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उरई। भीषण गर्मी में जैस-जैसे तापमान बढ़ता जा रहा है, वैसे ही पेयजल की समस्या भी बढ़ती जा रही है। सबसे अधिक खराब स्थिति गांव-कस्बों की है। जहां देखने को तो हैंडपंप लगे हैं लेकिन महीनों से खराब पड़े हैं। जिस कारण पेयजल के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर पानी की टंकियां हैं और लाइन से सप्लाई होती है तो वहां लीकेज मुसीबत बने हैं। लीकेज के कारण रोजाना सैकड़ों लीटर पानी सड़कों पर बह जाता है पर जल संस्थान के अधिकारियों को कुछ नजर नहीं आता है।
पानी के लिए घरों की महिलाएं और बच्चे भरी दोपहर पास पड़ोस के मोहल्लों से पानी ढोने को मजबूर हैं। जिनके घरों में सबमर्सिबल लगी हैं, उनके दरवाजे पर भी सुबह शाम बर्तनों की भीड़ लगी रहती है। शाम होते ही गली-मोहल्लों में लगे इक्का दुक्का चलताऊ हैंडपंपों के आगे भी बर्तनों का जमावड़ा लग जाता है। पानी के चक्कर में रोजाना मारपीट होना भी आम बात हो गई है। वहीं जलसंस्थान अधिकारियों का कहना है कि गर्मी के कारण जलस्तर गिरने से भी कई हैंडपंपों ने पानी देना बंद कर दिया है। जल्द ही उन्हें भी ठीक कराया जाएगा।
हैंडपंप खराब, पानी के लिए टैंकर का सहारा
कदौरा/आटा। कदौरा के कई मोहल्लों में सर्दी के मौसम से ही पेयजल संकट बना है और इस समय तो हालात ये हैं कि इलाके में खराब हैंडपंपों की भरमार हो गई है। पानी के लिए लोगों को प्राइवेट टैंकरों का सहारा लेना पड़ रहा है। कहना है कि कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं आटा के अकोढ़ी गांव निवासी भूरे पांडे, योगेश पांडे, सोनू यादव आदि ने बताया कि गांव के छह हैंडपंप खराब पड़े हैं। पानी के लिए पसीना बह रहा है। खराब हैंडपंपों की सुध लेने वाला भी कोई नहीं है। गर्मी में प्यास बुझाने के लिए दूरदराज से पानी ला रहे हैं। जल्द हैंडपंप न सुधरवाए गए तो नगर पंचायत का घेराव किया जाएगा।
लीकेज से घरों के बजाय सड़क पर बह रहा पानी
सिरसाकलार/सरावन। सरावन में दो ट्यूबवेल तो हैं लेकिन मुख्य लाइन में लीकेज होने से पानी घरों के बजाए सड़कों पर बह रहा है। मजरा नारायणपुरा में तो कई सालों से लाइन क्षतिग्रस्त पड़ी है। कई बार शिकायत भी की गई पर कोई देखने वाला नहीं है और पानी की बर्बादी हो रही है। वहीं सिरसा में टंकी से आठ गांवों की सप्लाई होती है लेकिन लीकेज के चलते पानी सड़कों पर ही तालाब की शक्ल में दिखाई देता है। तरसौर के खेतों में लीकेज को लेकर कई शिकायतें की गई, एक दो-बार कर्मचारी आए भी पर समस्या जस की तस बनी है। घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। दिन भर पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।
नल सूखे, नदी किनारे भी पानी की किल्लत
एट/कोटरा। स्वजल योजना के अंतर्गत एट स्थित सोमाई में पानी की टंकी तो है लेकिन उससे महीनों से सप्लाई बंद पड़ी है। जिस कारण लोगों को हैंडपंपों के आगे बर्तन लेकर खड़े होना पड़ रहा है। टंकी से जुड़े सड़कों पर लगे नलों की टोंटी तक गायब हो चुकी है। इलाकाई लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत की गई पर नलों से पानी नहीं आया। यही हाल कोटरा का भी है, जहां सप्लाई बाधित होने से लोग पानी के लिए परेशान है। कहना है कि अभी तो पूरी गर्मी बाकी है। यही हाल रहा तो आगे मुसीबत और बढ़ जाएगी। बेतवा नदी के किनारे पानी की भी किल्लत होना आश्चर्य वाली बात है।
उरई। भीषण गर्मी में जैस-जैसे तापमान बढ़ता जा रहा है, वैसे ही पेयजल की समस्या भी बढ़ती जा रही है। सबसे अधिक खराब स्थिति गांव-कस्बों की है। जहां देखने को तो हैंडपंप लगे हैं लेकिन महीनों से खराब पड़े हैं। जिस कारण पेयजल के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर पानी की टंकियां हैं और लाइन से सप्लाई होती है तो वहां लीकेज मुसीबत बने हैं। लीकेज के कारण रोजाना सैकड़ों लीटर पानी सड़कों पर बह जाता है पर जल संस्थान के अधिकारियों को कुछ नजर नहीं आता है।
पानी के लिए घरों की महिलाएं और बच्चे भरी दोपहर पास पड़ोस के मोहल्लों से पानी ढोने को मजबूर हैं। जिनके घरों में सबमर्सिबल लगी हैं, उनके दरवाजे पर भी सुबह शाम बर्तनों की भीड़ लगी रहती है। शाम होते ही गली-मोहल्लों में लगे इक्का दुक्का चलताऊ हैंडपंपों के आगे भी बर्तनों का जमावड़ा लग जाता है। पानी के चक्कर में रोजाना मारपीट होना भी आम बात हो गई है। वहीं जलसंस्थान अधिकारियों का कहना है कि गर्मी के कारण जलस्तर गिरने से भी कई हैंडपंपों ने पानी देना बंद कर दिया है। जल्द ही उन्हें भी ठीक कराया जाएगा।
हैंडपंप खराब, पानी के लिए टैंकर का सहारा
कदौरा/आटा। कदौरा के कई मोहल्लों में सर्दी के मौसम से ही पेयजल संकट बना है और इस समय तो हालात ये हैं कि इलाके में खराब हैंडपंपों की भरमार हो गई है। पानी के लिए लोगों को प्राइवेट टैंकरों का सहारा लेना पड़ रहा है। कहना है कि कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं आटा के अकोढ़ी गांव निवासी भूरे पांडे, योगेश पांडे, सोनू यादव आदि ने बताया कि गांव के छह हैंडपंप खराब पड़े हैं। पानी के लिए पसीना बह रहा है। खराब हैंडपंपों की सुध लेने वाला भी कोई नहीं है। गर्मी में प्यास बुझाने के लिए दूरदराज से पानी ला रहे हैं। जल्द हैंडपंप न सुधरवाए गए तो नगर पंचायत का घेराव किया जाएगा।
लीकेज से घरों के बजाय सड़क पर बह रहा पानी
सिरसाकलार/सरावन। सरावन में दो ट्यूबवेल तो हैं लेकिन मुख्य लाइन में लीकेज होने से पानी घरों के बजाए सड़कों पर बह रहा है। मजरा नारायणपुरा में तो कई सालों से लाइन क्षतिग्रस्त पड़ी है। कई बार शिकायत भी की गई पर कोई देखने वाला नहीं है और पानी की बर्बादी हो रही है। वहीं सिरसा में टंकी से आठ गांवों की सप्लाई होती है लेकिन लीकेज के चलते पानी सड़कों पर ही तालाब की शक्ल में दिखाई देता है। तरसौर के खेतों में लीकेज को लेकर कई शिकायतें की गई, एक दो-बार कर्मचारी आए भी पर समस्या जस की तस बनी है। घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। दिन भर पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।
नल सूखे, नदी किनारे भी पानी की किल्लत
एट/कोटरा। स्वजल योजना के अंतर्गत एट स्थित सोमाई में पानी की टंकी तो है लेकिन उससे महीनों से सप्लाई बंद पड़ी है। जिस कारण लोगों को हैंडपंपों के आगे बर्तन लेकर खड़े होना पड़ रहा है। टंकी से जुड़े सड़कों पर लगे नलों की टोंटी तक गायब हो चुकी है। इलाकाई लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत की गई पर नलों से पानी नहीं आया। यही हाल कोटरा का भी है, जहां सप्लाई बाधित होने से लोग पानी के लिए परेशान है। कहना है कि अभी तो पूरी गर्मी बाकी है। यही हाल रहा तो आगे मुसीबत और बढ़ जाएगी। बेतवा नदी के किनारे पानी की भी किल्लत होना आश्चर्य वाली बात है।