हरदोई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजमणि ने दो अलग-अलग प्रार्थना पत्रों की सुनवाई कर एक मामले में जीआरपी एसओ समेत छह पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया। वहीं दूसरे मामले में चौकी इंचार्ज व एक सिपाही पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस को जांच का आदेश दिया है।
कोर्ट के समक्ष धारा 156(3) के अंतर्गत रेलवे स्टेशन हरदोई में बतौर शेटिंग पोर्टर तैनात अमर नाथ शुक्ला ने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर मुकदमा दर्ज कराने की कोर्ट से गुहार लगाई थी। आरोप लगाया था कि वह रेलवे में शेटिंग पोर्टर पद पर तैनात है। 6 मार्च 12 को ड्यूटी पर रात आठ बजे स्टेशन मास्टर के पास पहुंचा था। स्टेशन मास्टर ने उसे कार्य पर जाने को कहा, वह प्लेटफार्म पर जा रहा था कि जीआरपी के सिपाही विनोद कुमार व जयपाल सिंह दारोगा ने रोककर मारते पीटते थाने ले आए कि उसने जीआरपी की रिपोर्ट की थी। थाने में एसओ अरुण कुमार ने पीटा। पुलिस वालों ने पीड़ित अमर नाथ की जेब से 700 रुपए व सामान तथा घड़ी निकाल ली। अमर नाथ के बेहोश होने पर उसे पुलिस ने चालान कर 7 मार्च 12 की दोपहर 12 बजे सिटी मजिस्ट्रेट के यहां पेश किया जहां से वह जमानत पर छूटा। कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर एसओ जीआरपी अरुण कुमार, एसआई जयपाल सिंह, सिपाही विनोद कुमार, अनिल कुमार, दीवान आदित्य कुमार एवं नरेंद्र सिंह पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए। उधर, बेनीगंज थाना क्षेत्र से संबंधित प्रार्थना पत्र की सुनवाई कर कोर्ट ने मामले को संज्ञेय प्रवृत्ति पाते हुए चौकी इंचार्ज प्रतापनगर चौराहा एवं सिपाही सुमेरीलाल वर्मा पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए है। थाना क्षेत्र के झरोइंया के राम प्रताप पांडे ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि 23 अप्रैल 12 को उसके लड़के सोले को प्रसून पांडे आदि ने मारा पीटा था। सोले इस बात की शिकायत करने थाने पर गया था। इसी बीच पुलिस प्रसून पांडे से मिल गई और प्रताप नगर चौकी इंचार्ज तीन चार सिपाहियों के साथ आए और पीड़ित रामप्रताप के घर में घुस गए और डंडों से मारने लगे एवं गाली गलौज कर जीप में डालकर ले जा रहे थे। पीड़ित ने अपनी चोटों का निरीक्षण जिला अस्पताल में कराया। सुनवाई न होने पर पीड़ित ने अदालत की शरण ली। मामले की सुनवाई कर सीजेएम ने जीआरपी व बेनीगंज कोतवाली पुलिस को उचित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच का आदेश दिया है।
हरदोई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजमणि ने दो अलग-अलग प्रार्थना पत्रों की सुनवाई कर एक मामले में जीआरपी एसओ समेत छह पुलिस कर्मियों पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया। वहीं दूसरे मामले में चौकी इंचार्ज व एक सिपाही पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस को जांच का आदेश दिया है।
कोर्ट के समक्ष धारा 156(3) के अंतर्गत रेलवे स्टेशन हरदोई में बतौर शेटिंग पोर्टर तैनात अमर नाथ शुक्ला ने प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर मुकदमा दर्ज कराने की कोर्ट से गुहार लगाई थी। आरोप लगाया था कि वह रेलवे में शेटिंग पोर्टर पद पर तैनात है। 6 मार्च 12 को ड्यूटी पर रात आठ बजे स्टेशन मास्टर के पास पहुंचा था। स्टेशन मास्टर ने उसे कार्य पर जाने को कहा, वह प्लेटफार्म पर जा रहा था कि जीआरपी के सिपाही विनोद कुमार व जयपाल सिंह दारोगा ने रोककर मारते पीटते थाने ले आए कि उसने जीआरपी की रिपोर्ट की थी। थाने में एसओ अरुण कुमार ने पीटा। पुलिस वालों ने पीड़ित अमर नाथ की जेब से 700 रुपए व सामान तथा घड़ी निकाल ली। अमर नाथ के बेहोश होने पर उसे पुलिस ने चालान कर 7 मार्च 12 की दोपहर 12 बजे सिटी मजिस्ट्रेट के यहां पेश किया जहां से वह जमानत पर छूटा। कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर एसओ जीआरपी अरुण कुमार, एसआई जयपाल सिंह, सिपाही विनोद कुमार, अनिल कुमार, दीवान आदित्य कुमार एवं नरेंद्र सिंह पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए। उधर, बेनीगंज थाना क्षेत्र से संबंधित प्रार्थना पत्र की सुनवाई कर कोर्ट ने मामले को संज्ञेय प्रवृत्ति पाते हुए चौकी इंचार्ज प्रतापनगर चौराहा एवं सिपाही सुमेरीलाल वर्मा पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए है। थाना क्षेत्र के झरोइंया के राम प्रताप पांडे ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि 23 अप्रैल 12 को उसके लड़के सोले को प्रसून पांडे आदि ने मारा पीटा था। सोले इस बात की शिकायत करने थाने पर गया था। इसी बीच पुलिस प्रसून पांडे से मिल गई और प्रताप नगर चौकी इंचार्ज तीन चार सिपाहियों के साथ आए और पीड़ित रामप्रताप के घर में घुस गए और डंडों से मारने लगे एवं गाली गलौज कर जीप में डालकर ले जा रहे थे। पीड़ित ने अपनी चोटों का निरीक्षण जिला अस्पताल में कराया। सुनवाई न होने पर पीड़ित ने अदालत की शरण ली। मामले की सुनवाई कर सीजेएम ने जीआरपी व बेनीगंज कोतवाली पुलिस को उचित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच का आदेश दिया है।