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मंझनपुर। अपर खाद्य आयुक्त ने बृहस्पतिवार को मुबारकपुर गांव में राशन, मिट्टी के तेल और भूमि आवंटन आदि की जांच की। एक ग्रामीण ने जिले के अफसरों द्वारा शिकायत की सुनवाई नहीं होने पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को प्रार्थनापत्र भेजकर शिकायत की थी। आयुक्त ने बताया कि जांच रिपोर्ट कमिश्नर को सौपेंगी। अफसर के अचानक गांव पहुंचने से हड़कंप मचा रहा।
बताया जाता है कि सरसवां ब्लाक क्षेत्र के मुबारकपुर गांव के रहने वाले गुलाबधर ने कोटेदार पर अनाज और मिट्टी के तेल में घपला करने का आरोप लगाते हुए करीब सालभर पहले मंझनपुर में धरना-प्रदर्शन किया था। वह अपने जानवरों के साथ कलक्ट्रेट में धरने पर बैठ गया था। आरोप है कि उसकी समस्या को जानने और आरोपों की जांच कराने के बजाय जिले के अफसरों ने उसके खिलाफ ही मामला दर्ज करके जेल भेज दिया था। अफसरों की कार्रवाई से आहत गुलाबधर ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेज दिया। बताया जाता है कि पीएमओ के निर्देश पर बृहस्पतिवार को मंडलायुक्त देवेश कुमार चतुर्वेदी अपर खाद्य आयुक्त कनक त्रिपाठी को शिकायतों की जांच के लिए मुबारकपुर गांव भेजा। उन्होंने शिकायतकर्ता से जानकारी लेने के साथ ही ग्रामीणों से भी पूछताछ की। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट मंडलायुक्त को सौंपेंगी। जांच के लिए अपर खाद्य आयुक्त के गांव आने की भनक लगते ही सदर तहसीलदार देवी प्रसाद वर्मा, राजस्व निरीक्षक मोहम्मद सिफ्तैन, लेखपाल आदि भी गांव पहुंच गए थे। अपर खाद्य आयुक्त की जांच को लेकर कोटेदार, ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी आदि के होश उड़े हुए हैं।
वहीं कोटेदारों की मनमानी पर शिकंजा कसने की कवायद सरकार ने शुरू कर दी है। अब कोटेदारों को अनाज और मिट्टी के तेल वितरण में धांधली महंगी पड़ सकती है। बताया जा रहा है कि शासनस्तर से कार्डधारकों का परिचयपत्र, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर आदि का विवरण जुटाया जा रहा है। कार्डधारकों से माहवार अनाज और मिट्टी के तेल वितरण की जानकारी सरकार सीधे लेगी। बताया जाता है कि प्रमुख सचिव ने आपूर्ति विभाग से कार्डधारकों का विवरण तलब किया है। जिलापूर्ति अधिकारी अखिल कुमार सिंह ने कोटेदारों को कार्डधारकों से संबंधित सूचनाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। मामले में डीएसओ का कहना है कि कोटेदारों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए कार्डधारकों से सीधे संपर्क की कवायद की जा रही है।
मंझनपुर। अपर खाद्य आयुक्त ने बृहस्पतिवार को मुबारकपुर गांव में राशन, मिट्टी के तेल और भूमि आवंटन आदि की जांच की। एक ग्रामीण ने जिले के अफसरों द्वारा शिकायत की सुनवाई नहीं होने पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को प्रार्थनापत्र भेजकर शिकायत की थी। आयुक्त ने बताया कि जांच रिपोर्ट कमिश्नर को सौपेंगी। अफसर के अचानक गांव पहुंचने से हड़कंप मचा रहा।
बताया जाता है कि सरसवां ब्लाक क्षेत्र के मुबारकपुर गांव के रहने वाले गुलाबधर ने कोटेदार पर अनाज और मिट्टी के तेल में घपला करने का आरोप लगाते हुए करीब सालभर पहले मंझनपुर में धरना-प्रदर्शन किया था। वह अपने जानवरों के साथ कलक्ट्रेट में धरने पर बैठ गया था। आरोप है कि उसकी समस्या को जानने और आरोपों की जांच कराने के बजाय जिले के अफसरों ने उसके खिलाफ ही मामला दर्ज करके जेल भेज दिया था। अफसरों की कार्रवाई से आहत गुलाबधर ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेज दिया। बताया जाता है कि पीएमओ के निर्देश पर बृहस्पतिवार को मंडलायुक्त देवेश कुमार चतुर्वेदी अपर खाद्य आयुक्त कनक त्रिपाठी को शिकायतों की जांच के लिए मुबारकपुर गांव भेजा। उन्होंने शिकायतकर्ता से जानकारी लेने के साथ ही ग्रामीणों से भी पूछताछ की। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट मंडलायुक्त को सौंपेंगी। जांच के लिए अपर खाद्य आयुक्त के गांव आने की भनक लगते ही सदर तहसीलदार देवी प्रसाद वर्मा, राजस्व निरीक्षक मोहम्मद सिफ्तैन, लेखपाल आदि भी गांव पहुंच गए थे। अपर खाद्य आयुक्त की जांच को लेकर कोटेदार, ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी आदि के होश उड़े हुए हैं।
वहीं कोटेदारों की मनमानी पर शिकंजा कसने की कवायद सरकार ने शुरू कर दी है। अब कोटेदारों को अनाज और मिट्टी के तेल वितरण में धांधली महंगी पड़ सकती है। बताया जा रहा है कि शासनस्तर से कार्डधारकों का परिचयपत्र, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर आदि का विवरण जुटाया जा रहा है। कार्डधारकों से माहवार अनाज और मिट्टी के तेल वितरण की जानकारी सरकार सीधे लेगी। बताया जाता है कि प्रमुख सचिव ने आपूर्ति विभाग से कार्डधारकों का विवरण तलब किया है। जिलापूर्ति अधिकारी अखिल कुमार सिंह ने कोटेदारों को कार्डधारकों से संबंधित सूचनाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। मामले में डीएसओ का कहना है कि कोटेदारों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए कार्डधारकों से सीधे संपर्क की कवायद की जा रही है।