फतेहपुर। तीस रुपये में साल भर में पांच लाख रुपये तक के इलाज का प्रबंध कराने वाले गोल्डन कार्ड की पहुंच से तमाम जरूरतमंद दूर हैं। जिले में 23 सितंबर को योजना शुरू हुई थी। पात्रता श्रेणी के 45 फीसदी परिवारों को अभी भी इस खास हेल्थ कार्ड का इंतजार है। दो लाख आठ हजार के सापेक्ष अभी तक महज 54.96 फीसद जरूरतमंदों को ही इसका लाभ मिल सका है।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों का चयन वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर दिया जा रहा है। यही वजह है कि जगह जगह से आवाजें उठ रहीं हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि तब और अब में काफी अंतर आ चुका है। जिनके पास पहले कुछ नहीं था वह विलासिता की जिंदगी गुजारने के बावजूद गोल्डन कार्ड के हकदार बन गए हैं। वहीं जिनके पास ठीक से बुखार की दवा कराने का पैसा नहीं, वह सूची में नाम न होने की वजह से इस स्वास्थ्य कार्ड के लाभ से दूर खड़े हैं। आठ साल पहले हुई जनगणना आधारित इस कवायद के चलते किसी चौखट में इस योजना का हक केवल पति के पास है तो किसी में पत्नी के पास। त्रिलोकीपुर के राम प्रताप की पत्नी राधा इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं तो बिंदकी की नीतू सैनी के पति अभिषेक को लाभावित श्रेणी मेें नहीं रखा गया है।
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योजना पर एक नजर-
लाभार्थियों की तादाद- दो लाख 8 हजार
जारी हो सके गोल्डन कार्ड- एक लाख 14 हजार 322
इलाज कराने वाले लाभार्थियों की तादाद - दो हजार 764
इलाज में आया खर्च- तीन करोड़ 66 लाख 17 हजार 365 रुपए
यहां भी करा सकते हैं इलाज-
आभा मेडिकल सेंटर, अनुभव डेेंटल केयर हास्पिटल, ब्राडवेल क्रिश्चियन हास्पिटल, करुणा जीवन ज्योति अस्पताल, श्रीराम रतन नर्सिग होम और स्नेह डेंटल सेंटर। गोल्डन कार्ड के तहत जिला महिला अस्पताल, सदर अस्पताल और 10 सीएचसी में इलाज की सुविधा है।
दस लाख बनाने हैं गोल्डन कार्ड
नोडल अफसर डॉ. सुरेश कुमार की माने तो सरकार एक परिवार पर पांच कार्ड को आधार मानकर चल रही है। इस लिहाज से जिले में 10 लाख गोल्डन कार्ड की दरकार है।
सर्वर और बैकअप से आ रही समस्या
चालू महीने में अब तक 44 सौ कार्ड बनाए जा चुके हैं। सर्वर और बैकअप की समस्या से भी काम करने में परेशानी होती है। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर पात्रता रखने वाले परिवार आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए कामन सर्विस सेंटर में सिर्फ 30 रुपए खर्च करने होंगे।
- डॉ. सुरेश कुमार, नोडल अफसर, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना
कैंप लगवाकर बनवाए जा रहे कार्ड
गोल्डन कार्ड के लिए ब्लाक स्तर पर कैंप लगवाए जा रहे हैं। इस महीने काफी तेजी से काम हुआ है। करीब 4400 कार्ड बनवाए जा चुके हैं। पीएचसी व सीएचसी, जिला अस्पताल के साथ छह निजी अस्पताल में इलाज कराया जा सकता है। - डॉ. उमाकांत पांडेय, सीएमओ
फतेहपुर। तीस रुपये में साल भर में पांच लाख रुपये तक के इलाज का प्रबंध कराने वाले गोल्डन कार्ड की पहुंच से तमाम जरूरतमंद दूर हैं। जिले में 23 सितंबर को योजना शुरू हुई थी। पात्रता श्रेणी के 45 फीसदी परिवारों को अभी भी इस खास हेल्थ कार्ड का इंतजार है। दो लाख आठ हजार के सापेक्ष अभी तक महज 54.96 फीसद जरूरतमंदों को ही इसका लाभ मिल सका है।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों का चयन वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर दिया जा रहा है। यही वजह है कि जगह जगह से आवाजें उठ रहीं हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि तब और अब में काफी अंतर आ चुका है। जिनके पास पहले कुछ नहीं था वह विलासिता की जिंदगी गुजारने के बावजूद गोल्डन कार्ड के हकदार बन गए हैं। वहीं जिनके पास ठीक से बुखार की दवा कराने का पैसा नहीं, वह सूची में नाम न होने की वजह से इस स्वास्थ्य कार्ड के लाभ से दूर खड़े हैं। आठ साल पहले हुई जनगणना आधारित इस कवायद के चलते किसी चौखट में इस योजना का हक केवल पति के पास है तो किसी में पत्नी के पास। त्रिलोकीपुर के राम प्रताप की पत्नी राधा इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं तो बिंदकी की नीतू सैनी के पति अभिषेक को लाभावित श्रेणी मेें नहीं रखा गया है।
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योजना पर एक नजर-
लाभार्थियों की तादाद- दो लाख 8 हजार
जारी हो सके गोल्डन कार्ड- एक लाख 14 हजार 322
इलाज कराने वाले लाभार्थियों की तादाद - दो हजार 764
इलाज में आया खर्च- तीन करोड़ 66 लाख 17 हजार 365 रुपए
यहां भी करा सकते हैं इलाज-
आभा मेडिकल सेंटर, अनुभव डेेंटल केयर हास्पिटल, ब्राडवेल क्रिश्चियन हास्पिटल, करुणा जीवन ज्योति अस्पताल, श्रीराम रतन नर्सिग होम और स्नेह डेंटल सेंटर। गोल्डन कार्ड के तहत जिला महिला अस्पताल, सदर अस्पताल और 10 सीएचसी में इलाज की सुविधा है।
दस लाख बनाने हैं गोल्डन कार्ड
नोडल अफसर डॉ. सुरेश कुमार की माने तो सरकार एक परिवार पर पांच कार्ड को आधार मानकर चल रही है। इस लिहाज से जिले में 10 लाख गोल्डन कार्ड की दरकार है।
सर्वर और बैकअप से आ रही समस्या
चालू महीने में अब तक 44 सौ कार्ड बनाए जा चुके हैं। सर्वर और बैकअप की समस्या से भी काम करने में परेशानी होती है। वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर पात्रता रखने वाले परिवार आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए कामन सर्विस सेंटर में सिर्फ 30 रुपए खर्च करने होंगे।
- डॉ. सुरेश कुमार, नोडल अफसर, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना
कैंप लगवाकर बनवाए जा रहे कार्ड
गोल्डन कार्ड के लिए ब्लाक स्तर पर कैंप लगवाए जा रहे हैं। इस महीने काफी तेजी से काम हुआ है। करीब 4400 कार्ड बनवाए जा चुके हैं। पीएचसी व सीएचसी, जिला अस्पताल के साथ छह निजी अस्पताल में इलाज कराया जा सकता है। - डॉ. उमाकांत पांडेय, सीएमओ