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जिले में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। अस्पताल में सबसे ज्यादा बुखार से पीड़ित मरीजों की लाइन लग रही है। मंगलवार को भी दो लोगों की बुखार की चपेट में आने से मौत हो गई। पिछले 20 दिनों से जिले में बुखार का जबरदस्त प्रकोप है। अस्पताल में मरीजों से बेड पटे पड़े हैं। पिछले काफी दिनों से बुखार से पीड़ित शेखनपुरा निवासी
अखिलेश अनुरागी (30) को जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए लाया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि एक साल पहले ही अखिलेश की शादी हुई हुई थी। शादी के कुछ माह बाद से वह बीमार रहने लगा। शहर के मोहल्ला भटीपुरा निवासी मनोहरी रैकवार (60) पिछले एक सप्ताह से बुखार से पीड़ित था। बुखार न उतरने के कारण उसने जिला अस्पताल में भी उपचार कराया। मंगलवार को उसकी मौत हो गई। प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों की भारी भीड़ जुट रही है।
डेंगू से रोकथाम के उपाय
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि घर में कूलर, बाल्टी, घड़े, ड्रम का पानी सप्ताह में बदलते रहे। आसपास पानी जमा न होने दें। कूलर का पानी निकालने के बाद उसकी टंकी की दीवारों को साफ कर पांच घंटे तक सूखने दें। घर के आसपास पानी एकत्रित न होने दें। नीम की पत्ती जला कर धुआं करें।
जिले में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। अस्पताल में सबसे ज्यादा बुखार से पीड़ित मरीजों की लाइन लग रही है। मंगलवार को भी दो लोगों की बुखार की चपेट में आने से मौत हो गई। पिछले 20 दिनों से जिले में बुखार का जबरदस्त प्रकोप है। अस्पताल में मरीजों से बेड पटे पड़े हैं। पिछले काफी दिनों से बुखार से पीड़ित शेखनपुरा निवासी
अखिलेश अनुरागी (30) को जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए लाया गया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि एक साल पहले ही अखिलेश की शादी हुई हुई थी। शादी के कुछ माह बाद से वह बीमार रहने लगा। शहर के मोहल्ला भटीपुरा निवासी मनोहरी रैकवार (60) पिछले एक सप्ताह से बुखार से पीड़ित था। बुखार न उतरने के कारण उसने जिला अस्पताल में भी उपचार कराया। मंगलवार को उसकी मौत हो गई। प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों की भारी भीड़ जुट रही है।
डेंगू से रोकथाम के उपाय
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि घर में कूलर, बाल्टी, घड़े, ड्रम का पानी सप्ताह में बदलते रहे। आसपास पानी जमा न होने दें। कूलर का पानी निकालने के बाद उसकी टंकी की दीवारों को साफ कर पांच घंटे तक सूखने दें। घर के आसपास पानी एकत्रित न होने दें। नीम की पत्ती जला कर धुआं करें।