खागा। गेहूं के निर्यात पर रोक लग जाने के कारण नगर के आठ गल्ला आढ़तियों का 2500 टन गेहूं गुजरात के गांधीग्राम बंदरगाह पर ट्रकों में लोड होकर फंसा है। निर्यातक गेहूं को ट्रक से नहीं उतार रहे हैं। ऐसे में व्यापारियों को रोजाना नुकसान हो रहा है।
नवीन मंडी स्थल के गल्ला कारोबारियों का कहना है कि निर्यात पर रोक लग जाने से भारी नुकसान हो रहा हैं। खरीद भी कम की जा रही है। केवल आटा मिलो में ही बेचा जा रहा है। व्यापारी संतोष कुमार ने बताया कि मंडी में आठ व्यापारी गेहूं की खरीद करते हैं। सभी व्यापारियों का गेहूं पांच दिनों से बंदरगाह पर फंसा हुआ है। सभी को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। आढ़ती दिनेश चंद्र का कहना है कि उनका 1100 टन गेहूं गुजरात में फंसा है। 10 दिन हो गए हैं लेकिन निर्यातक गेहूं नहीं ले रहे हैं। ट्रक एक जगह पर फंसा होने से ट्रांसपोर्टर पर भी गाड़ी वापस कराने को लेकर दबाव बना रहा है। गल्ला व्यापारी रजत गुप्ता ने बताया कि उनका 17 टन गेहूं बंदरगाह पर फंसा है। निर्यातक गेहूं खरीदने के बाद अब एक पैसे का भुगतान नहीं कर रहे हैं। बंदरगाह पर सात हजार ट्रक गेहूं लोड करके खड़े हुए हैं।
खागा। गेहूं के निर्यात पर रोक लग जाने के कारण नगर के आठ गल्ला आढ़तियों का 2500 टन गेहूं गुजरात के गांधीग्राम बंदरगाह पर ट्रकों में लोड होकर फंसा है। निर्यातक गेहूं को ट्रक से नहीं उतार रहे हैं। ऐसे में व्यापारियों को रोजाना नुकसान हो रहा है।
नवीन मंडी स्थल के गल्ला कारोबारियों का कहना है कि निर्यात पर रोक लग जाने से भारी नुकसान हो रहा हैं। खरीद भी कम की जा रही है। केवल आटा मिलो में ही बेचा जा रहा है। व्यापारी संतोष कुमार ने बताया कि मंडी में आठ व्यापारी गेहूं की खरीद करते हैं। सभी व्यापारियों का गेहूं पांच दिनों से बंदरगाह पर फंसा हुआ है। सभी को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। आढ़ती दिनेश चंद्र का कहना है कि उनका 1100 टन गेहूं गुजरात में फंसा है। 10 दिन हो गए हैं लेकिन निर्यातक गेहूं नहीं ले रहे हैं। ट्रक एक जगह पर फंसा होने से ट्रांसपोर्टर पर भी गाड़ी वापस कराने को लेकर दबाव बना रहा है। गल्ला व्यापारी रजत गुप्ता ने बताया कि उनका 17 टन गेहूं बंदरगाह पर फंसा है। निर्यातक गेहूं खरीदने के बाद अब एक पैसे का भुगतान नहीं कर रहे हैं। बंदरगाह पर सात हजार ट्रक गेहूं लोड करके खड़े हुए हैं।