बरसाना (मथुरा)। नंदगांव के हुरियारों को मजा चखाने के लिए बरसाना की हुरियारिनें लाठियों को तेल पिला रही हैं। बरसाना की लठामार होली के रंग में सराबोर होने के लिए हर कोई आतुर है। हुरियारिन विशेष तैयारियों में जुटी हैं। वे खुद काजू, बादाम, किशमिश आदि मेवा खा रही हैं। कुछ हुरियारिनें अपने लहंगा-चुन्नी तैयार करने में लगी हैं। विश्व प्रसिद्ध लठामार होली की बात ही कुछ ऐसी है जहां सभी अपनी-अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं। वहीं, सास से ट्रेनिंग ले रही हैं।
राधाकृष्ण के दिव्य प्रेम के अनुराग को दर्शाती बरसाना की लठामार होली में राधा स्वरूपा हुरियारिनें नंदगांव के हुरियारों पर अपनी प्रेमपगी लाठियां बरसाएंगी। इसके लिए बरसाना की महिलाएं होली की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी हैं। बहुएं अपनी सास से होली के गुर सीख रही हैं। होली में हुरियारों को कैसे मजा चखना है। सास भी बहुओं को होली के लिए ट्रेनिंग देने का काम कर रही हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि द्वापरयुग में कृष्ण व उनके सखाओं से राधा सहित उनकी अष्टसखियों ने होली खेली थी। उसी प्राचीन परंपरा को जीवंत करने के
लिए बरसाना की हुरियारिनें नंदगांव के हुरियारों से चार मार्च को विश्व प्रसिद्ध लठामार होली खेलेंगी।
बोलीं हुरियारिनें- हमारा सौभाग्य जो बरसाना में खेल रहीं होली
हुरियारिन संतोष शर्मा कहती हैं कि यह मेरा सौभाग्य है कि मेरी ससुराल श्रीधाम बरसाना में है। विश्व प्रसिद्ध लठामार होली खेलने का अवसर प्राप्त हुआ है।
गरिमा शर्मा ने कहा कि अबकी पांचवीं बार होली खेलूंगी। यह मेरे पिछले जन्मों के पुण्य का फल है, जोकि कृष्ण के स्वरूप में नंदगांव से आए हुरियारों के साथ राधारानी की सहचारी के रूप में होली खेलने को मिलती है।
रेखा शर्मा ने बताया कि शादी से पूर्व उन्होंने लठामार होली को पहली बार टीवी पर देखा था। कुछ वर्ष से राधारानी की कृपा से इसे खेलने का सौभाग्य मिला है।
साधना ने बताया लठामार होली मेरे लिए सबसे प्रिय थी। शादी से पहले सहेलियों के साथ होली की चर्चा किया करते थे। आज राधरानी की कृपा से उसी होली को खेलने का अवसर मिला है। इससे अधिक खुशी मेरे जीवन कोई नहीं है।
बरसाना (मथुरा)। नंदगांव के हुरियारों को मजा चखाने के लिए बरसाना की हुरियारिनें लाठियों को तेल पिला रही हैं। बरसाना की लठामार होली के रंग में सराबोर होने के लिए हर कोई आतुर है। हुरियारिन विशेष तैयारियों में जुटी हैं। वे खुद काजू, बादाम, किशमिश आदि मेवा खा रही हैं। कुछ हुरियारिनें अपने लहंगा-चुन्नी तैयार करने में लगी हैं। विश्व प्रसिद्ध लठामार होली की बात ही कुछ ऐसी है जहां सभी अपनी-अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं। वहीं, सास से ट्रेनिंग ले रही हैं।
राधाकृष्ण के दिव्य प्रेम के अनुराग को दर्शाती बरसाना की लठामार होली में राधा स्वरूपा हुरियारिनें नंदगांव के हुरियारों पर अपनी प्रेमपगी लाठियां बरसाएंगी। इसके लिए बरसाना की महिलाएं होली की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी हैं। बहुएं अपनी सास से होली के गुर सीख रही हैं। होली में हुरियारों को कैसे मजा चखना है। सास भी बहुओं को होली के लिए ट्रेनिंग देने का काम कर रही हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि द्वापरयुग में कृष्ण व उनके सखाओं से राधा सहित उनकी अष्टसखियों ने होली खेली थी। उसी प्राचीन परंपरा को जीवंत करने के
लिए बरसाना की हुरियारिनें नंदगांव के हुरियारों से चार मार्च को विश्व प्रसिद्ध लठामार होली खेलेंगी।
बोलीं हुरियारिनें- हमारा सौभाग्य जो बरसाना में खेल रहीं होली
हुरियारिन संतोष शर्मा कहती हैं कि यह मेरा सौभाग्य है कि मेरी ससुराल श्रीधाम बरसाना में है। विश्व प्रसिद्ध लठामार होली खेलने का अवसर प्राप्त हुआ है।
गरिमा शर्मा ने कहा कि अबकी पांचवीं बार होली खेलूंगी। यह मेरे पिछले जन्मों के पुण्य का फल है, जोकि कृष्ण के स्वरूप में नंदगांव से आए हुरियारों के साथ राधारानी की सहचारी के रूप में होली खेलने को मिलती है।
रेखा शर्मा ने बताया कि शादी से पूर्व उन्होंने लठामार होली को पहली बार टीवी पर देखा था। कुछ वर्ष से राधारानी की कृपा से इसे खेलने का सौभाग्य मिला है।
साधना ने बताया लठामार होली मेरे लिए सबसे प्रिय थी। शादी से पहले सहेलियों के साथ होली की चर्चा किया करते थे। आज राधरानी की कृपा से उसी होली को खेलने का अवसर मिला है। इससे अधिक खुशी मेरे जीवन कोई नहीं है।