कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बावजूद कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। ओमिक्रॉन संक्रमण को रोकने में वैक्सीन से बनी इम्युनिटी और नेचुरल इम्युनिटी दोनों ही कारगर नहीं हैं। ऐसे में संक्रमण तेजी से बढ़ेगा। यह दावा है आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का।
प्रो. मणींद्र ने गणितीय मॉडल सूत्र की मदद से यह गणना की है। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ रहे केस को देखकर कहा जा सकता है कि मॉडल की अभी तक की गणना सही है। हफ्ते भर के अंदर और सटीक जानकारी मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि राहत वाली बात है कि इम्युनिटी संक्रमण रोकने में नाकाम है लेकिन कोई सीरियस केस नहीं होने दे रही है। संक्रमितों की संख्या जरूर बढ़ेगी लेकिन दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर घातक नहीं होगी। प्रो. अग्रवाल ने कोरोना की पहली व दूसरी लहर की भयावहता का आकलन अपने मॉडल से किया था।
बीते डेढ़ माह से वह ओमिक्रॉन को लेकर स्टडी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन संक्रमण के बाद सीरियस होने से बचा रही है, इसलिए वैक्सीन जरूरी लगवाएं। जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज नौ माह पहले लग चुकी है, उन्हें बूस्टर डोज लगवानी चाहिए।
दिल्ली-मुंबई में इसी माह आ सकता है पीक
साउथ अफ्रीका, यूके, डेनमार्क के बाद भारत में मिल रहे केसों के आधार पर लगातार स्टडी चल रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान स्टडी के मुताबिक देश में संक्रमण साउथ अफ्रीका की अपेक्षा तेजी से फैलेगा। वर्तमान स्थिति को देखते हुए दिल्ली, मुंबई में जनवरी के अंतिम सप्ताह में पीक और देश में फरवरी में पीक आने की संभावना है। प्रो. अग्रवाल ने बताया कि अगले एक सप्ताह के दौरान अधिक आंकड़ों पर स्टडी के बाद अन्य बड़े शहरों में पीक के बारे में जानकारी दी जाएगी।
विस्तार
कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बावजूद कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। ओमिक्रॉन संक्रमण को रोकने में वैक्सीन से बनी इम्युनिटी और नेचुरल इम्युनिटी दोनों ही कारगर नहीं हैं। ऐसे में संक्रमण तेजी से बढ़ेगा। यह दावा है आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का।
प्रो. मणींद्र ने गणितीय मॉडल सूत्र की मदद से यह गणना की है। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ रहे केस को देखकर कहा जा सकता है कि मॉडल की अभी तक की गणना सही है। हफ्ते भर के अंदर और सटीक जानकारी मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि राहत वाली बात है कि इम्युनिटी संक्रमण रोकने में नाकाम है लेकिन कोई सीरियस केस नहीं होने दे रही है। संक्रमितों की संख्या जरूर बढ़ेगी लेकिन दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर घातक नहीं होगी। प्रो. अग्रवाल ने कोरोना की पहली व दूसरी लहर की भयावहता का आकलन अपने मॉडल से किया था।
बीते डेढ़ माह से वह ओमिक्रॉन को लेकर स्टडी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन संक्रमण के बाद सीरियस होने से बचा रही है, इसलिए वैक्सीन जरूरी लगवाएं। जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज नौ माह पहले लग चुकी है, उन्हें बूस्टर डोज लगवानी चाहिए।
दिल्ली-मुंबई में इसी माह आ सकता है पीक
साउथ अफ्रीका, यूके, डेनमार्क के बाद भारत में मिल रहे केसों के आधार पर लगातार स्टडी चल रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान स्टडी के मुताबिक देश में संक्रमण साउथ अफ्रीका की अपेक्षा तेजी से फैलेगा। वर्तमान स्थिति को देखते हुए दिल्ली, मुंबई में जनवरी के अंतिम सप्ताह में पीक और देश में फरवरी में पीक आने की संभावना है। प्रो. अग्रवाल ने बताया कि अगले एक सप्ताह के दौरान अधिक आंकड़ों पर स्टडी के बाद अन्य बड़े शहरों में पीक के बारे में जानकारी दी जाएगी।