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निघासन (लखीमपुर खीरी)। गांव देवी पुरवा में आठ वर्षीय बालिका की हत्या कर गन्ने के खेत में फेंकी गई लाश के मामले में पांचवें दिन पुलिस ने घटना के खुलासे का दावा किया है। एसओ अजय यादव ने बताया कि तंत्र मंत्र के चक्कर में किशोरी तांत्रिक ने विवाहिता के साथ मिलकर उसकी बलि दी थी। पुलिस ने दोनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर चालान भेज दिया है।
एसओ ने बताया कि गांव देवीपुरवा निवासी वीरेंद्र गौतम की आठ वर्षीय पुत्री लक्ष्मी का शव बीते शनिवार को गांव के ही दुजई के गन्ने के खेत में पड़ा मिला था। परिवार वालों ने बताया कि वह 14 जुलाई को खेलने के बहाने घर से निकली थी। उसके बाद वह वापस नहीं लौटी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लक्ष्मी की गला दबाकर हत्या होने की पुष्टि हुई थी। पुलिस ने बच्ची के बाबा मुल्लू राम की तहरीर पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज की थी। बकौल एसओ, उन्होंने सुरागकशी की तो यह बात सामने आई कि गांव की शिवप्यारी ने नौ बच्चों को जन्म दिया, लेकिन जन्म के कुछ समय बाद ही सबकी मौत होती गई। इससे वह तंत्रमंत्र के चक्कर में रहती थी। संदेह होने पर रामप्यारी से पूछताछ हुई तो उस पर शक गहरा गया, जिस पर कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने सच्चाई कबूल कर ली। रामप्यारी की निशानदेही पर तांत्रिक कमिनी को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार कामिनी ने कबूल किया कि अनाथ लोगों को फंसाने के लिए वह अपने ऊपर जिंद आदि का साया आने का ढोंग रचकर लोगों को गुमराह करती थी। रामप्यारी उसके पास पहुंची। कामिनी ने उसे एक बच्ची की बलि देने के बाद ही बच्चे होने की बात कही। 14 जुलाई को दोनों ने लक्ष्मी को खेलते समय अगवा कर लिया और रात भर छिपाए रखने के बाद सुबह गन्ने के खेत में पूजा पाठ करने के बाद उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। एसओ ने बताया कि दोनों को कोर्ट में पेस कराया गया, जहां से कामिनी के नाबालिग होने के कारण उसे बाराबंकी के अपचारी सुधार गृह में भेजा गया है, जबकि रामप्यारी को जेल भेज दिया गया है।