यूपी डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Fri, 06 Sep 2019 02:07 PM IST
यूपी के सबसे बड़े लाइसेंस फर्जीवाड़े में दस दिन बीतने के बाद भी शस्त्र फर्जीवाड़े का आरोपी असलहा बाबू विनीत तिवारी और कारीगर जितेंद्र तक एसआईटी पहुंचने में नाकाम रही है। एसआईटी सिर्फ दस्तावेजों के सत्यापन और साक्ष्य संकलन का हवाला दे रही है।
गुरुवार देर शाम रायपुरवा में कारीगर के एक करीबी को उठाने की चर्चा रही। 27 अगस्त को पुलिस ने विनीत और जितेंद्र सहित कई अज्ञात पर एफआईआर दर्ज की थी। सीओ कोतवाली राजेश पांडेय ने बताया कि आरोपियों की तलाश जारी है।
प्रशासन की जांच में खुलासा हुआ था कि कुछ ई-मेल कारीगर जितेंद्र ने भेजे हैं। इसलिए एसआईटी ने आरोपी विनीत का कंप्यूटर अपने कब्जे में लिया था। दर्जनों दस्तावेज उसके दफ्तर से जब्त किए थे।
एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि जितेंद्र ने विनीत को जो ईमेल भेजा था, उसमें डेढ़ दर्जन नाम थे। उनके नाम पर शस्त्र लाइसेंस भी बने। अभी इन नामों को और वेरीफाई किया जा रहा है। अब तक 55 असलहे जमा कराए जा चुके हैं।
यूपी के सबसे बड़े लाइसेंस फर्जीवाड़े में दस दिन बीतने के बाद भी शस्त्र फर्जीवाड़े का आरोपी असलहा बाबू विनीत तिवारी और कारीगर जितेंद्र तक एसआईटी पहुंचने में नाकाम रही है। एसआईटी सिर्फ दस्तावेजों के सत्यापन और साक्ष्य संकलन का हवाला दे रही है।
गुरुवार देर शाम रायपुरवा में कारीगर के एक करीबी को उठाने की चर्चा रही। 27 अगस्त को पुलिस ने विनीत और जितेंद्र सहित कई अज्ञात पर एफआईआर दर्ज की थी। सीओ कोतवाली राजेश पांडेय ने बताया कि आरोपियों की तलाश जारी है।
प्रशासन की जांच में खुलासा हुआ था कि कुछ ई-मेल कारीगर जितेंद्र ने भेजे हैं। इसलिए एसआईटी ने आरोपी विनीत का कंप्यूटर अपने कब्जे में लिया था। दर्जनों दस्तावेज उसके दफ्तर से जब्त किए थे।
एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि जितेंद्र ने विनीत को जो ईमेल भेजा था, उसमें डेढ़ दर्जन नाम थे। उनके नाम पर शस्त्र लाइसेंस भी बने। अभी इन नामों को और वेरीफाई किया जा रहा है। अब तक 55 असलहे जमा कराए जा चुके हैं।