मऊ। आजमगढ़ की विवाहिता का बलात्कार फिलहाल फर्जी साबित होने पर षड्यंत्र रचकर अनुसूचित जाति के दो व्यक्तियों को फंसाने के आरोप में पुलिस ने विवाहिता और नगर के गोपाल निषाद समेत छह लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। वहीं एक नेता समेत दो अन्य लोगों पर भी जल्द मुकदमा दर्ज किया जाएगा। फिलहाल मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की जा सकती है। जल्द ही सभी आरोपी सलाखों के पीछे होंगे।
आजमगढ़ के महाराजगंज थाना क्षेत्र के देवारा हरखपुर की रीता तिवारी ने गांव के दो लोगों समेत तीन पर नगर के रोडवेज परिसर में बलात्कार का आरोप लगाया था। मामले की पुष्टि के लिए शहर कोतवाली पुलिस ने विवाहिता और तीनों आरोपियों का मेडिकल मुआयना कराया तो आरोप पुष्ट नहीं हो सका।
इसके आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को छोड़ दिया। विवेचना के दौरान पुलिस को पता चला कि आजमगढ़ निवासी झिनकू राम और प्रेमचंद समेत तीनों लोगों को फंसाने के लिए पूरी साजिश रची गई थी। पुलिस ने सर्विलांस के आधार पर जब गुत्थी सुलझाना शुरू किया तो पता चला कि आजमगढ़ के रामकिशुन चौहान और एक अन्य नेता के साथ नगर के गोपाल निषाद ने विवाहिता और उसके परिजनों के साथ मिलकर पूरा षड्यंत्र रचा था। उपलब्ध साक्ष्यों और बयानों के आधार पर शहर कोतवाली पुलिस ने विवाहिता रीता पांडेय, उसकी सास सरस्वती, ससुर रामसकल तिवारी, देवर अरूण, रामकिशुन चौहान और गोपाल निषाद के ऊपर अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस बाबत शहर कोतवाल भैयालाल सिंह ने बताया कि साजिश कर अनुसूचित जाति के दो व्यक्तियों को फर्जी मामले में फसाने के आरोप में विवाहिता समेत छह लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। विवेचना जारी है, एक अन्य नेता समेत दो लोगों पर भी मुकदमा दर्ज कर सभी आरोपियों को जल्द ही जेल भेजा जाएगा।
मऊ। आजमगढ़ की विवाहिता का बलात्कार फिलहाल फर्जी साबित होने पर षड्यंत्र रचकर अनुसूचित जाति के दो व्यक्तियों को फंसाने के आरोप में पुलिस ने विवाहिता और नगर के गोपाल निषाद समेत छह लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। वहीं एक नेता समेत दो अन्य लोगों पर भी जल्द मुकदमा दर्ज किया जाएगा। फिलहाल मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की जा सकती है। जल्द ही सभी आरोपी सलाखों के पीछे होंगे।
आजमगढ़ के महाराजगंज थाना क्षेत्र के देवारा हरखपुर की रीता तिवारी ने गांव के दो लोगों समेत तीन पर नगर के रोडवेज परिसर में बलात्कार का आरोप लगाया था। मामले की पुष्टि के लिए शहर कोतवाली पुलिस ने विवाहिता और तीनों आरोपियों का मेडिकल मुआयना कराया तो आरोप पुष्ट नहीं हो सका।
इसके आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को छोड़ दिया। विवेचना के दौरान पुलिस को पता चला कि आजमगढ़ निवासी झिनकू राम और प्रेमचंद समेत तीनों लोगों को फंसाने के लिए पूरी साजिश रची गई थी। पुलिस ने सर्विलांस के आधार पर जब गुत्थी सुलझाना शुरू किया तो पता चला कि आजमगढ़ के रामकिशुन चौहान और एक अन्य नेता के साथ नगर के गोपाल निषाद ने विवाहिता और उसके परिजनों के साथ मिलकर पूरा षड्यंत्र रचा था। उपलब्ध साक्ष्यों और बयानों के आधार पर शहर कोतवाली पुलिस ने विवाहिता रीता पांडेय, उसकी सास सरस्वती, ससुर रामसकल तिवारी, देवर अरूण, रामकिशुन चौहान और गोपाल निषाद के ऊपर अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस बाबत शहर कोतवाल भैयालाल सिंह ने बताया कि साजिश कर अनुसूचित जाति के दो व्यक्तियों को फर्जी मामले में फसाने के आरोप में विवाहिता समेत छह लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। विवेचना जारी है, एक अन्य नेता समेत दो लोगों पर भी मुकदमा दर्ज कर सभी आरोपियों को जल्द ही जेल भेजा जाएगा।