{"_id":"5970cd254f1c1bfa7f8b47b6","slug":"141500564773-kaushambi-news","type":"story","status":"publish","title_hn":"\u0936\u093e\u0938\u0928 \u0928\u0947 28 \u0917\u093e\u0902\u0935\u094b\u0902 \u0915\u094b \u0917\u0902\u0917\u093e \u0917\u094d\u0930\u093e\u092e \u0915\u093f\u092f\u093e \u0918\u094b\u0937\u093f\u0924","category":{"title":"City & states","title_hn":"\u0936\u0939\u0930 \u0914\u0930 \u0930\u093e\u091c\u094d\u092f","slug":"city-and-states"}}
शासन ने 28 गांवों को गंगा ग्राम किया घोषित
Updated Thu, 20 Jul 2017 09:02 PM IST
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
शासन ने 28 गांवों को घोषित किया गंगा ग्राम
पौधरोपण के लिए गंगा किनारे के 28 ग्राम चिह्नित
किसानों की सहमति से लगवाए जाएंगे पौधे, होगी देखभाल
अमर उजाला ब्यूरो
मंझनपुर। शासन ने गंगा किनारे के 28 गांवों को गंगा ग्राम का दर्जा दिया है। इनकी सूची भी जारी कर दी गई है। अब इन गांवों को हरा-भरा करने की तैयारी चल रही है। किसानों की सहमति से यहां पौधे लगवाएं जाएंगे ताकि इनकी देखभाल भी हो सके। इसके लिए डीएफओ ने डीडी कृषि को चिह्नित गंगा ग्रामों की सूची भेज दी है।
गंगा को साफ सुथरा रखने के साथ ही पर्यावरण से भी बचाने की हर संभव कोशिश सरकार कर रही है। गंगा किनारे कछार में लगे अधिकांश पेड़ गायब हो चुके हैं। इससे तराई के तापमान का संतुलन बिगड़ा है। इसको देखते हुए सरकार ने गंगा किनारे बसे 28 गांवों को गंगा ग्राम का दर्जा दिया है। चिह्नित गांवों को गंगा ग्राम घोषित करने के बाद फरमान जारी किया गया है कि यहां वृहद पौधरोपण कराया जाए। पौधों की देखभाल के लिए सख्त हिदायत दी गई है। यह भी निर्देश जारी हुआ है कि कृषकों से सामंजस्य बैठाकर पौधरोपण कराया जाए ताकि वह अपने खेतों के साथ ही पौधों की भी देखभाल करें। चिह्नित गांवों की सूची जारी हो चुकी है। इनमें असदपुर, फराहीमपुर, कलेसरमऊ, गिरधरपुर गढ़ी, कंथुआ, शहजादपुर, दौलतपुर, हिसामपुर, परसखी, अफजलपुर सातों, अंबाई बुजुर्ग, रामपुर बढ़नावा, कड़ा, तरसौरा, ताजमल्लाहन, गौसपुर, सकाढ़ा, पल्हाना, फरीदपुर चकताजपुर, उजैहिनी हसनपुर, मोहिउद्दीनपुर कोरांव, बसेढ़ी, हुसैनमई, पट्टी नरवर, शाखा बरीपुर, शोभना, कोखराज और राला गांव शामिल हैं। पौधरोपण के लिए डीएफओ ओपी अम्बस्ट ने उपनिदेशक (कृषि) को पौधरोपण कराने के लिए पत्र भेजा है। साथ ही बताया है कि इसमें कृषकों का सहयोग जरूरी है।
---------------------------
27 जनपद किए गए हैं शामिल
शासन ने गंगा किनारे बसे 27 जिलों के गांवों को गंगा ग्राम घोषित किया है। मुख्यमंत्री के प्रमुखता वाले बिंदु में यह कार्यक्रम शामिल है। इसलिए अधिकारी इसको लेकर गंभीर हैं। इस योजना को सफल बनाने के लिए अधिकारी हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
शासन ने 28 गांवों को घोषित किया गंगा ग्राम
पौधरोपण के लिए गंगा किनारे के 28 ग्राम चिह्नित
किसानों की सहमति से लगवाए जाएंगे पौधे, होगी देखभाल
अमर उजाला ब्यूरो
मंझनपुर। शासन ने गंगा किनारे के 28 गांवों को गंगा ग्राम का दर्जा दिया है। इनकी सूची भी जारी कर दी गई है। अब इन गांवों को हरा-भरा करने की तैयारी चल रही है। किसानों की सहमति से यहां पौधे लगवाएं जाएंगे ताकि इनकी देखभाल भी हो सके। इसके लिए डीएफओ ने डीडी कृषि को चिह्नित गंगा ग्रामों की सूची भेज दी है।
गंगा को साफ सुथरा रखने के साथ ही पर्यावरण से भी बचाने की हर संभव कोशिश सरकार कर रही है। गंगा किनारे कछार में लगे अधिकांश पेड़ गायब हो चुके हैं। इससे तराई के तापमान का संतुलन बिगड़ा है। इसको देखते हुए सरकार ने गंगा किनारे बसे 28 गांवों को गंगा ग्राम का दर्जा दिया है। चिह्नित गांवों को गंगा ग्राम घोषित करने के बाद फरमान जारी किया गया है कि यहां वृहद पौधरोपण कराया जाए। पौधों की देखभाल के लिए सख्त हिदायत दी गई है। यह भी निर्देश जारी हुआ है कि कृषकों से सामंजस्य बैठाकर पौधरोपण कराया जाए ताकि वह अपने खेतों के साथ ही पौधों की भी देखभाल करें। चिह्नित गांवों की सूची जारी हो चुकी है। इनमें असदपुर, फराहीमपुर, कलेसरमऊ, गिरधरपुर गढ़ी, कंथुआ, शहजादपुर, दौलतपुर, हिसामपुर, परसखी, अफजलपुर सातों, अंबाई बुजुर्ग, रामपुर बढ़नावा, कड़ा, तरसौरा, ताजमल्लाहन, गौसपुर, सकाढ़ा, पल्हाना, फरीदपुर चकताजपुर, उजैहिनी हसनपुर, मोहिउद्दीनपुर कोरांव, बसेढ़ी, हुसैनमई, पट्टी नरवर, शाखा बरीपुर, शोभना, कोखराज और राला गांव शामिल हैं। पौधरोपण के लिए डीएफओ ओपी अम्बस्ट ने उपनिदेशक (कृषि) को पौधरोपण कराने के लिए पत्र भेजा है। साथ ही बताया है कि इसमें कृषकों का सहयोग जरूरी है।
---------------------------
27 जनपद किए गए हैं शामिल
शासन ने गंगा किनारे बसे 27 जिलों के गांवों को गंगा ग्राम घोषित किया है। मुख्यमंत्री के प्रमुखता वाले बिंदु में यह कार्यक्रम शामिल है। इसलिए अधिकारी इसको लेकर गंभीर हैं। इस योजना को सफल बनाने के लिए अधिकारी हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।