 2011 से जमीन पर अवैध कब्जा हो रहा है। जिसके बारे में ग्रामीणों ने नगर आयुक्त व जिलाधिकारी को कई बार शिकायत की। संप्रदाय विशेष के एक परिवार ने श्मशान घाट की भूमि पर जब करीब दो वर्ष पहलेे अवैध निर्माण शुरू किया तो हिंदू लोगों ने अवैध निर्माण का विरोध किया था तथा ग्रामीणों ने नगर आयुक्त व जिलाधिकारी से निर्माण कार्य को रूकवाकर अवैध निर्माण को ध्वस्त कराकर कब्जा मुक्त कराने की मांग की थी। इस मामले में दोनो संप्रदाय के लोगों में टकराव की स्थिति बन गई थी। लेकिन पुलिस प्रशासन ने मामले को संभालते हुए श्मशानघाट की जमीन की पैमाइश कराकर चाहर दीवारी कराने की बात कही थी। जिसमें कुछ समय नगर निगम ने पहले भूमि की पैमाइश कराकर चाहरदीवारी का टैंडर भी छोड़ दिया। जिसमें भूमि की तीन दिशाओं का कार्य पूर्ण भी हो गया। लेकिन भूमि के जिस हिस्से पर कब्जा है जैसे ही उस दिशा में निर्माण कार्य शुरू हुआ। तीन दिन पहले दीवार के निर्माण के लिए नींव खुुदाई की गई। लेेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि दो दिन पूर्व वार्ड पार्षद मौके पर पहुंचे तथा नगर निगम के लेखपाल द्वारा पैमाइश कराकर कार्य को दोबारा रुकवा दिया। वहीं जैसे ही कार्य रुका तो संप्रदाय विशेष के लोगों ने खुदी हुई नींव को भर दिया। गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। खरखौदा इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी ने मामले की जानकारी से इंकार किया है।
लेखपाल पर लगाया आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि नगर निगम का लेखपाल जो कि मेरठ में ही करीब 15 वर्षों से डटा हुआ है। लेखपाल अपनी मनमानी के तहत अपने हिसाब से कार्य करता है। नगर निगम द्वारा निशानदेही कराकर जब कार्य को शुरू करा दिया गया तथा दीवार निर्माण के लिए नींव की खुदाई भी करा दी तो कार्य फिर दोबारा क्यों रोका गया।
पार्षद द्वारा ग्रामीणों पर दबाव बनाकर कार्य रुकवाने का आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि वार्ड 36 का पार्षद गांव जाहिदपुर का ही निवासी है। निर्माण कार्य सुचारू रूप से चल रहा था। लेकिन दो दिन पहले जब पार्षद मौके पर पहुंचा तो दोबारा कार्य रोक दिया गया। ग्रामीणों ने पार्षद द्वारा दबाव बनाने का भी आरोप लगाया है। वहीं जब नगर पार्षद शौकत प्रधान से बात करने का प्रयास किया गया तो फोन बंद मिला।
कई बार जमीन की पैमाइश कराई जा चुकी है लेकिन नगर निगम के जेई व एई श्मशान घाट की चाहरदिवारी का निर्माण कार्य पूर्ण क्यों नही करा रहे हैं जानकारी नहीं है। कुछ गांव के लोग निर्माण कार्य को बार बार रुकवा रहे हैं। -कुंवरपाल नगर निगम लेखपाल
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मामला दो संप्रदायों का होने के कारण गंभीर है। इससे पहले दोनों पक्षों में टकराव की स्थिति बने वह स्वयं मौके पर जाकर जांच करेगी। निशा अनंत एसडीएम सदर
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